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27-Dec-2021 06:17 PM
DESK : बिहार में घूसखोर और भ्रष्ट अफसरों के खिलाफ कार्रवाई लगातार जारी है. निगरानी विभाग, विशेष निगरानी यूनिट और आर्थिक अपराध इकाई द्वारा राज्य के भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ लगातार छापेमारी अभियान चलाई जा रही है. बताया जा रहा है कि बिहार में पिछले 3 महीनों में लगभग 20 अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की गई है और लगभग 600 करोड़ की काली कमाई जब्त की गई है. आपको बता दें कि इस जब्त राशि से अगर सरकार चाहे तो आम लोगों के कल्याण के लिए कोई योजना शुरू कर सकती है.
आपको बता दें कि लगभग 20 लोक सेवकों के खिलाफ कार्रवाई हुई है. उनमें कुलपति, मंत्री के आप्त सचिव, जेल अधीक्षक, डीटीओ, एसपी ,एसडीपीओ, थाना प्रभारी, कार्यपालक अभियंता, सीओ समेत कई बड़े सरकारी अधिकारी शामिल हैं. छापेमारी के दौरान अधिकारियों और पदाधिकारियों के आलीशान घरों और संपत्तियों को देखकर आर्थिक अपराध इकाई और निगरानी विभाग के अधिकारी हैरान रह गए थें. ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि राज्य सरकार के अधीन काम करने वाली एजेंसियों के द्वारा की गई कार्रवाई एक झलक मात्र है. अगर जांच इसी तरह से होती रही तो, सैकड़ों की संख्या में और भ्रष्ट अधिकारियों की पोल खुल सकती है.
बताते चलें कि बिहार सरकार के अधीन काम करने वाले तीनों एजेंसी द्वारा लगातार भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्रवाई के दौरान एक नए ट्रेंड का पता चला है. इसमें कुछ अधिकारी ऐसे हैं जिन्होंने भ्रष्टाचार को लेकर अपनी पत्नी समेत परिजनों और रिश्तेदारों के नाम पर फर्जी कंपनी बनाकर काली कमाई को ठिकाने लगाया है. हालांकि एक बात तो साफ है कि कहीं ना कहीं बिहार के इन भ्रष्ट अधिकारियों के वजह से ही सरकार द्वारा चलाई जा रही जानकल्याणकारी योजनाएं आम लोगों तक नहीं पहुँच पा रही है.