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कैलाशपति मिश्र से अश्विनी चौबे को बैर: स्व. मिश्र के पैतृक गांव में प्रतिमा स्थापित न होने देने के लिए जी-जान लगाया, जानिये इनसाइड स्टोरी

कैलाशपति मिश्र से अश्विनी चौबे को बैर: स्व. मिश्र के पैतृक गांव में प्रतिमा स्थापित न होने देने के लिए जी-जान लगाया, जानिये इनसाइड स्टोरी

30-Oct-2023 06:25 PM

By First Bihar

PATNA: बिहार में जनसंघ से लेकर भाजपा को स्थापित करने के लिए अपना पूरा जीवन लगा देने वाले बीजेपी के भीष्म पितामह कैलाशपति मिश्र से केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे को बैर हो गया है. स्व. कैलाशपति मिश्र के पैतृक गांव में उनकी प्रतिमा स्थापना को रोकने के लिए अश्विनी चौबे ने जी-जान लगा दिया है. खबर ये आ रही है कि भाजपा की हाईलेवल बैठक में अश्विनी चौबे ने हंगामा खड़ा कर दिया. चौबे ने बैठक में कहा-मेरे संसदीय क्षेत्र में मुझसे पूछे बगैर कोई प्रतिमा स्थापित नहीं हो सकती. 


क्या है मामला?

बिहार में भाजपा के भीष्म पितामह कहे जाने वाले कैलाशपति मिश्र मूल रूप से बक्सर के दुधारचक गांव के निवासी थे. उनके पैतृक गांव में स्व. कैलाशपति मिश्र की स्मृति से जुड़ी कोई चीज नहीं है. ऐसे में उनके परिजनों ने अपने बूते गांव में स्व. कैलाशपति मिश्र की प्रतिमा स्थापित करने का फैसला लिया. इसके बाद बक्सर जिले के भाजपा कार्यकर्ता भी इस काम में मदद के लिए आगे आये. 3 नवंबर को बक्सर के दुधारचक गांव में स्व. कैलाशपति मिश्र की प्रतिमा के अनावरण का कार्यक्रम रखा गया है.


आग बबूला हुए अश्विनी चौबे

लेकिन दुधारचक गांव में स्व. कैलाशपति मिश्र की प्रतिमा को लगाये जाने पर केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे आग बबूला हो गये हैं. बता दें कि अश्विनी चौबे बक्सर लोकसभा क्षेत्र से ही सांसद हैं. लेकिन सवाल ये उठता है कि अश्विनी चौबे को कैलाशपति मिश्र की प्रतिमा से क्या दुश्मनी हो गयी. दुधारचक गांव के लोग इसका कारण बता रहे हैं. एक ग्रामीण ने बताया कि कैलाश जी की प्रतिमा लगे से अश्विनी चौबे की कलई खुल रही है. अश्विनी चौबे ने इस गांव को गोद लिया था. वे गांव में आकर बड़े-बड़े वादे कर गये थे. लेकिन एक भी काम नहीं किया. अश्विनी चौबे ने दुधारचक गांव में सिर्फ एक पेड़ लगाया था और वह भी सूख गया. अब ग्रामीण आपस में मिलकर कैलाश जी की प्रतिमा लगा रहे हैं तो अश्विनी चौबे को ये लग रहा है कि उनके झूठे वादों को पोल खुल जायेगी. 


पार्टी की बैठक में चौबे ने खुली चेतावनी दी

दरअसल कैलाशपति मिश्र के पैतृक गांव में लग रही प्रतिमा के अनावरण में शामिल होने के लिए ग्रामीणों ने केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सम्राट चौधरी समेत बीजेपी के दूसरे नेताओं को आमंत्रित किया है. इन नेताओं ने कार्यक्रम में शामिल होने की स्वीकृति भी दे दी है. लेकिन अश्विनी चौबे ने पार्टी की हाईलेवल बैठक में हंगामा खड़ा कर दिया. 


बीजेपी सूत्रों के मुताबिक तीन दिन पहले भाजपा के राष्ट्रीय संगठन मंत्री बीएल संतोष पटना में आये हुए थे. वे कोर कमेटी के साथ बैठक कर रहे थे. वहीं, अश्विनी चौबे ने हंगामा खड़ा कर दिया. भाजपा के एक वरीय नेता ने बताया कि अश्विनी चौबे ने अपनी पार्टी के नेताओं को चेताया कि वे स्व. कैलाशपति मिश्र की प्रतिमा के अनावरण में शामिल नहीं हों. इस दौरान चौबे की एक केंद्रीय मंत्री से बहस भी हो गयी. सूत्र बता रहे हैं कि अश्विनी चौबे ने कहा कि मेरे क्षेत्र में मुझसे पूछे बगैर कुछ नहीं हो सकता. अगर कैलाश जी की प्रतिमा के अनावरण में कोई भाजपा नेता शामिल हुआ तो ठीक नहीं होगा. 


बक्सर बीजेपी के हर नेता को जा रहा फोन 

चौबे सिर्फ पटना में ही धमकी नहीं दे रहे हैं. बक्सर बीजेपी के एक पदाधिकारी ने फर्स्ट बिहार को बताया कि पार्टी के हर छोटे-बड़े नेता के पास अश्विनी चौबे का फोन जा रहा है. किसी सूरत में कैलाशपति मिश्र के प्रतिमा अनावरण कार्यक्रम को फेल कराना है. केंद्रीय मंत्री चौबे प्रतिमा अनावरण के कार्यक्रम में शामिल होने वाले पार्टी नेता के खिलाफ कार्रवाई की भी चेतावनी दे रहे हैं. 


चौबे के खिलाफ आक्रोश 

उधर, कैलाशपति मिश्र की प्रतिमा के अनावरण में अश्विनी चौबे के अडंगे पर भाजपा समर्थकों के एक बड़े तबके में आक्रोश भी है. पार्टी के युवा कार्यकर्ता अभिषेक मिश्र ने फर्स्ट बिहार को कहा कि स्व. कैलाशपति मिश्र भाजपा नहीं बल्कि बक्सर के भीष्म पितामह थे. अश्विनी चौबे उन्हें अपमानित कर रहे हैं. इसका खामियाजा बीजेपी को चुनाव में भगुतना पड़ेगा। फर्स्ट बिहार ने इस संबंध में अश्विनी चौबे का पक्ष जानने के लिए कई बार उनके मोबाइल पर कॉल किया. लेकिन, फोन रिसीव नहीं किया गया।