ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar News: मुजफ्फरपुर में स्कूल वैन और पिकअप की टक्कर में कई बच्चे घायल, चालक की हालत गंभीर Bihar News: दरभंगा में काल बनकर सड़क पर फर्राटे मारता रहा अनियंत्रित हाइवा, आधा दर्जन लोगों को कुचला Bihar News: 11 साल लिव-इन में रहने के बाद प्रेमी ने बेच दी प्रेमिका की जमीन, FIR के आदेश Bihar News: रेलवे का नियम बदलने से बढ़ी यात्रियों की परेशानी, वेटिंग टिकट मिलना भी हुआ मुश्किल Bihar News: इस जिले में लगेगा राज्य का पहला न्यूक्लियर पावर प्लांट, केंद्र को भेजा गया प्रस्ताव INDvsENG: दूसरे टेस्ट में इन खिलाड़ियों को मिलेगा मौका, सीरीज में वापसी के किए गिल का मास्टरप्लान तैयार Bihar Weather: आज बिहार के 26 जिलों में बारिश का अलर्ट, पूरे महीने कुछ ऐसा रहेगा मौसम का हाल BIHAR: मुंगेर में पुलिस से भिड़े परिजन, वारंटी को छुड़ाकर भगाया, फिर क्या हुआ जानिए? कटिहार में युवक की गोली मारकर हत्या, दो दिन में दो हत्या से इलाके में दहशत, कानून व्यवस्था पर सवाल गोपालगंज में मुठभेड़: 25 हजार के इनामी बदमाश महावीर यादव गिरफ्तार, पैर में लगी गोली

बिहार : कोरोना से पति की मौत के बाद देखने तक नहीं आई पत्नी, श्मशान में भी जगह नहीं मिली, छोटी बहन ने घर के पीछे दफनाकर किया अंतिम संस्कार

बिहार : कोरोना से पति की मौत के बाद देखने तक नहीं आई पत्नी, श्मशान में भी जगह नहीं मिली, छोटी बहन ने घर के पीछे दफनाकर किया अंतिम संस्कार

19-May-2021 08:12 AM

SAHARSA : बिहार में कोरोना से मरने वालों के रिश्तेदारों की बेरुखी के कई किस्से देखने और सुनने को मिल रहे हैं. सहरसा जिले से एक भी ऐसा ही मामला सामने आया जहां कोरोना के खौफ से रिश्ते इतने बदल गए कि संक्रमित पति की मौत की जानकारी मिलने के बाद भी चार साल के बेटे के साथ मायके में रह रही पत्नी उसे देखने तक नहीं आई. इतना ही नहीं मृतक के शव का अंतिम संस्कार करने में भी काफी परेशानी आई. 


घटना सोनबर्षा राज प्रखंड के बसनही थाना अंतर्गत रघुनाथपुर पंचायत के पामा गोदरामा गांव की है. मृतक कैलाश कामत का 25 वर्षीय पुत्र अमरीश कामत बताया जा रहा है. जानकारी के अनुसार, अमरीश की मौत बीते शनिवार की रात कोरोना संक्रमण से हो गई थी. मृतक के अंतिम संस्कार में प्रशासन व ग्रामीणों की मदद की बात तो दूर समाज के लोगों ने श्मशान घाट में शव को जलाने से मना कर दिया. गांव के लोगों ने पीड़ित परिवार को अंतिम संस्कार तक में अकेला छोड़ दिया.


आखिरकार घर के पीछे ही छोटी बहन ने मुखाग्नि की रस्म पूरी कर गड्‌ढा खोद शव को दफन कर दिया. घर में शव 24 घंटे से अधिक समय तक पड़ा रहा लेकिन कोरोना प्रोटोकॉल में सरकारी व्यवस्था के नाम पर अंतिम संस्कार की जगह पीएचसी प्रशासन द्वारा मृतक के घर पहुंच कर परिजनों को सिर्फ एक अदद पीपीई किट उपलब्ध कराया गया. 


बता दें कि अमरीश कामत दूसरे प्रदेश में मजदूरी करता था. लॉकडाउन से ठीक पहले वह घर आया और कोरोना संक्रमित हो गया. घर में खाने के लिए अन्न भी नहीं था. कई दिनों से चूल्हा भी नहीं जला. वह तीन भाई और तीन बहनों में सबसे बड़ा था. जब उसकी मौत हुई तो दोनों छोटे भाई घर से बाहर थे. तीन बहन में दो शादीशुदा हैं. ऐसे में छोटी बहन 7 वर्षीय राधा कुमारी द्वारा ही मुखाग्नि देकर उसे दफनाया गया.