BHAGALPUR: नाथनगर में मिनी गन फैक्ट्री का उद्वेदन, भारी मात्रा में अर्धनिर्मित हथियार और उपकरण जब्त, 4 गिरफ्तार Bihar News: पथ निर्माण विभाग की 13 योजनाओं को कैबिनेट से मंजूरी, बिहार की 110 किलोमीटर सड़कों का होगा विकास Bihar News: पथ निर्माण विभाग की 13 योजनाओं को कैबिनेट से मंजूरी, बिहार की 110 किलोमीटर सड़कों का होगा विकास गोपाल खेमका की हत्या क्यों की गई ? DGP विनय कुमार ने बताई सारी बात... Bihar Politics: ‘हम आगे और हमारे पीछे 20 सालों की खटारा सरकार’ बड़ा चुनावी मुद्दा हाथ से निकलता देख भड़के तेजस्वी यादव Bihar Politics: ‘हम आगे और हमारे पीछे 20 सालों की खटारा सरकार’ बड़ा चुनावी मुद्दा हाथ से निकलता देख भड़के तेजस्वी यादव Bihar News: प्यार के लिए रूस से बिहार पहुंची रशियन युवती, हिंदू रीति-रिवाज से रचाई शादी; विदेशी बहू ने जीता सबका दिल Bihar Weather: 9 और 10 जुलाई को इन 11 जिलों में आंधी-तूफान के साथ बारिश की संभावना, IMD का अलर्ट जारी Ashwini Vaishnaw Father Passed Away: रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के पिता दाऊलाल वैष्णव का निधन, जोधपुर में ली अंतिम सांस Ashwini Vaishnaw Father Passed Away: रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के पिता दाऊलाल वैष्णव का निधन, जोधपुर में ली अंतिम सांस
13-Mar-2020 06:57 PM
PATNA : 27 फरवरी से हड़ताल पर गए 1.25 लाख टीईटी शिक्षको ने पटना के गर्दनीबाग में सामूहिक मुंडन करवाया है। हजारों शिक्षक इस अनोखे विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए हैं।शिक्षकों ने सीएम नीतीश कुमार का अर्थी जुलूस भी निकाला है। शिक्षक अपनी मांगों को लेकर सामूहिक रुप से मुंडन कराने के बाद अपने बाल को नियमित शिक्षकों से DNA मिलान हेतु बिहार के सीएम नीतीश कुमार को भेजेंगे।
TET शिक्षकों का कहना है कि नियमित शिक्षक बनने की हर योग्यता जो RTE में वर्णित है उसे वे लोग पूरा करते हैं। इसके बावजूद बिहार सरकार ने TET शिक्षकों को शिक्षामित्रों के साथ नियोजित शिक्षक बना दिया। जबकि उत्तर प्रदेश, झारखंड, उत्तराखंड सहित अन्य सभी राज्यों में TET शिक्षकों को नियमित शिक्षक बनाया गया है।
बिहार के 1.25 लाख शिक्षक 27 फरवरी से TET शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति के बैनर तले हड़ताल पर हैं। हड़ताली शिक्षकों को कहना है कि सीएम ने सदन मे नियोजित शिक्षकों के बारे में कहा कि वे लोग सुप्रीम कोर्ट में समान काम समान वेतन का केस हार चुके हैं, पर यह गलत है। सीएम ने सुप्रीम कोर्ट का फैसला सही से पढ़ा नहीं या फिर विभागीय पदाधिकारियों द्वारा गुमराह किया जा रहा है।