Gaya development News: बिहार के इस जिले में 15.66 करोड़ में 102 योजनाओं का मंत्री ने किया शिलान्यास इस फोरलेन के बनने से कम होगी बिहार से झारखंड की दूरी, इन जिलों को भी मिलेगा फायदा National Herald: नेशनल हेराल्ड पर बोले डिप्टी सीएम सम्राट... “कांग्रेस ने देश को लूटा, आजादी के सेनानियों का किया अपमान” Success Story: बिना कोचिंग के बिहार की बेटी UPSC क्रैक कर बनीं IAS, दूसरे प्रयास में हासिल किया 208 रैंक प्रेमिका से मिलने की सजा: घरवालों ने सेविंग ब्लेड से काटा युवक का प्राइवेट पार्ट, अस्पताल में ज़िंदगी-मौत की जंग Amrit Bharat Station Scheme: अमृत भारत योजना के तहत जमालपुर और नव-निर्मित मुंगेर स्टेशन का डीआरएम मनीष गुप्ता ने किया स्थलीय निरीक्षण Bihar Education News: महिला शिक्षक को परेशान करना शराबी BEO को पड़ा महंगा, पहले जेल फिर निलंबन, जेल से निकलते फिर हुए सस्पेंड Bengal violence: कांग्रेस सांसद का बीजेपी ,आरएसएस पर हमला, कहा... बंगाल की हिंसा दुर्भाग्यपूर्ण, देश में फैलाना चाहते हैं धार्मिक उन्माद Bihar News: प्रेमिका को घर छोड़ने गए युवक की दुर्घटना में मौत, परिजनों ने साजिशन हत्या के लगाए आरोप Bihar News: सासाराम में बाबा साहब की पोस्टर फाड़े जाने पर बवाल, सड़क जाम
19-Aug-2023 07:25 PM
By FIRST BIHAR EXCLUSIVE
BUXAR: बिहार में बिना पढ़ाये वेतन उठा रहे सरकारी स्कूलों के शिक्षकों पर कार्रवाई से महागठबंधन में शामिल पार्टी भाकपा माले बेचैन हो गयी है. भाकपा माले विधायक अजीत कुमार सिंह ने आज कहा कि केके पाठक बेलगाम घोड़ा हो गये हैं. माले विधायक ने कहा कि केके पाठक स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति बढ़ाने का दबाव दे रहे हैं लेकिन अगर 80 प्रतिशत बच्चे में स्कूल में पहुंच गये तो उन्हें बैठने की जगह नहीं मिलेगी.
बक्सर के डुमरांव से भाकपा माले के विधायक अजीत कुमार सिंह ने कहा कि केके पाठक को विधायिका के अधीन काम करना चाहिये. लेकिन वे अपने मन से काम कर रहे हैं. विधायक ने कहा कि केके पाठक हर रोज एक नया फरमान जारी कर रहे हैं. लेकिन बिहार के अंदर कई ऐसे सरकारी स्कूल हैं, जहां बैठने के लिए बेंच डेस्क नहीं है. स्कूल में कमरे नहीं है. वहां बच्चों की उपस्थिति बढ़ाने को कहा जा रहा है. अगर स्कूलों में 80 परसेंट बच्चे आ जायेंगे तो बैठने के लिए जगह नहीं होगा. लेकिन केके पाठक व्यवस्था सुधारने के बजाय तालिबानी आदेश जारी कर रहे हैं.
फ्रस्टेशन निकाल रहे हैं पाठक
माले विधायक अजीत कुमार सिंह ने कहा कि केके पाठक शिक्षकों के लिए रोज नये आदेश निकाल कर फ्रस्टेशन निकाल रहे हैं. इससे पहले वे उत्पाद विभाग में थे. वहां उन्होंने कहा था कि शराब माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई करेंगे. लेकिन कुछ नहीं कर पाये. अब शिक्षा विभाग में पता नहीं क्या कर देंगे.
सीएम से की है शिकायत
विधायक अजीत कुमार सिंह ने कहा कि हमलोगों ने सीएम को केके पाठक के तालिबानी आदेशों के बारे में जानकारी दी है. विधायक ने कहा कि केके पाठक की ही देन है कि बिहार में उत्पाद विभाग बर्बाद हो गया. वहां कई अधिकारियों को ब्रेन हैमरेज हो गया. केके पाठक अब शिक्षा विभाग को रसातल में मिलाने के लिए पहुंचे हैं. उन्हें शिक्षा सुधारने की फिक्र है तो पहले बच्चों को पढ़ने के लिए संसाधन उपलब्ध करायें. बिहार के शिक्षण संस्थान खंडहर बने हुए हैं.
केके पाठक से बेचैनी
दरअसल शिक्षा विभाग में आने के बाद केके पाठक लगतार एक्शन में हैं. बिहार के सरकारी स्कूलों से ज्यादातर शिक्षक गायब रहते थे. लेकिन आज की हालत ये है कि सरकारी स्कूलों में एक भी शिक्षक गैरहाजिर नहीं रह रहा. पाठक बार-बार बच्चों की उपस्थिति बढ़ाने का निर्देश दे रहे हैं. स्कूलों में बच्चों के नहीं आने पर हेडमास्टर के साथ साथ प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के खिलाफ भी कार्रवाई का आदेश जारी कर दिया गया है. इसके बाद शिक्षकों में बेचैनी फैली है. ऐसे में शिक्षकों का नेता बनने का दावा करने वाले माले विधायकों की बेचैनी स्वाभाविक लगती है.