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25-Aug-2023 02:43 PM
By First Bihar
PATNA : इस वक्त की बड़ी खबर बिहार सरकार के शिक्षा विभाग से निकलकर सामने आ रही है जहां शिक्षा विभाग ने 5 यूनिवर्सिटी के वीसी नियुक्त करने को लेकर जो विज्ञापन जारी किया था। उस विज्ञापन को वापस ले लिया है। इसके बाद अब राज्य में कुलपतियों की नियुक्ति राज्यपाल ही करेंगे। नीतीश कुमार ने हाल ही में राजभवन जाकर राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर से मुलाकात की थी। दोनों के बीच वीसी नियुक्ति विवाद पर विस्तार से चर्चा हुई। उसके बाद अब नीतीश कुमार बैकफूट पर खड़े नजर आ रहे हैं।
दरअसल, शिक्षा विभाग ने शुक्रवार को पांच यूनिवर्सिटी में वीसी नियुक्त करने का विज्ञापन वापस ले लिया। अब कुलपतियों की नियुक्ति राज्यपाल ही करेंगे। इससे पहले बीते सोमवार को राज्य के पांच विश्वविद्यालयों में वीसी की नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी किए थे। इसके लिए विभाग ने 13 सितंबर तक आवेदन मांगे थे। जबकि, राजभवन पहले ही विज्ञापन जारी कर चुका था और 25 अगस्त आवेदन की अंतिम तारीख है।
दोनों ओर से एक ही तरह के पदों के लिए जारी विज्ञापन से सरकार और राजभवन के बीच टकराव की स्थिति पैदा हो गई। वहीं, जो उम्मीदवार राजभवन द्वारा निकाली गई नियुक्ति के लिए आवेदन कर चुके हैं, वे भी कंफ्यूजन में पड़ गए थे। राजनीतिक गलियारों में भी कई तरह की चर्चा शुरू हो गई थी उसके बाद सीएम खुद राज्यपाल से जाकर मिले थे अब इस मुलाक़ात के उपरांत वापस से सबकुछ पटरी पर आता हुआ नजर आ रहा है।
मालूम हो कि, इससे पहले राजभवन ने शिक्षा विभाग के उस आदेश को भी रद्द कर दिया था, जिसमें बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के कुलपति और प्रोवीसी का वेतन रोक दिया गया था। जिसके बाद इसको लेकर सरकार और राज्यपाल के बीच काफी तानातानी की हालात बन गए थे और अब यह सबकुछ सामान्य होता हुआ नजर आ रहा है।
आपको बताते चलें कि, नियमानुसार पहले सर्च कमिटी का गठन होना था और सर्च कमिटी को ही विज्ञापन जारी करने का अधिकार प्राप्त होता। लेकिन, ऐसा नहीं होने पर बिहार विश्विद्यालय अधिनियम 1976 के संशोधित 2013 के प्रावधान का उल्लंघन होता हुआ दिख रहा है। 2013 के अनुच्छेद 10 के तहत सर्च कमिटी की अनुशंसा से कुलाधिपति को नियुक्ति का अधिकार प्राप्त है। पैनल निर्माण कर कुलाधिपति विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति कर सकते हैं।