रेल यात्रियों को बड़ा झटका: मेल-एक्सप्रेस ट्रेनों के किराया में बढ़ोतरी का ऐलान, इस दिन से लागू होगा बदलाव रेल यात्रियों को बड़ा झटका: मेल-एक्सप्रेस ट्रेनों के किराया में बढ़ोतरी का ऐलान, इस दिन से लागू होगा बदलाव Dhurandhar Box Office Collection: रणवीर सिंह की ‘धुरंधर’ तीसरे शनिवार को तोड़े बॉक्स ऑफिस रिकॉर्ड, अब Pushpa 2 के रिकॉर्ड को चुनौती Bihar weather : बिहार में ठंड और कोहरे का कहर, इन जिलों में कोल्ड डे घोषित; घना कोहरा का भी अलर्ट Premanand Maharaj: तीर्थ यात्रा पर जाना क्यों जरूरी है? प्रेमानंद महाराज ने दिया जवाब Premanand Maharaj: तीर्थ यात्रा पर जाना क्यों जरूरी है? प्रेमानंद महाराज ने दिया जवाब बिहार में दर्दनाक हादसा: आग तापने के दौरान दम घुटने से दादी-पोती की मौत, मां की हालत गंभीर बिहार में दर्दनाक हादसा: आग तापने के दौरान दम घुटने से दादी-पोती की मौत, मां की हालत गंभीर Patna News: रीलबाज मिली वाइफ अब दोस्त पूछते -सुहागरात कैसे मना ? परेशान हसबैंड ने किया सवाल तो बोली - तुम्हें छोड़ सकती मोबाइल नहीं ... Traffic Plan: बिहार के इस जिले में कलर कोडिंग के साथ ऑटो का परिचालन शुरू, ट्रैफिक रूल तोड़ना पड़ेगा भारी
19-Jan-2024 02:05 PM
By First Bihar
DELHI: गुजरात के चर्चित बिलकिस बानो केस के सभी 11 दोषियों को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने इस केस के दोषियों की याचिका को ठुकरा दिया है। सभी ने सरेंडर की अवधि बढ़ाने के लिए सुप्रीम कोर्ट से अपील किया था। कोर्ट ने दोषियों की याचिका पर सुनवाई करते हुए उसे खारिज कर दिया।
दरअसल, बिलकिस बानों केस के सभी दोषियों ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर कर समर्पण की अवधि बढ़ाने की अपील की थी। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने सभी की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए उन्हें राहत देने से इनकार कर दिया और याचिकाओं को ठुकरा दी। दोषियों ने निजी कारणों का हवाला देते हुए 4 से 6 हफ्ते का अतिरिक्त समय मांगा था। कोर्ट ने सभी को 2 सप्ताह में समर्पण करने को कहा था। ऐसे में उन्हें 21 जनवरी को सरेंडर कर वापस जेल जाना होगा।
बीते 8 जनवरी कोबिलकिस बानों केस के दोषियों को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा था। सुप्रीम कोर्ट ने दोषियों की रिहाई का फैसला रद्द करते हुए उन्हें सरेंडर करने को कहा था। अगस्त 2022 में गुजरात सरकार ने बिलकिस बानो गैंगरेप केस में उम्रकैद की सजा पाए सभी 11 दोषियों को रिहा कर दिया था। दोषियों की रिहाई को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। कोर्ट ने कहा कि राज्य इस तरह का निर्णय लेने के लिए सक्षम नहीं है।
जस्टिस बीवी नागरत्ना की बेंच ने बिलकिस बानो केस में 11 दोषियों को बरी करने के गुजरात सरकार के फैसले को रद्द कर दिया था और दोषियों को दो हफ्ते में सरेंडर करने के लिए कहा था। कोर्ट के आदेश के बाद 11 दोषियों ने सुप्रीम कोर्ट में आवेदन दाखिल कर आत्मसमर्पण की अवधि बढ़ाने की मांग की थी।
बता दें कि साल 2002 में गोधरा ट्रेन अग्निकांड के बाद हुए दंगों के दौरान बिलकिस बानो के साथ गैंगरेप की वारदात हुई थी और उनके परिवार के सात सदस्यों की हत्या कर दी गई थी। इस मामले में 21 जनवरी 2008 को CBI की विशेष अदालत ने 11 लोगों को दोषी ठहराते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई थी। 15 अगस्त 2022 को गुजरात सरकार गुजरात दंगों के दौरान बिलकिस बानो के साथ गैंगरेप के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे सभी 11 दोषियों को माफी देते हुए जेल से रिहा कर दिया था। गुजरात सरकार के इस फैसले के खिलाफ बिलकिस बानों ने दोषियों की रिहाई को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।