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14-Oct-2021 01:58 PM
PATNA : बिहार और नेपाल के बीच की दूरी अब कम हो जाएगी. पटना के कच्ची दरगाह से बिदुपुर के बीच बन रहे छह लेन पुल का निर्माण कार्य जून 2023 तक पूरा कर लिया जाएगा. केबल पर टिका हुआ यह देश का सबसे लंबा पुल है. पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने इस निर्माणाधीन पुल का निरीक्षण किया. इस दौरान विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत और बिहार स्टेट रोड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड के मुख्य महाप्रबंधक संजय कुमार भी उपस्थित थे.
निरीक्षण के दौरान मंत्री को पुल निर्माण से जुड़ी तकनीकी जानकारी दी गई. पुल की प्रगति और भविष्य की कार्ययोजना को विस्तृत रूप से बताया गया. मंत्री ने पुल के निर्माण की गति को संतोषजनक बताया और कहा कि इसे जून 2023 तक पूरा कर लिया जाए. मंत्री ने कहा कि कच्ची दरगाह-बिदुपुर पुल बिहार सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना है.
उन्होंने कहा कि लगभग 35 वर्ष के बाद भारत में पुलों के क्षतिग्रस्त होने का मामला सामने आता है. जबकि अमेरिका में 55 साल तो चीन में यह 24 साल है. इसलिए पुलों के रखरखाव के लिए विशेष नीति का होना जरूरी है. इस नीति से पुलों का रखरखाव बेहतर तरीके से हो सकेगा. आर्थिक संसाधन की भी बचत होगी.
आपको बता दें कि लगभग 20 किलोमीटर लंबे इस पुल का निर्माण बिहार राज्य पथ विकास निगम करा रहा है. यह एलिवेटेड सड़क के रूप में बन रहा है जो पुल को एनएच-30 से जोड़ेगा. पुल का डिजाइन कोरिया की कंपनी सीएसटीएन ने तैयार किया है. देबू और एलएनटी कंपनी का संयुक्त उपक्रम इस पुल को बना रहा है. केंद्र से पैसा नहीं मिलने के कारण राज्य सरकार अपने पैसे से इसे बना रही है. पांच हजार करोड़ की इस योजना में लगभग तीन हजार करोड़ एशियन डेवलपमेंट बैंक से कर्ज के रूप में मिलेगा.
इस पुल के बनने से गांधी सेतु पर दबाव कम हो जाएगा. उत्तर बिहार और दक्षिण बिहार को जोड़ने के लिए एक नई राह बन जाएगी. नया पुल बनने के बाद सिर्फ छोटे वाहनों के लिए ही मौजूदा महात्मा गांधी सेतु को उपयोग में लाया जा सकेगा. पटना में यह पुल एनएच-30 को जोड़ेगा. बिदुपुर में आगे बढ़कर यह हाजीपुर-मुजफ्फरपुर सड़क में मिल जाएगा. बिहार-नेपाल को जोड़ने वाली सड़क में भी यह पुल जुड़ेगा जिससे पटना से नेपाल की दूरी कम हो जाएगी.
वैशाली में एनएच-103 पर चकसिकंदर में यह पुल खत्म होगा. पश्चिम से आने वाले लोग पटना-बक्सर फोर लेन से खेमनीचक होते हुए इस पुल से उत्तर बिहार आ-जा सकेंगे. गांधी सेतु से 10 किलोमीटर पूरब अवस्थित इस पुल के बन जाने से प्रदेशवासियों को उत्तर व दक्षिण बिहार के बीच एक और लाइफलाइन उपलब्ध हो जाएगा. सोनपुर, समस्तीपुर, हाजीपुर सहित उत्तर बिहार के अन्य शहर और दक्षिण बिहार के शहरों के बीच की दूरी कम हो जाएगी.