Bihar News: भूमि सुधार विभाग की अप्रैल महीने की रैंकिंग जारी, 10 जिलों का प्रदर्शन बेहद खराब; जानें... कौन-सा जिला है अव्वल? Ankita Bhandari Murder Case: 3 साल बाद अंकिता भंडारी को मिला इंसाफ, तीनों दरिंदे दोषी करार Bihar Crime News: काम पर जा रहे युवक को गोली मारकर हत्या, इलाके में दहशत का माहौल Bihar News: मुंगेर में होमगार्ड जवान की मौत, बंदूक फैक्ट्री में थे कार्यरत Bihar Police: बिहार पुलिस में नौकरी पाने का सुनहरा अवसर, आवदेन में रह गए मात्र इतने दिन शेष Bihar News: सात मई से चल रही राजस्वकर्मियों की हड़ताल खत्म, अल्टीमेटम देकर विभाग ने जारी किया यह निर्देश; जानिए... Pm Modi in Bihar: PM मोदी की हुंकार...'प्राण जाय पर वचन न जाय', मैं अपना वचन पूरी कर बिहार की धरती पर आया हूं, सिंदूर की शक्ति क्या होती है, यह 'पाकिस्तान' और 'दुनिया' दोनों ने देखा.. Pm Modi in Bihar: PM मोदी के सामने CM नीतीश बार-बार हाथ जोड़कर क्या कह रहे थे, प्रधानमंत्री ने क्या जवाब दिया ? जानें.... Pm Modi in Bihar: खुली जीप में सवार होकर लोगों का अभिवादन करते मंच तक पहुंचे प्रधानमंत्री, नीतीश-सम्राट भी साथ Virat Kohli: T20 क्रिकेट में विराट का एक और महारिकॉर्ड, बने ऐसा करने वाले प्रथम भारतीय बल्लेबाज
24-Jul-2022 12:06 PM
By RITESH HUNNY
SAHARSA : न भवन है न बेंच है. बच्चे खुले आसमान के नीचे पढ़ने को मजबूर हैं. यही है हमारे शिक्षण संस्थानों की तस्वीर, जो सरकार के सुशासन के दावों की पोल खोल रही है. सहरसा जिले में एक ऐसी स्कूल है, जहां बच्चों को खुले आसमान के निचे बांसबाड़ी में पढ़ाया जाता है. बच्चे को स्कूल में पढ़ने के लिए कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है. बारिश के मौसम में बच्चें भींगकर पढ़ने को मजबूर हैं. हैरानी की बात है कि स्कूल के पास भवन निर्माण के लिए पर्याप्त जमीन है. मामला सामने आने के बाद सरकार द्वारा विधालयों के इन्फ्रास्ट्रक्चर को लेकर किए जा रहे दावों पर सवाल उठ रहे हैं.
जानकारी के मुताबिक, सौरबाजार प्रखंड अन्तर्गत कांप पंचायत में संचालित एनपीएस विजयनगर पश्चिम स्कूल में डेढ़ सौ से अधिक बच्चे बढ़ते हैं. लेकिन इसका भवन निर्माण आज तक नहीं हो सका है. स्कूल के भवन का निर्माण नहीं होने की वजह से बच्चे बांसबाड़ी में पढ़ने को मजबूर हैं. स्कूल में बच्चों के लिए शौचालय की भी व्यवस्था नहीं की गई है.
प्रधानाध्यापक मनोज कुमार राय ने बताया कि स्कूल के पास को पर्याप्त जमीन है. बावजूद इसके आज तक भवन का निर्माण नहीं हो पाया है. स्कूल के द्वारा कई बार सरकार को भवन निर्माण के लिए पत्र लिखे गये, लेकिन भवन बनाने की स्वीकृति नहीं मिल पाई है. ऐसे में बच्चें को तपती धूप एवं बरसात में काफी कठनाइयों का सामना करना पड़ता है.
प्रधानाध्यापक ने बताया कि एक बार पास के मध्य विद्यालय में स्कूल को समायोजित किया गया था. लेकिन, ग्रामीणों ने इस फैसले का जमकर विरोध किया. हंगामा के बाद पुनः स्कूल को बांसबाड़ी में स्थापित कर दिया गया. यदि ऐसे ही खुले बच्चे को पढ़ाया जाएगा तो अप्रिय घटना होने की भी सम्भावना है. वहीं, इस मामले पर जिला शिक्षा पदाधिकारी हब्बीबुल्ला ने बताया कि मामले की जांच करवाई जायेगी.