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23-Feb-2020 03:04 PM
By Ganesh Samrat
PATNA : बिहार में चुनावी साल में लालू के लाल तेजस्वी यादव ने विरोधियों के खिलाफ शंखनाद कर दिया है। 'बेरोजगारी हटाओ यात्रा' को लेकर वे सड़क पर उतर आए हैं। बिहार विधानसभा चुनाव तेजस्वी की अग्निपरीक्षा साबित होने जा रही है जिसमें उन्हें अपने पिता लालू यादव के मैदान में उतरे अपने दम पर किला फतह करना है। आज पटना की सड़कों से लेकर वेटनरी ग्राउंड तक जो नजारा दिखा उसने लालू की रैली के उस दौर की याद दिला दी जब समर्थक माथे में लालटेन बांधे, शरीर को हरे रंग से रंग पटना की सड़को पर उतर आते थे।
पटना की सड़कों पर जब तेजस्वी यादव की बेरोजगारी हटाओ रैली का कांरवा वेटनरी ग्राउंड के लिए निकला तो हर तरफ कुछ ऐसा नजारा दिखा कि आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव की रैली की यादा आ गयी। जब लालू यादव के आह्वान पर पटना के गांधी मैदान में लोगों का हुजूम उमड़ पड़ता था। समर्थकों का अपना अलग अंदाज होता था। समर्थक अपने बदन पर लालटेन की तस्वीर बनवाकर पहुंचते थे। जिंदाबाद का नारा लिखा होता था और पूरा बदन हरे रंग से रंगा होता था। आज तेजस्वी की रैली में ऐसा ही सबकुछ नजर आ रहा था।
राजद नेता अर्जुन राय के समर्थक कुछ अलग ही रंग में नजर आ रहे थे। उनके समर्थकों के शरीर पर लालू-राबड़ी जिंदाबा, तेजस्वी यादव जिंदाबाद जैसे नारे लिखे हुए थे वहीं रिक्शे पर सवार समर्थक लालू यादव जिंदाबाद के नारे भी लगा रहे थे। पटना के वेटनरी कॉलेज का नजारा किसी गांधी मैदान की रैली से कम नहीं नजर आ रहा था । हां इतना जरुर था कि मंच पर हाईटेक व्यवस्था दिख रही थी। इलेक्ट्रॉनिक फैलेक्स बैनर दिख रहे थे।जबकि लालू के जमाने में केवल कपड़ों का बैनर पोस्टर इस्तेमाल होता था।
गरीब रैला, महागरीब रैला, लाठी रैला, चेतावनी रैली और परिवर्तन रैली लालू की बड़ी रैलियों में शुमार रहे हैं। साल 2003 में हुई लाठी रैला ने काफी सुर्खियां बटोरी थी। ये रैली उस दौर में हुई थी जब बिहार की राजनीतिक हवा में लालू यादव का असर कम हो चुका था। ऐसे में अपने जनाधार बचाने के लिए लालू ने लाठी रैला किया था। इसमें बड़ी संख्या में लालू के समर्थक पहुंचे थे।