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03-Oct-2023 07:22 PM
By First Bihar
PATNA: बिहार सरकार की ओर से प्रदेश में जातीय गणना कराई गयी थी जिसकी रिपोर्ट अब जारी कर दिया गया है। राष्ट्रपति महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री की जयंती के मौके पर जातीय गणना की रिपोर्ट प्रकाशित की गयी। जिसे लेकर अब सवाल उठने लगा है। विपक्षी पार्टी बीजेपी ने इसे हड़बड़ी में किया गया गड़बड़ रिपोर्ट बताया है तो वही लोजपा रामविलास के राष्ट्रीय अध्यक्ष व जमुई के सांसद चिराग पासवान ने इसे राजनीतिक लाभ उठाने का आंकड़ा बताया।
चिराग पासवान ने कहा कि बिहार सरकार ने जो जातीय गणना कराया और जिस तरह से आंकड़े सार्वजनिक किये गये हैं ये बिहार सरकार की राजनैतिक महत्वकांक्षाओं को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि इसमें जिस तरीके से जाति विशेष की आंकड़ो को बढ़ाकर दिखाया गया है और बिहार के ऐसे ही कई अन्य छोटी जातियां है जिनके आंकड़ों को कम दिखाकर राजनीतिक लाभ उठाने का प्रयास किया गया है।
चिराग ने कहा कि पासवान जाति की आबादी को कम दिखाने का प्रयास किया गया है और ऐसा राजनीतिक लाभ लेने की दृष्टि से किया गया है। लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास बिहार सरकार की इस जातीय गणना को नकारती है और इसे दोबारा कराने की मांग करती है। चिराग ने कहा कि इसमें पारदर्शिता नहीं बरती गयी है। ना तो राजनीतिक कार्यकर्ताओं से इस संबंध में पूछा गया है और ना ही आम बिहारी से ही सवाल पूछे गये हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार में चल रही महागठबंधन की सरकार ने राजनीतिक लाभ उठाने के लिए ऐसा किया है। हम चाहते हैं कि जनता के समक्ष सही जानकारी हो। ऐसा तभी होगा जब जातीय गणना के आंकड़े सही हो। अभी जो रिपोर्ट सरकार ने पेश किया है वो गलत है इसलिए फिर से जातीय गणना बिहार में करायी जाए।