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नीतीश सरकार ने IAS सुधीर को दी बड़ी जिम्मेदारी, बिहार SSC घोटाले में आया था इनका नाम, मनु महाराज ने किया था गिरफ्तार

नीतीश सरकार ने IAS सुधीर को दी बड़ी जिम्मेदारी, बिहार SSC घोटाले में आया था इनका नाम, मनु महाराज ने किया था गिरफ्तार

08-Dec-2020 04:58 PM

PATNA :  नीतीश सरकार ने सोमवार को कई आईएएस अफसरों का तबादला किया. ट्रांसफर की इस लिस्ट में एक काफी चर्चित नाम शामिल था. दरअसल भारतीय प्रशासनिक सेवा के 1987 बैच के अफसर सुधीर कुमार का निलंबन रद्द कर दिया गया है. नीतीश सरकार ने इन्हें बड़ी जिम्मेदारी सौंप दी है. सरकार की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक कभी बिहार एसएससी घोटाले के मुख्य आरोपी रहे आईएएस सुधीर कुमार को राजस्व पर्षद का अपर सदस्य बनाया गया है.


साल 2014 में एसएससी के इंटर स्तरीय संयुक्त प्रतियोगिता के प्रारंभिक परीक्षा का प्रश्न पत्र लीक होने के मामले में आईएएस सुधीर कुमार को गिरफ्तार किया गया था. तब ये बिहार कर्मचारी चयन आयोग के चेयरमैन थे, जिनकी गिरफ़्तारी 24 फरवरी 2017 को हुई थी. गिरफ्तारी के बाद इन्हें निलंबित कर दिया गया था. अब निलंबन मुक्त होते ही उनको राजस्व पर्षद का अपर सदस्य बनाया गया है.


उस साल 8 फरवरी में सरकारी नौकरी के लिए होने वाली बिहार कर्मचारी चयन आयोग के दो चरण की परीक्षा से पहले ही सोशल मीडिया पर पर प्रश्न पत्र लीक हो गए थे, जिसके बाद इस घोटाले का पर्दाफाश हुआ. आईएएस सुधीर कुमार के साथ-साथ उनकी पत्नी, भाई और भांजे समेत 6 लोगों को अरेस्ट कर पटना स्थित बेऊर जेल में डाला गया था. एसएससी घोटाले मामले में ढाई दर्जन से अधिक लोगों की गिरफ़्तारी हुई थी.


कर्मचारी चयन आयोग के सचिव परमेश्वर राम, जिन्हें सबसे पहले इस पूरे मामले में गिरफ्तार किया गया था. उनके मोबाइल को खंगालने के बाद इस बात का भी खुलासा हुआ कि इस पूरे घोटाले में बिहार सरकार के दो वरिष्ठ मंत्री आलोक मेहता और कृष्ण नंदन प्रसाद वर्मा शामिल थे. इस घोटाले में सत्तापक्ष के कई विधायकों के भी शामिल होने की बात सामने आई थी.


इस पूरे मामले का जब पर्दाफाश हुआ तब राजधानी पटना के तत्कालीन एसएसपी आईपीएस मनु महाराज के नेतृत्व में एसआईटी गठित की गई. मनु महाराजने इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए अहमदाबाद स्थित जिस प्रिंटिंग प्रेस में प्रश्नपत्र छपा था उसके मालिक को भी गिरफ्तार कर लिया गया था. बाद में एसएसपी मनु महाराज के नेतृत्व में एसआईटी टीम ने इस केस की बारीकी से जांच की और वह हर कड़ी को जोड़ते हुए आगे बढ़ रहे थे. जांच के दौरान कड़ी दर कड़ी जुड़ती चली गई. जिसमें पता चला कि सुधीर कुमार की बहू और भांजा भी इस बार परीक्षा दे रहे थे.



मनु महाराज के नेतृत्व में गठित एसआईटी को शक हुआ कि उन्हें मदद पहुंचाने के लिए प्रश्नपत्र लीक किया गया था. सारी कड़ियां जब आपस में जुड़ गईं तो आखिरकार आईएएस सुधीर कुमार और उनके रिश्तेदारों को को गिरफ्तार किया गया. उस वक्त सुधीर कुमार को झारखंड के हजारीबाग से गिरफ्तार कर पटना लाया गया था.


आपको बता दें कि बिहार कर्मचारी चयन आयोग के अध्यक्ष रहे सुधीर कुमार 1987 बैच के आईएएस अधिकारी हैं. वह राज्य में कई अहम पदों पर रह चुके हैं. जब इनकी गिरफ्तारी हुई थी तब बिहार के आईएएस लॉबी में हलचल मच गई थी. आईएएस एसोसिएशन के सदस्यों ने सीएम नीतीश कुमार से भी मुलाकात करने की और सुधीर कुमार की गिरफ्तारी का पुरजोर विरोध किया.