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03-Nov-2021 09:03 PM
DESK: भारत में बनी कोरोना वायरस का टीका कोवैक्सीन को आपातकालीन इस्तेमाल की अनुमति मिल गयी है। भारत में 107 करोड़ से अधिक लोगों को वैक्सीन लगाये जाने के बाद स्वदेश में विकसित और निर्मित कोरोना वैक्सीन Covaxin को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने आपातकालीन इस्तेमाल की अनुमति दे दी है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ मनसुख मंडाविया ने इस पर खुशी जाहिर की है. आईसीएमआर के वैज्ञानिकों और भारत बायोटेक को इसके लिए बधाई दी है। कई महीनों से कोवैक्सीन को बनाने वाली कंपनी भारत बायोटेक और WHO के बीच इस विषय पर बातचीत चल ही थी।
दिवाली से पहले बायोटक कंपनी के साथ-साथ इस वैक्सीन की डोज लेने वालों के लिए भी यह खुशी की बात है। कोवैक्सीन की डोज लेने वाले लोग अब दुनिया के किसी भी देश की यात्रा कर सकेंगे। कोवैक्सीन का अलग-अलग देशों को अब निर्यात भी किया जा सकेगा।
डब्ल्यूएचओ ने बुधवार को यह जानकारी दी. वैश्विक स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि उसके टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप के एक्सपर्ट्स ने बायोटेक की ओर से उपलब्ध कराये गये तमाम दस्तावेजों और एफिकेसी डाटा की जांच करने के बाद इसके आपातकालीन इस्तेमाल को मंजूरी दी है।
डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि कोवैक्सीन उसकी ओर से तय किये गये तमाम मानकों को पूरा करता है और कोरोना से प्रतिरक्षा देने में सक्षम है। इसलिए पूरी दुनिया में इसके इस्तेमाल की अनुमति दी जाती है। अब तक विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस टीका को मंजूरी नहीं दी थी।
कई मानकों पर परखने के बाद आखिरकार आज डब्ल्यूएचओ ने कोवैक्सीन टीका को मान्यता दे दी है। देश में बड़े पैमाने पर लोगों को यह टीका लगाया है। हैदराबाद की कंपनी भारत बायोटेक ने भारत सरकार की संस्था इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के साथ मिलकर इस टीका को विकसित किया है।
WHO की ओर से किए गए ट्वीट में लिखा है, "WHO ने भारत बॉयोटेक द्वारा निर्मित कोवैक्सीन को 'इमरजेंसी यूज़ लिस्टिंग' में शामिल किया है. अब कोविड की रोकथाम करने वाली वैक्सीन में एक और नाम जुड़ गया है."