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07-Nov-2021 12:48 PM
PATNA : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक और विश्व हिन्दू परिषद् के केन्द्रीय कार्यकारिणी सदस्य ओम प्रकाश गर्ग का निधन शनिवार को कंकड़बाग स्थित डॉ. आर एन सिंह की क्लिनिक में हो गया. विश्व हिन्दू परिषद् के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उनके चिकित्सक डॉ. आर एन. सिंह ने बताया कि इन्हें मामूली स्वांस संबंधित दिक्कत थी. 96 वर्ष की उम्र होने के कारण इनकी स्वाभाविक मृत्यु हुई. RSS के वरिष्ठ प्रचारक ओमप्रकाश गर्ग ने पूरी जिंदगी लोगों को संदेश दिए और जाते-जाते भी बड़ा संदेश दे गए हैं.
दूसरों की दुनिया रोशन करने का संकल्प लेकर काम करने वाले ओमप्रकाश गर्ग ने युवा अवस्था में ही नेत्रदान से लेकर अंगदान का संकल्प लिया था. 96 साल की उम्र में जब उन्होंने दुनिया छोड़ी तो अपना संकल्प पूरा करा दिया. IGIMS में नेत्रदान से अब 4 जिंदगियों में उजाला होगा और अंगदान से डॉक्टरों को पढ़ाई में मदद मिलेगी.
96 साल के ओम प्रकाश गर्ग ने पूरी जिंदगी लोगों को संदेश देने का काम किया. वह हमेशा लोगों को राष्ट्र सेवा को सर्वोपरि बताते हुए नेकी के मार्ग पर चलने की बात कहते थे. उनका जीवन ही देश के लिए समर्पित था. वह युवाओं में जोश भरने का काम करते थे. इसी सोच में उन्होंने युवा अवस्था में ही नेत्रदान और देहदान का संकल्प लिया था. शनिवार को उनकी जीवन यात्रा समाप्त होते ही उनके संकल्प को पूरा कराया गया. ओम प्रकाश गर्ग का नेत्रदान विजय निकेतन में हुआ है. IGIMS के नेत्र बैंक की टीम ने नेत्रदान की प्रक्रिया को पूरी की. उन्होंने देहदान का भी संकल्प लिया था इसलिए देहदान भी किया गया.
IGIMS की तरफ से जानकारी दी गई है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक 96 साल के ओमप्रकाश गर्ग के निधन के बाद उनका संकल्प पूरा किया गया. ऋषि दधीचि की देहदान की परंपरा के प्रति वे संकल्पित थे. देहदान समिति का संकल्प पत्र वर्षों पहले भरा था. शनिवार को नेत्रदान हो गया. 7 नवंबर को 12.30 बजे पार्थिव शरीर का देहदान इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में होगा.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के वरिष्ठ प्रचारक और विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के केंद्रीय कार्यकारिणी के सदस्य रहे ओम प्रकाश गर्ग के निधन से संघ में शोक है. आज ओम प्रकाश गर्ग के अंतिम दर्शन के लिए उनके पार्थिव शरीर को पटना के विजय निकेतन में रखा गया.
कौन थे ओम प्रकाश गर्ग
बता दें कि ओम प्रकाश गर्ग मूल रूप से यूपी के गाजियाबाद के रहने वाले थे. अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद वो संघ के प्रचारक बने थे. उन्होंने उत्तर प्रदेश में संघ के विभिन्न दायित्वों का निर्वहन किया. वर्ष 1966 में भारतीय जनसंघ का दायित्व आया. इसके अगले साल 1967 में यूपी में सरकार के गठन में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही. बाद में 70 के दशक में ओम प्रकाश गर्ग को बिहार में संघ कार्य के लिए भेजा गया था. आपातकाल के दिनों में भूमिगत रहकर उन्होंने लगातार संघर्ष किया. पटना, गया और शाहाबाद में संघ की जितनी गुप्त बैठकें होती थी, उसके सूत्रधार ओम प्रकाश गर्ग होते थे.