Bihar News: राज्य के 15 इंजीनियरिंग कॉलेजों में विदेशी भाषा की पढ़ाई शुरू, वैश्विक नौकरी होगी अब और भी आसान Bihar job update : बिहार में जल्द होगी 22,089 नर्सों की बहाली, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय का ऐलान Bihar News: रिश्वत में वाशिंग मशीन और कैश लेते गिरफ्तार हुए दारोगा साहेब, निगरानी ने कुछ ऐसे दबोचा Cooperative Banks loan in Bihar: बिहार के 15 जिलों में खुलेंगे सहकारी बैंक, एक लाख लोगों को मिलेगा लोन Boycott Turkish Products: भारत में शुरू हुआ तुर्की का आर्थिक बहिष्कार, 2023 में हमारी दरियादिली देखी, अब भुगतो नाराजगी बिहार में नहीं थम रहा भूमि विवाद का मामला: मुजफ्फरपुर में जमीन कारोबारी की हत्या, दूसरे की हालत गंभीर CBSE Board 12th Result 2025: गोल इंस्टीट्यूट के छात्र-छात्राओं ने लहराया परचम PATNA: बिहार के शिक्षकों एवं पुस्तकालयाध्यक्षों के लिए अच्छी खबर, वेतन भुगतान के लिए 28 अरब से अधिक की राशि जारी Patna News: पटना में लेडीज स्पेशल पिंक बस के परिचालन का मार्ग निर्धारित, जानिए.. किराया और रूट Patna News: पटना में लेडीज स्पेशल पिंक बस के परिचालन का मार्ग निर्धारित, जानिए.. किराया और रूट
27-Mar-2022 05:29 PM
PATNA: बिहार विधानसभा में वीआईपी पार्टी का अस्तित्व समाप्त होने के बावजूद मंत्री की कुर्सी छोड़ने पर राजी नहीं हो रहे मुकेश सहनी को एक सप्ताह के भीतर बर्खास्त किया जा सकता है. बीजेपी ने आज इसके साफ संकेत दे दिये. हालांकि बीजेपी को उम्मीद थी कि मुकेश सहनी खुद ही इस्तीफा दे देंगे लेकिन वे खुद मंत्री पद का रूतबा छोड़ने को तैयार नहीं हैं. ऐसे में अब कार्रवाई की तैयारी हो रही है.
बर्खास्त होंगे मुकेश सहनी
गौरतलब है कि पिछले सप्ताह ही मुकेश सहनी की पार्टी के तीनों विधायक बीजेपी में शामिल हो चुके हैं. उन्होंने विधानसभा में वीआईपी पार्टी का विलय ही बीजेपी में करा दिया है. भाजपा को उम्मीद थी कि इसके बाद मुकेश सहनी खुद मंत्री पद छोड़ देंगे. लेकिन मुकेश सहनी मंत्री की कुर्सी छोड़ने को राजी नहीं हैं. वे बार-बार कह रहे हैं कि नीतीश कुमार ने उन्हें मंत्री बनाया है औऱ नीतीश कुमार चाहेंगे तो उन्हें मंत्री पद से हटा देंगे. लेकिन वे खुद इस्तीफा नहीं देंगे।
मुकेश सहनी के इसी पैंतरे के बाद आज बीजेपी ने भूमिका तैयार की. पटना में आज बीजेपी ने मल्लाह जाति के लोगों को अपने दफ्तर में बुलाया. उसके बाद बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा कि पूरे राज्य के मत्स्यजीवी समाज के लोगों ने उनसे ये शिकायत की है कि मुकेश सहनी ने उनका भारी नुकसान किया है. संजय जायसवाल ने कहा कि मल्लाह जाति के लोगों के लिए पूरे राज्य में मछुआ को-ऑपरेटिव सोसायटी बनी थी. लेकिन पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री मुकेश सहनी ने इस सोसायटी में एक अधिकारी को बिठा दिया. संजय जायसवाल ने कहा कि बिहार के सहकारिता मंत्री सुभाष सिंह ने मछुआ को-ऑपरेटिव सोसायटी को लेकर मुकेश सहनी को पांच दफे पत्र लिखा. लेकिन मुकेश सहनी ने एक भी पत्र का जवाब नहीं दिया।
संजय जायसवाल ने कहा कि मुकेश सहनी ने राज्य भर के मछुआरों का भारी नुकसान पहुंचाया है. बीजेपी इसे बर्दाश्त नहीं करेगी. अब तक बीजेपी उन्हें मछुआरे समाज के लोगों की भलाई के लिए काम करने को समझा रही थी लेकिन अब कार्रवाई की जायेगी. संजय जायसवाल के बयान से स्पष्ट था कि दो-चार दिनों के भीतर ही मुकेश सहनी पर कार्रवाई हो सकती है.
क्या नीतीश बचायेंगे मुकेश सहनी
दरअसल मुकेश सहनी को उम्मीद है कि नीतीश कुमार उन्हें बचा लेंगे. पिछले तीन-चार महीने से मुकेश सहनी नीतीश कुमार का प्रशस्ति गान करने में लगे हैं. मुकेश सहनी जब उत्तर प्रदेश में भाजपा हराओ मुहिम चला रहे थे तो उसी दौरान नीतीश कुमार की तारीफों के पुल बांध रहे थे. उन्होंने यूपी चुनाव में जेडीयू के एक उम्मीदवार को बिना मांगे समर्थन भी दे दिया. वहीं बिहार के विधान परिषद चुनाव में भी बीजेपी उम्मीदवारों के खिलाफ प्रत्याशी उतारने के साथ साथ जेडीयू के सारे प्रत्याशियों को समर्थन का भी एलान किया था. मुकेश सहनी को पता था कि उन्होंने जिस तरीके से बीजेपी को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की है उसके बाद भाजपा पलटवार जरूर करेगी. ऐसे में नीतीश को खुश करके मंत्री की कुर्सी बचाये रखने की भरपूर कोशिश कर रहे थे.
नीतीश से उम्मीद बेमानी
लेकिन जो सियासी हालात हैं उसमें मुकेश सहनी की उम्मीदों को नीतीश कुमार से सहारा मिलने की बात बेमानी ही दिख रही है. वैसे नीतीश कुमार ने मुकेश सहनी को संरक्षण देने की कोशिश जरूर की थी लेकिन बीजेपी ने उन्हें साफ साफ मैसेज दे दिया था. सूत्र बताते हैं कि बोचहां विधानसभा उपचुनाव में जब बीजेपी ने मुकेश सहनी का नोटिस लिये बगैर अपना उम्मीदवार उतार दिया था तो मुकेश सहनी सबसे पहले नीतीश कुमार के दरबार में ही पहुंचे थे. जेडीयू के सूत्रों की मानें तो सीएम हाउस से निर्देश मिलने के बाद ही जेडीयू के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने बयान दिया था कि जेडीयू मुकेश सहनी औऱ बीजेपी के बीच विवाद में मध्यस्थता करने को तैयार है.
बीजेपी सूत्र बताते हैं कि जेडीयू नेता उपेंद्र कुशवाहा के बयान से बीजेपी आलाकमान भी नाराज हुआ. लिहाजा उसी दिन केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय को नीतीश कुमार के पास भेज कर मैसेज दिलाया गया था. मैसेज यही था कि वे मुकेश सहनी के बचाव में नहीं उतरे. इसी रिएक्शन में बीजेपी ने दो दिनों के भीतर ही मुकेश सहनी की पार्टी के सारे विधायकों को अपने दल में शामिल करा लिया. जानकार बताते हैं कि इसकी कोई भनक नीतीश कुमार तक को नहीं लगने दी गयी थी. नीतीश कुमार को भी तब इसकी जानकारी मिली जब वीआईपी पार्टी के तीनों विधायक विधानसभा अध्यक्ष के पास पत्र लेकर पहुंच गये थे.
बीजेपी के कड़े रूख का ही असर है कि जेडीयू का कोई नेता इस प्रकरण पर कुछ नहीं बोल रहा है. कोई मुकेश सहनी के समर्थन में बोलने को तैयार नहीं है. हां, जेडीयू ने ये जरूर स्पष्ट कर दिया कि अगर बीजेपी मुकेश सहनी को हटायेगी तो नीतीश इसका विरोध नहीं करेंगे. नीतीश के करीबी माने जाने वाले मंत्री अशोक चौधरी ने मीडिया में बयान दिया कि मुकेश सहनी भाजपा के कोटे से मंत्री बने थे. उनका क्या करना है ये भाजपा ही तय करेगी. जेडीयू को इससे मतलब नहीं है. अशोक चौधरी के बयान के बाद से ही ये साफ हो गया था कि नीतीश कुमार मुकेश सहनी को बचाने नहीं जा रहे हैं.
कब बर्खास्त होंगे मुकेश सहनी
बीजेपी के नेता बता रहे हैं कि पहले ये तय किया गया था कि बोचहां उप चुनाव के बाद मुकेश सहनी को मंत्री पद से बर्खास्त किया जाये. लेकिन वे मंत्री की सुविधायें ले कर उसका उपयोग बीजेपी के खिलाफ ही कर रहे हैं. ऐसे में पार्टी के कई नेता दबाव बना रहे हैं कि मुकेश सहनी को तुंरत मंत्री पद से बर्खास्त किया जाये. चर्चा ये हो रही है कि बिहार विधानमंडल का सत्र समाप्त होते ही मुकेश सहनी को मंत्री पद से हटाया जा सकता है.