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05-Dec-2021 07:55 AM
DESK : मोदी सरकार 6 दिसंबर को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण का बिल संसद में पेश करने जा रही है. इसे लेकर बैंक कर्मी खासे उद्देलित हैं और इसका पुरजोर विरोध कर रहे हैं, इसे लेकर बैंक कर्मी किसी भी मोर्चे पर लड़ाई लड़ने के मूड में हैं.
वहीं उनके समर्थन में किसान नेता राकेश टिकैत भी आ गए हैं और उन्होंने कहा है कि निजीकरण के खिलाफ देशभर में साझा आंदोलन की जरूरत है. इसे लेकर किसान नेता राकेश टिकैत ने मोर्चा खोलने की बात कही है.
राकेश टिकैत ने ट्वीट कर कहा है कि हमने आंदोलन की शुरुआत में आगाह किया था कि अगला नंबर बैंकों का होगा. नतीजा देखिए, 6 दिसंबर को संसद में सरकारी बैंकों के निजीकरण का बिल पेश होने जा रहा है. निजीकरण के खिलाफ देशभर में साझा आंदोलन की जरूरत है.
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण के विरोध में यूनाइटेड फोरम आफ बैंक यूनियंस के आह्वान पर 16 और 17 दिसंबर को बैंकों में दो दिन की देशव्यापी हड़ताल की जायेगी. यूनाइटेड फोरम आफ बैंक यूनियंस नौ सरकारी बैंकों के यूनियन का संयुक्त मंच है.
बता दें कि, 6 दिसंबर को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण का बिल संसद में पेश हो सकता है. संसद के शीतकालीन सत्र में बैंकिंग कानून संशोधन विधेयक लाने की तैयारी सरकार ने पहले से ही कर रखी है. अब देखना दिलचस्प होगा कि राकेश टिकैत के बयान के बाद से संसद में बिल आता है या नहीं.