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26-Jul-2024 06:56 AM
By First Bihar
PATNA : अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), पटना में अगले माह यानी अगस्त से किडनी प्रत्यारोपण (ट्रांसप्लांट) की सुविधा शुरू हो जाएगी। बिहार सरकार के स्वास्थ्य विभाग द्वारा मानव अंग और ऊतक प्रत्यारोपण अधिनियम, 1994 के तहत एम्स पटना को किडनी प्रत्यारोपण की मंजूरी दे दी गई है। इसको लेकर एम्स पटना सीईओ डॉ. गोपाल कृष्ण पाल ने कहा कि ट्रांसप्लांट अगस्त तक शुरू होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि विभिन्न विशिष्टताओं के सात डॉक्टरों की एक टीम ने पीजीआई, चंडीगढ़ में औपचारिक अल्पकालिक प्रशिक्षण पूरा कर लिया है।
उन्होंने कहा कि यूरोलॉजी, नेफ्रोलॉजी और एनेस्थिसियोलॉजी विभाग, किडनी प्रत्यारोपण के लिए महत्वपूर्ण हैं। उक्त विभाग अच्छी तरह से कार्य कर रहे हैं। यहां रेडियोलॉजी, माइक्रोबायोलॉजी, पैथोलॉजी और कार्डियोलॉजी सहित विभिन्न विभागों के विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम मौजूद है। पहले चरण में किडनी प्रत्यारोपण तभी शुरू होगा, जब मरीजों को रक्त संबंधी डोनर से किडनी मिलेगी। दूसरे चरण में, संस्थान कैडवेरिक ट्रांसप्लांट शुरू करेगा, जहां ब्रेन डेड मरीजों के परिजनों की सहमति से किडनी निकाली जाएगी।
उन्होंने कहा कि हमारे पास पहले से ही पांच डायलिसिस मरीज हैं, जो प्रत्यारोपण का इंतजार कर रहे हैं। इनकी सर्जरी के लिए विभिन्न परीक्षण किए जा रहे हैं। एम्स पटना में अत्याधुनिक गहन देखभाल इकाई है जिसमें कार्डियक आउटपुट मॉनिटर और ईसीएमओ आदि जैसे अपडेट उपकरण और सुविधाएं हैं। एम्स पटना में किडनी प्रत्यारोपण की सुविधा के शुरू होने के बाद बिहार के अलावा झारखंड, पश्चिम बंगाल, उत्तर पूर्वी राज्यों और यहां तक कि उत्तर प्रदेश और ओडिशा के आसपास के जिलों के मरीजों को लाभ मिलेगा।
आपको बताते चलें कि, पटना एम्स में निजी संस्थानों की तुलना में बेहद कम खर्च में किडनी ट्रांसप्लांट हो सकेगा। निजी अस्पतालों में किडनी प्रत्यारोपण पर 8 से 10 लाख रुपये खर्च होता है। इसकी तुलना में एम्स लगभग 3 लाख प्रत्यारोपण हो जाएगा। इसमें दाता और प्राप्तकर्ता के लिए दवाओं और अस्पताल में रहने का खर्च भी शामिल है।