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18-Jul-2020 06:58 AM
MADHUBANI : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जिस वक्त अखबार में विज्ञापन छपवा कर लोगों को कोरोना की जांच के लिए बुलाने का एलान कर रहे थे, उसी वक्त मधुबनी से सरकारी दावों की पोल खोलने वाली खबर आयी है. मधुबनी में एक सप्ताह पहले कोरोना की जांच के लिए लिये गये लगभग चार सौ सैंपल कमरे में पडे हैं. इन्हें जांच के लिए पटना भेजा जाना था लेकिन नहीं भेजा गया. अब सिविल सर्जन कह रहे हैं कि इन सैंपल के खराब हो जाने की संभावना है.
कोरोना की जांच की हकीकत
मधुबनी के सदर अस्पताल के कमरे में कोरोना वायरस संक्रमण की जांच के लिए लिया गया लगभग चार सौ सैंपल पिछले एक सप्ताह से पड़ा हुआ है. सात दिन से यूं ही पडे सैंपल के खराब हो जाने की आशंका है. दरअसल जिले में पिछले 10 और 11 जुलाई को कोरोना वायरस संक्रमण जांच के लिए 400 से ज्यादा सैंपल लिया गया था. उसे जांच के लिए पटना के पीएमसीएच भेजा जाना था. लेकिन सैंपल को पटना भेजा ही नहीं गया.
मधुबनी सदर अस्पताल में तैनात एक चिकित्सक ने बताया कि पीएमसीएच के माइक्रो बॉयोलॉजी विभाग में कोरोना के संक्रमण और दूसरी वजहों से जांच बंद कर दिया गया था. उसी दौरान पटना से खबर आयी कि अभी सैंपल को पीएमसीएच नहीं भेजना है. लिहाजा कोरोना की जांच के लिए पिछले एक सप्ताह से मधुबनी सदर अस्पताल से जांच के लिए कोई भी सैंपल पीएमसीएच नहीं भेजा जा रहा है और न ही पीएचसीएच से जांच रिपोर्ट आ रही है.
मधुबनी सदर अस्पताल के एक चिकित्सक ने बताया कि जिले से सैंपल जांच के लिए पीएमसीएच ही भेजा जाता है. 10-11 जुलाई से तकरीबन एक हजार सैंपल पीएमसीएच भेजे गये थे. लेकिन उनकी रिपोर्ट भी अब तक नहीं आयी है. ऐसे में एक हजार से भी ज्यादा सैंपल का जांच रिपोर्ट पेंडिग पड़ा है.
मधुबनी में हालात खराब
मधुबनी जिले में अब तक 680 लोगों के कोरोना पॉजिटिव होने की रिपोर्ट आ चुकी है. हालांकि, इनमें से 572 लोग स्वस्थ भी हो चुके हैं. वहीं कोरोना संक्रमण के कारण दो लोगों की मौत भी हो चुकी है. अभी भी जिले में कोरोना वायरस से संक्रमित 106 केस एक्टिव है. अभी एक हजार से भी अधिक सैंपल की जांच रिपोर्ट पेंडिग बताया है, जिससे कोरोना मरीजों की संख्या और बढ़ने की आशंका है.
क्या बोले सिविल सर्जन
मधुबनी के सिविल सर्जन डॉ. सुनील कुमार झा ने बताया कि करीब एक सप्ताह से कोरोना जांच के लिए सैंपल पीएमसीएच नहीं भेजा जा रहा है. सिविल सर्जन ने स्वीकार किया कि ज्यादा समय होने के कारण सैंपल के खराब होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है.