Cyber Crime: बैंकों के अधिकारियों ने ठगों के साथ मिलकर खोले फर्जी खाते, CBI ने किया गिरफ्तार ED Corruption: ED के असिस्टेंट डायरेक्टर ने बनाएं आय से दोगुना अधिक संपत्ति, CBI ने की कार्रवाई Bihar Crime News: सुबह-सुबह गोलियों की तड़तड़ाहट से गूंजा बिहार, इलाके में दहशत; जांच में जुटी पुलिस Bihar News: “हम बाइक नहीं छोड़ेंगे… शाम में बड़ा बाबू 5000 मांगेंगे तो कहां से देंगे?" घूस मांगते दारोगा का ऑडियो वायरल, पुलिस ने की कार्रवाई IAS Niranjan Das: शराब घोटाले में ईडी की बड़ी कार्रवाई, IAS अधिकारी निरंजन दास समेत कई गिरफ्तार बिहार में भूमि रिकॉर्ड डिजिटाइजेशन का अहम कदम, जिला स्तर से स्कैनिंग प्रमाण पत्र अनिवार्य RRB Group D Recruitment 2026: रेलवे भर्ती बोर्ड ने ग्रुप डी के लिए नोटिफिकेशन जारी, इस दिन से कर सकते हैं आवेदन Patna Traffic Update: पटना के इन रास्तों पर नहीं चलेंगी ये गाड़ियां, जानें क्यों बदल गया रुट Bihar News: बिहार में नए अपार्टमेंट फ्लैट की जमाबंदी पर रोक, नई नियमावली के इंतजार में खरीदार परेशान Bihar Weather: बिहार में 28 दिसंबर तक शीत दिवस और घने कोहरे का अलर्ट, कई जिलों में बढ़ी ठंड
20-Feb-2021 07:54 AM
PATNA : झूठे मामले को सुपरविजन में सत्य करार देना एक डीएसपी को महंगा पड़ गया. अब उन्हें डिमोत कर डीएसपी से इंस्पेक्टर बना दिया गया है. नरकटियागंज के तत्कालिन एसडीपीओ निसार को डिमोट कर दिया गया है.
बता दें कि नरकटियागंज के तत्कालीन एसडीपीओ निसार अहमद को बलात्कार के झूठे मामले को सत्यापन में सत्य करार देना महंगा पड़ गया. अब सरकार ने उन्हें डीएसपी से रिमोट करते हुए इंस्पेक्टर बनाने की सजा दी है. वह स्थाई रूप से इस पद पर रहेंगे. विभागीय कार्यवाही के बाद उन्हें यह सजा दी गई है. हालांकि निसार अहमद को अब निलंबन से मुक्त कर दिया गया है. इस बारे में गृह विभाग ने शुक्रवार को संकल्प जारी कर दिया है.
क्या था मामला
पूरा मामला पश्चिम चंपारण के नरकटियागंज स्थित साठी थाना की है.जाहां कांड संख्या 162/2018 दर्ज किया गया था. इस कांड चिंदा देवी नाम की महिला ने बेतिया कोर्ट में दारर परिवाद के आधार पर दर्ज हुआ था. इसमें पुणे में रहने वाले जरार शेरखर को नामजद अभियुक्त बनाते हुए उस पर आरोप लगाया था कि शादी का झांसा देकर उसने महिला के साथ शारीरिक संबंध बनाया. नरकटियागंज के तत्कालीन एसडीपीओ निसार अहमद ने इस केसा का सुपरविजन किया और प्राथमिकी की मूल धारोओं के तहर इसे सत्य करार दिया. इसके बाद इस केस के आइओ ने अभियुक्त को पुणे से गिरफ्तार कर लिया और बिहार लाकर उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.
बेटे को गिरफ्तार करने के बाद एजाज शेरखर की मां नुसरत एजाज को कुछ समझ नहीं आया, क्योंकि उसका बेटा कभी पहले बिहार आया ही नहीं था.मां बिहार पहुंची और उसने बेतिया एसपी को आवेदन दिया. जांच के दौरान पाया गया कि अभियुक्त बनाए जाने के बिंदु पर एसडीपीओ ने गंभीरता से जांच नहीं की और न ही पीड़िता का मेडिकल कराया गया. पूरी जांच के बाद मामला असत्य पाया गया.
दरअसर एजाज शेरखर के पिता दुबई में कारोबार करते थे. कारोबार करने के लिए उन्होंने कई लोगों से कर्ज लिया था पर कारोबार नहीं चला. जिन लोगों से उन्होंने कर्ज लिया था उसमें से एक का दोस्त बेतिया का रहने वाला था. उसी ने जरार की मां से पैसा वसूलने के लिए बिहार की एक महिला से झूटा केस कराया था.