पटना में नगर निगम की लापरवाही से खुला मेनहोल बना जानलेवा, नाले में गिरा बच्चा पहली उड़ान बनी आखिरी सफर, सऊदी नौकरी पर निकले युवक ने फ्लाइट में दम तोड़ा, विदेश में नौकरी का सपना रह गया अधूरा जमुई में नक्सलियों की बड़ी साजिश नाकाम, जंगल से 24 सिलेंडर बम बरामद भागलपुर-हंसडीहा मुख्य मार्ग पर भीषण सड़क हादसा, महिला की मौत, 6 की हालत गंभीर Patna News: पटना एयरपोर्ट के लिए जारी हुआ नया आदेश, उल्लंघन किया तो होगी कड़ी कार्रवाई बेगूसराय में टला बड़ा हादसा: चलती ट्रेन के इंजन में लगी आग, यात्रियों ने कूदकर बचायी अपनी जान गांधी सेतु पर ट्रक और पिलर के बीच फंसा बाइक सवार, ट्रैफिक पुलिस ने किया रेस्क्यू AI in election: AI की चालबाज़ी से उलझे बिहार के वोटर! फर्जी कॉल्स-Deepfake से फैला भ्रम, अब चुनाव आयोग कसेगा शिकंजा! प्यार के लिए लड़का बना लड़की, अब पति किन्नर से शादी की जिद पर अड़ा Bihar politics : तेजस्वी ने किया 'महिला संवाद' पर हमला, जदयू का पलटवार...क्या महिलाओं की तरक्की से डरते हैं नेता प्रतिपक्ष?
20-May-2023 11:16 AM
By RITESH HUNNY
SAHARSA : पूर्व सांसद आनंद मोहन इन दिनों एक बार फिर से सुर्ख़ियों में बने हुए हैं। बिहार सरकार ने उन्हें जेल से रिहा तो कर डाला है ,लेकिन इनकी रिहाई का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच चूका है। इस बीच अब आनंद मोहन के एक ऐसा बयान दिया है, जिसके बाद बिहार की राजनीतिक सरगर्मी का तेज होना तय माना जा रहा है। पूर्व सांसद ने कहा है कि - वो कमल दल को हाथी की तरह रौंद देगा और फाड़ देगा।
दरअसल, सहरसा के महिषी प्रखंड के महपुरा गांव एक कार्यक्रम में शामिल हुए पूर्व सांसद और बाहुबली नेता आनंद मोहन ने कहा कि- मेरी रिहाई से छटपटाहट किसको है? और क्यों है? वो जानता हैं ये आदमी कमल दल को हाथी की तरह रौंद देगा और फाड़ देगा। हम जितने दिन रहेंगे समाजवाद के लिए लड़ते रहेंगे।
उन्होंने कहा कोई बार-बार कहे कि हम दलित विरोधी है, लेकिन महिषी इसका गवाह है जब सात हजार राजपूत हुआ करते थे तो उस समय हम यहां से 62 हजार मतों से चुनाव जीते थे। तो हमने चुनाव किससे जीता था? जो पिछड़ों के सबसे बड़े नेता थे। उन्होंने कहा कि- कैरेक्टर को कोई दिल्ली, यूपी या आंध्रा प्रदेश तय नहीं होगा बल्कि बिहार तय करेगा।
जानकारी हो कि, आनंद मोहन के जेल से छूटने के बाद बीजेपी नीतीश सरकार पर लगातार हमलावर है। पार्टी के कई नेता सरकार से सवाल पूछ रहे हैं कि आनंद मोहन की आड़ में सरकार ने अन्य दुर्दांत अपराधियों को क्यों छोड़ दिया। राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने भी बिहार सरकार को नोटिस दिया है कि किस परिस्थिति में आनंद मोहन को छोड़ा गया इस पर बिहार सरकार अपनी स्थिति स्पष्ट करे।
आपको बताते चलें कि, आनंद मोहन गोपालगंज के डीएम रहे जी कृष्णैया की बर्बर हत्या कांड के आरोपी हैं। इस मामले में उन्हें पहले फांसी और फिर आजीवन कारावास की सजा दी गई । 1994 में मुजफ्फरपुर में एनएच 28 पर खबरा गांव के पास कृष्णैया की हत्या कर दी गई थी। नीतीश और तेजस्वी की सरकार ने जेल कानून में बदलाव कर आनंद मोहन को रिहा कर दिया।