मुजफ्फरपुर के डीएम के नाम से फर्जी व्हाट्सएप प्रोफाइल, प्रशासन ने जारी की चेतावनी भारतीय क्रिकेटर आकाशदीप ने सासाराम में मनाया जन्मदिन, AB क्रिकेट अकादमी में हुआ खास आयोजन सुपौल के लोहियानगर रेलवे गुमटी पर बड़ा हादसा, ऑटो की टक्कर से टूटा फाटक, भीषण जाम की स्थिति बिहार बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद श्यामा मंदिर में संजय सरावगी ने की पूजा, नेतृत्व के विश्वास पर खड़ा उतरने का लिया संकल्प Bihar Transfer Posting: बिहार प्रशासनिक सेवा के दो अधिकारियों का तबादला, दो वेटिंग फॉर पोस्टिंग; सरकार ने जारी की अधिसूचना Bihar Transfer Posting: बिहार प्रशासनिक सेवा के दो अधिकारियों का तबादला, दो वेटिंग फॉर पोस्टिंग; सरकार ने जारी की अधिसूचना Bihar Crime News: घर के बरामदे में सो रहे शख्स की हत्या, बदमाशों ने बैक टू बैक मारी तीन गोलियां Bihar Crime News: घर के बरामदे में सो रहे शख्स की हत्या, बदमाशों ने बैक टू बैक मारी तीन गोलियां Ration Card: अगर अबतक नहीं किया यह काम तो रद्द हो जाएगा आपका राशन कार्ड, बिहार में शुरू होने जा रहा विशेष अभियान Ration Card: अगर अबतक नहीं किया यह काम तो रद्द हो जाएगा आपका राशन कार्ड, बिहार में शुरू होने जा रहा विशेष अभियान
05-Aug-2022 12:57 PM
SAHARSA : बिहार में मुखिया की टेंशन बढ़ने वाली है। अब उन्हें GST नंबर लेना अनिवार्य होगा, तभी वे भुगतान कर पाएंगे। दरअसल, सरकारी योजनाओं के लिए डिजिटल भुगतान आते ही योजनाओ की रफ़्तार धीमी पड़ गई है। पंचायत की सरकार को लगभग सात महीने हो गए हैं, लेकिन विकास योजना अब तक जस का तस है। पहले सरकारी प्रावधान के तहत प्रखंड में विकास योजनाओं के संचालन को लेकर एक पद बीपीआरओ सृजित किया गया। लेकिन, बाद में बीडीओ को योजना संचालन का प्रभार सौंप दिया गया। इसी दौरान योजनाओं की राशि भुगतान को लेकर डिजिटल भुगतान के लिए डोंगल बनवाए गए।
वहीं, मुखिया के लिए GST नंबर भी बड़ी परेशानी बनी हुई है। बीडीओ को प्रभार मिलने के एक महीने बाद सरकार ने 15 दिन पहले निर्देश जारी किया कि सभी निकासी और व्ययन पदाधिकारी को जीएसटी नंबर लेना होगा। इसके बिना वे किसी योजना का भुगतान नहीं कर सकेंगे। आपको बता दें, जब से नए निर्देश जारी किए गए हैं तब से लेकर अभी तक प्रखंड के 19 पंचायत में से महज महिसरहो पंचायत की मुखिया ने ही जीएसटी नंबर लिया है।
इससे जुड़ी जो जानकारी सामने आई है, उसके मुताबिक़ बीडीओ के जीएसटी नंबर के लिए आवेदन किया गया है, लेकिन फिलहाल ये प्रोसेस में है। ऐसे में पंचायतों और प्रखंड में राशि की उपलब्धता के बाद पहले के ही योजनाओ के लिए भुगतान नहीं हुआ है। जानकारी के अनुसार प्रखंड में पंसस के विकास कार्य के लिए 15वीं वित्त मद में तीन करोड़ से अधिक की राशि उपलब्ध है। बीडीओ विनय मोहन झा की मानें तो सभी जनप्रतिनिधियों को जल्द से जल्द जीएसटी नंबर प्राप्त करने का निर्देश दे दिया गया है।