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01-Oct-2024 08:06 PM
By HARERAM DAS
BEGUSARAI: 4 नवंबर 2003 की शाम 7:00 बजे सोने लाल महतो की धारदार हथियार से सिर काटकर हत्या कर दी गयी थी। इस मामले में 20 साल बाद कोर्ट का फैसला आया है। बेगूसराय कोर्ट ने आरोपित को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। वही हत्या का प्रयास किये जाने वाले मामले में 27 साल के बाद 4 आरोपित को कोर्ट ने सजा सुनाई है।
अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कल्पना श्रीवास्तव ने हत्या मामले में नावकोठी थाने में दर्ज कांड संख्या 68/ 2003 की सुनवाई करते हुए आरोपित को सोनेलाल महतो की हत्या में दोषी पाया। न्यायालय ने नावकोठी थाना के देवपुरा निवासी जीवछ महतों को सोनेलाल महतो की हत्या में दोषी करार देते हुए भारतीय दंड विधान की धारा 302 में आजीवन कारावास एवं 1000 अर्थदंड की सजा सुनाई।
अभियोजन की ओर से अपर लोक अभियोजक गोपाल साहू ने कुल 8 लोगों की गवाही कराई। सभी गवाहों ने घटना का समर्थन करते हुए सोनेलाल महतो की हत्या में आरोपित जीवछ महतों की संलिप्तता बताई। आरोपित पर आरोप है कि 4 नवंबर 2003 को 7:00 बजे शाम में ग्रामीण सूचिका पनमा देवी के पति सोने लाल महतो के गर्दन पर धारदार हथियार से हमला करके सिर को तन से अलग कर दिया गया था। जिसमें सोने लाल महतो की मौत हो गई।
वही हत्या का प्रयास किये जाने वाले मामले में 27 साल के बाद 4 आरोपित को कोर्ट ने सजा सुनाई है। बेगूसराय न्यायालय के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश आनंद कुमार सिंह की न्यायालय ने हत्या के प्रयास से जुड़ी मामले बलिया थाना कांड संख्या 122/ 1997 की सुनवाई करते हुए इस मामले के चार आरोपित को सूचक बलम यादव पर जानलेवा हमला करने में दोषी पाया। अभियोजन की ओर से अपर लोक अभियोजक राजकुमार महतो एवं राम प्रकाश यादव ने कुल सात गवाहो की गवाही कराई।
सभी गवाहों ने घटना का पूर्ण समर्थन किया। न्यायालय ने डंडारी थाना के तेतरी निवासी आरोपित नरेश सिंह को भारतीय दंड विधान की धारा 307 में दोषी पाकर 10 साल सश्रम कारावास एवं 20 हजार अर्थदंड की सजा सुनाई एवं भारतीय दंड विधान की धारा 324 में दोषी पाकर 3 साल सश्रम कारावास एवं 2000 अर्थदंड की सजा सुनाई एवं शस्त्र अधिनियम की धारा 27 में दोषी पाकर 3 साल सश्रम कारावास एवं 10000 अर्थदंड की सजा सुनाई। डंडारी थाना के तेतरी निवासी तीन आरोपित प्रभु यादव नंदू सिंह और दिलीप सिंह को भारतीय दंड विधान की धारा 307 में 7 साल सश्रम कारावास एवं 20000 अर्थ दंड की सजा सुनाई एवं भारतीय दंड विधान की धारा 324 में दोषी पाकर 3 साल सश्रम कारावास एवं 2000 अर्थ दंड की सजा सुनाई।
आरोपित पर आरोप है कि 23 अगस्त 1997 को 11:00 बजे दिन में ग्रामीण सूचक बलम यादव जब घास लेकर बहियार से गंडक बांध के पास नीरज शाह के डेरा के नजदीक पहुंचा पहले से वहीं पर मौजूद आरोपित नरेश सिंह हाथ में पिस्तौल लेकर एवं प्रभु यादव दिलीप सिंह नंदू सिंह सभी लोगों के हाथ में डंडा लिए खड़ा था नरेश सिंह जान करने के नियत से सूचक पर गोली चला दिया जो गोली सूचक के गर्दन पर लगी और दूसरी तरफ से निकल गया और सूचक गंभीर रूप से घायल हो गया था।