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27-Aug-2023 12:58 PM
By First Bihar
PATNA: बिहार में जातीय गणना को लेकर हो रही सियासत थमने का नाम नहीं ले रही है। आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद ने शनिवार को एक पुस्तक के लोकार्पण के दौरान कहा कि बीजेपी और केंद्र सरकार जातीय गणना में अडंगा लगा रही है। लालू के इस आरोप पर बीजेपी ने पलटवार किया है। बिहारी के पूर्व डिप्टी सीएम और बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने बताया कि बीजेपी के जातीय गणना का समर्थन करने से लालू को क्यों परेशानी हो रही है।
आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद द्वारा जातीय गणना को लेकर दिए गए बयान पर सुशील मोदी ने कहा कि लालू को सिर्फ इस बात से परेशानी है कि बीजेपी जातीय गणना का समर्थन क्यों कर रही है। बिहार में जातीय गणना का निर्णय एनडीए की सरकार में हुआ था। बीजेपी अगर नहीं चाहती तो जातीय गणना कभी नहीं हो सकती थी। जब यह फैसला हुआ उस वक्त एनडीए की सरकार थी और सरकार में बीजेपी के 16 मंत्री थे लेकिन लालू यादव की पार्टी का दूर-दूर तक कोई ठिकाना नहीं था।
उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद पहले कांग्रेस साशित राज्यों में तो जातीय गणना करा लें उसके बाद बिहार की बात करें। कर्नाटक की सरकार ने 2015 में जातीय गणना कराई थी लेकिन आजतक उसकी रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं हो सकी। लालू प्रसाद पहले कर्नाटक सरकार की जातीय गणना की रिपोर्ट को सार्वजनिक कराएं। बिहार में नगर निकाय चुनाव के समय जो अति पिछड़ा आयोग बना था, आजतक उसकी रिपोर्ट भी सार्वजनिक नहीं हुई। लालू पहले अति पिछड़ा आयोग की रिपोर्ट को सार्वजनिक कराएं। सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने कभी भी जातीय गणना का विरोध नहीं किया।
वहीं नीतीश कुमार द्वारा लालू को बेचारा कहे जाने पर सुशील मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार बिल्कुल ठीक ही कह रहे हैं क्योंकि उन्होंने ही लालू प्रसाद को बेचारा बना दिया। चार चार मामलों में सजायाफ्ता हो गए। नीतीश कुमार और ललन सिंह के कारण सजायाफ्ता हो गए। लालू अब मुखिया का भी चुनाव नहीं लड़ सकते हैं। लालू की बीमारी का कोई कारण है तो वह नीतीश कुमार ही हैं, लालू को जेल में सड़ा दिया। अगर नीतीश कुमार में हिम्मत है तो लालू और बिहार की जनता से वे माफी मांगे कि फर्जी कागजातों के आधार पर उन्होंने लालू को फंसाया था।