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23-Jun-2022 05:03 PM
PATNA: असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM के विधायक अख्तरुल इमान ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाये हैं. उन्होंने कहा है कि बिहार में उर्दू भाषा का गला दबाया जा रहा है. उर्दू को पढ़ने-लिखने का मामला बंद कराया जा रहा है. स्कूलों में उर्दू भाषा के शिक्षकों की भर्ती नहीं हो रही है, जिससे आधी आवादी सदमे में है और सरकार से नाराज है.
AIMIM के विधायक अख्तरुल इमान ने कहा कि बिहार में इस समय 80 हजार से ज्यादा उर्दू भाषा के शिक्षकों की संख्या खाली है. 2013 में उर्दू-बंगला भाषा के शिक्षकों के भर्ती के लिए परीक्षा हुआ था. लेकिन 12 हजार बच्चों को पास करने के बजाए फेल कर दिया गया. उन्होंने कहा कि इस मामले में कोर्ट ने सरकार को फटकार भी लगाई. लेकिन अब तक उन लोगों का भर्ती नहीं हुआ है.
अख्तरुल इमान ने कहा कि प्राथमिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक पहले उर्दू भाषा की पढ़ाई होती थी. लेकिन अब इसे धीरे-धीरे हटाया जा रहा है. स्कूल में उर्दू के शिक्षकों की भर्ती नहीं हो रही है. ऐसे में सवाल उठता है कि शिक्षकों की भर्ती नहीं होगी तो बच्चों को कौन पढ़ायेगा? उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि उर्दू के शिक्षक दूसरा भाषा नहीं पढ़ाते हैं. वो अन्य विषय भी पढ़ाते हैं.
AIMIM के विधायक अख्तरुल इमान ने कहा कि सरकार ने वादा किया था कि गर किसी जगह पर 10 बच्चें भी उर्दू पढ़ना चाहेंगे तो पढ़ाया जायेगा. लेकिन ऐसा कुछ होता दिखाई नही दे रहा है. सरकार उर्दू भाषा का गला दबा रही है. उर्दू भाषी सरकार से काफी नाराज हैं. इसपर सरकार को ध्यान देना चाहिए.