Bihar News: बिहार के इन जिलों में इंडस्ट्रियल हब का निर्माण, रोजगार की आने वाली है बाढ़.. Bihar News: बिहार के इन जिलों में एयरपोर्ट का निर्माण, गया हवाई अड्डे को बनाया जाएगा इस मामले में खास.. ISM पटना में व्याख्यान का आयोजन: इसके माध्यम से युवाओं को मिला लैंगिक संवेदनशीलता का संदेश Bihar Cabinet Meeting: नीतीश कैबिनेट का बड़ा फैसला...इस विभाग में 459 लिपिक की होगी बहाली..इन आंदोलनकारियों की पेंशन राशि में भारी वृद्धि अररिया में लूट की कोशिश नाकाम: एक्सीडेंट में घायल हुए दो बदमाश, ग्रामीणों ने हथियार के साथ पकड़ा Bihar Education News: 1st Bihar की खबर का बड़ा असर, भ्रष्टाचार में लिप्त A.E. की सेवा होगी समाप्त.. शिक्षा विभाग को भेजा गया प्रस्ताव, करप्शन की जांच के लिए 3 सदस्यीय कमेटी Patna News: पटना में स्वतंत्रता दिवस पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम, ड्रोन से होगी निगरानी Patna News: पटना में गंदगी फैलाने वालों पर होगी कड़ी कार्रवाई, इस दिन से अभियान शुरू Janmashtami 2025: जन्माष्टमी पर क्यों तोड़ी जाती है दही हांडी? जानिए... इस परंपरा का इतिहास और महत्व Bihar News: बिहार में मिला इतने हजार करोड़ का खनिज, खजाने की ई-नीलामी की तैयारी में जुटी केंद्र सरकार
30-Dec-2021 04:59 PM
GOPALGANJ: गोपालगंज में चार पैर वाले बच्चे ने जन्म लिया है। पीएचसी में यह चर्चा का विषय बना हुआ है। नवजात का दो पैर नॉर्मल हैं जबकि दो पैर पिछले हिस्से में हैं। जिसमें एक पैर का साइज काफी छोटा है। बच्चे को देखने आने वालों लोगों की भीड़ को देखते हुए पीएचसी के डॉक्टरों ने सदर हॉस्पिटल रेफर कर दिया। सदर अस्पताल में भी लोग उमड़ने लगे जिसके बाद नवजात को PICU में रखा गया है।
इस बात की जानकारी जैसे ही गांव और आस-पास के लोगों को हुई वे बच्चे को देखने के लिए अस्पताल तक पहुंच गये। सदर अस्पताल में लोगों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। सभी लोग बच्चे को एक झलक देखना चाहते थे। अस्पताल परिसर में उमड़ी लोगों की भीड़ को देखते हुए डॉक्टरों ने नवजात को PICU वार्ड में भेज दिया।
बताया जाता है कि प्रसव पीड़ा के बाद बैकुंठपुर प्रखंड के रेवतिथ गांव स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में रवीना खातून को एडमिट कराया गया था। जहां उसने एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया। नवजात के चार पैर होने की बात जब सामने आई तब पीएचसी में भी लोगों की भीड़ उमड़ने लगी। भीड़ को देखते हुए पीएचसी के डॉक्टरों ने सदर अस्पताल रेफर कर दिया था।
वहां भी लोग बच्चे को देखने के लिए पहुंचने लगे जिसके बाद बच्चे को पीआईसीयू वार्ड में भेज दिया गया। जहां किसी को नवजात से मिलने की इजाजत नहीं है। बच्चे को नवजात शिशु इकाई में रखा गया है। सदर अस्पताल के डॉक्टर सौरभ अग्रवाल का कहना था कि इस तरह का मामला कभी-कभी आता है। एक लाख बच्चों में एक बच्चे में इस तरह केस मिलते हैं। यह जेनेटिक व अन्य कारणों से भी होता है।