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27-Apr-2021 09:46 PM
PATNA : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पुराने दोस्त और राज्य के पूर्व कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह एक बार फिर से कोरोना संक्रमित हो गए हैं. नरेंद्र सिंह को पटना के एम्स में भर्ती कराया गया है. नरेंद्र सिंह के बेटे और बिहार सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री सुमित ने अपने पिता की तबीयत ख़राब होने और एम्स में एडमिट किये जाने की जानकारी दी है.
देश में आपातकाल के खिलाफ 1974 के आंदोलन में लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार के समकक्ष रहे पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह ने लगभग 10 दिन पहले ही कोरोना संकट पर सीएम नीतीश को पत्र लिखकर खरी-खोटी सुनाई थी. नरेंद्र सिंह ने पत्र में लिखा था कि "नीतीश जी कहीं ऐसा न हो जाए कि कोरोना को लेकर जब इतिहास लिखा जाए तो आपका नाम काले अक्षरों में न लिखा जाए. क्योंकि बिहार में कोरोना को लेकर सरकार जो काम कर रही है वह नाकाफी है. इससे बिहार का भला नहीं हो सकता है और न ही इस तरह करोना से जंग जीती जा सकती है."
मंगलवार को अचानक तबीयत ख़राब होने के बाद नरेंद्र सिंह को पटना स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में भर्ती कराया गया है. गौरतलब हो कि पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह कोरोना की पहली लहर में भी बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान संक्रमित हो गए थे. इनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी. बिहार विधानसभा चुनाव में जीते एकलौते निर्दलीय विधायक और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री सुमित ने अपने पिता के अस्वस्थ होने को लेकर जानकारी दी. सुमित सिंह ने बताया की "मेरे पिताजी नरेंद्र सिंह जी की हालत बेहतर है. कोई चिंता की बात नहीं है. थोड़ा ऑक्सीजन लेवल कम होने के कारण सावधानीवश उन्हें उपचार के लिए पटना एम्स में भर्ती कराया गया. वह ठीक हैं. शीघ्र पूरी तरह स्वस्थ होकर आप लोगों के बीच होंगे. उन्हें कोई परेशानी नहीं है. घबराने की कोई बात नहीं है. आपके स्नेह के लिए आभारी हैं."
आपको बता दें कि नरेंद्र सिंह ने अपने पत्र में ये भी लिखा था कि "बिहार में कोरोना के बढ़ते हालात से आप अवगत है. पूरा बिहार इस महामारी के आगोश में है. उचित उपचार के अभाव में लोग दम तोड़ रहे हैं. राज्य सरकार ने जो भी इंतजाम किए हैं, वे नाकाफी साबित हो रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि "मैं यह पत्र आपकी आलोचना के लिए नहीं लिख रहा हूं, बल्कि कोरोना पर नियंत्रण के लिए ठोस कदम उठाने के लिए अनुरोध कर रहा हूं."
नरेंद्र सिंह ने सीएम को खरी-खरी सुनाने के साथ ही कोरोना नियंत्रण को ये 3 सुझाव भी दिए थे-
1. पटना के कंकड़बाग में बना जयप्रभा मेदांता हॉस्पिटल सरकारी जमीन पर है। इस अस्पताल को 10 एकड़ जमीन देकर राज्य सरकार पार्टनर है। इस अस्पताल में 500 बेड हैं। इस आपातकाल में इस हॉस्पिटल को पूरी तरह से कोरोना पीड़ितों को समर्पित कर दिया जाना चाहिए।
2. बिहार में जितने भी बड़े प्राइवेट अस्पताल और नर्सिंग होम हैं वहां भी कोरोना मरीजों के लिए बेड इंतजाम करने का आदेश दिया जाए। साथ ही यहां होने वाला सारा खर्च राज्य सरकार खुद वहन करे।
3. राज्य सरकार कोरोना मरीजों के इलाज में आने वाले खर्च की दर खुद तय करे, ताकि प्राइवेट अस्पताल मनमाना कीमत ना वसूल सकें।
इन सभी सुझावों के साथ नरेंद्र सिंह ने नीतीश सरकार को चेतावनी देते हुए कहा था कि यदि उनकी बात सरकार ने नहीं मानीं तो वे सैकड़ों लोगों के साथ आंदोलन करेंगे और भूख हड़ताल पर बैठ जाएंगे.