बिहार विधानसभा चुनाव 2025: HAM की 243 सीटों पर तैयारी, मंत्री संतोष सुमन बोले..NDA की होगी भारी जीत BIHAR: जमुई में वंदे भारत ट्रेन से कटकर युवक की मौत, 10 घंटे तक ट्रैक पर पड़ा रहा शव मुजफ्फरपुर में गल्ला व्यापारी लूटकांड का खुलासा, सीसीटीवी फुटेज से खुला राज गोपालगंज डीएम ने सबेया एयरपोर्ट कार्यों में तेजी के दिए निर्देश, नियमित समीक्षा का ऐलान Akshay Kumar की अगली 5 फ़िल्में, हर एक पर लिखा है 'ब्लॉकबस्टर मैटेरियल' Shreyas Iyer: कप्तानी को लेकर श्रेयस अय्यर का बड़ा बयान, IPL ख़त्म होने के बाद पहली बार खुलकर बोले प्रशांत किशोर ने डिप्टी सीएम पद नहीं मांगा, बल्कि 2015 में नीतीश कुमार की कुर्सी बचाई थी: जन सुराज के महासचिव ने जेडीयू MLC को दिया करारा जवाब Patna News: पटना में बिहार का पहला डबल डेकर पुल बनकर तैयार, सीएम नीतीश इस दिन देंगे बड़ी सौगात Patna News: पटना में बिहार का पहला डबल डेकर पुल बनकर तैयार, सीएम नीतीश इस दिन देंगे बड़ी सौगात 8 साल बाद सर्किल रेट बढ़ने से अयोध्या में महंगी हुई जमीन: अब बिहार में हो रही यह चर्चा
07-Dec-2024 04:17 PM
By First Bihar
Bihar News: आज चर्चा करेंगे एक राजनैतिक पार्टी के कप्तान और भाई साहब की. इन दिनों दल के अंदर दोनों के बीच की रस्साकस्सी की खूब चर्चा हो रही है. यह गपशप न सिर्फ दल के अंदर है, बल्कि बाहर भी होने लगी है. दरअसल, इस तरह के टकराव पहले भी होते थे, लेकिन बात बाहर नहीं आती थी. इस बार विवाद सतह पर आ गई है. भाई साहब के हस्तक्षेप से कप्तान साहब परेशान हैं. परेशान हों भी क्यों नहीं....जिसे नहीं चाह रहे, उसे थोप दे रहे.
कप्तान जिसे नहीं चाह रहे, भाई साहब आगे कर दे रहे...
बात उस पार्टी की करेंगे, जो अनुशासित मानी जाती है, जो खुद को सबसे अलग बताती है. कुछ मामलों में अलग है भी. पार्टी में कप्तान तो होते ही हैं, भाई साहब भी होते हैं. हालांकि वे पर्दे के पीछे से काम करते हैं. यह व्यवस्था लंबे समय से लागू है. इधऱ, बिहार यूनिट में सबकुछ ठीक ठाक नहीं चल रहा. हितों का टकराव चरम पर है. बताया जाता है कि पार्टी के अंदर कई गुट हो गए हैं. ऐसे में कामकाज पर भी प्रभाव पड़ रहा. कप्तान जिसे नहीं चाह रहे, उसे भाई साहब आगे बढ़ा दे रहे. एक नेता को बार-बार और हर जगह आगे बढ़ाने से कप्तान साहब परेशान हैं. कई बार अपना दर्द भी सार्वजनिक किया है. यह बताने की कोशिश की है कि, पार्टी में कप्तान की राय से ही निर्णय लिया जाय इसके बाद भी भाई साहब पर कोई असर नहीं पड़ रहा.
बिना गुट वाले नेताओं को समझ में नहीं आ रहा...किधऱ जाएं
पार्टी के अंदर खींचातानी का असर दल पर भी पड़ रहा है. बताया जाता है कि कई नेता कप्तान साहब के पक्ष में हैं तो कई भाई साहब के पक्ष में. तीसरा धड़ा भी है जो बड़े नेता के साथ खड़ा है. ऐसे में बिना गुट वाले नेताओं को परेशानी हो रही है. वे किधऱ रहें, समझ में नहीं आ रहा. अब देखना होगा कप्तान साहब और भाई साहब के बीच का यह टकराव कब खत्म होता है ?
विवेकानंद की रिपोर्ट