ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar News: आम जनता का क्या होगा, यहाँ पुलिस अपने सामान की ही रक्षा नहीं कर पा रही Bihar Crime News: राजधानी में बैंक्वेट हॉल संचालक को दौड़ा-दौड़ा कर मारी गोली, पटना में बेख़ौफ़ अपराधियों के हौसले बुलंद Apda Mitra: बिहार में आएगी आपदा तो घबराना नहीं! 22,200 नए युवा ‘आपदा मित्र’ हर मुश्किल में देंगे साथ! Bihar NGO registration: Bihar में 37,000 NGOs पर संकट! जल्द न किया ये काम तो रद्द होगा रजिस्ट्रेशन, जब्त होंगी संपत्तियां और बैंक खाते! Bihar Crime News: दोस्तों ने मिलकर युवक को उतारा मौत के घाट, इलाके में कई थानों की पुलिस तैनात Bihar Crime News: छापेमारी करने गई पुलिस टीम पर हमला, कई जवान घायल, 10 से ज्यादा गिरफ्तारियां Medical colleges in Bihar: बिहार के इन 7 जिलों में बनेंगे मेडिकल कॉलेज, जानिए क्या है सरकार का प्लान Bihar News: दानापुर स्टेशन के समीप बनेगा डबल डेकर पुल, बिहटा एयरपोर्ट को जोड़ने के लिए 600 मीटर लंबे टनल का भी निर्माण Bihar Crime News: पटना में कारोबारी की हत्या से हड़कंप, राजधानी में बेख़ौफ़ अपराधियों का तांडव जारी Bihar News: शिक्षा के लिए कर्ज लेने में पटना के विद्यार्थी अव्वल, यह जिला सबसे पीछे

28 दिनों के बाद नीतीश कुमार ने बुलायी अपनी कैबिनेट की बैठक, सरकार में खींचतान की चर्चा गर्म

28 दिनों के बाद नीतीश कुमार ने बुलायी अपनी कैबिनेट की बैठक, सरकार में खींचतान की चर्चा गर्म

14-Dec-2020 03:58 PM

PATNA : नीतीश कुमार ने 28 दिनों के बाद अपनी कैबिनेट की बैठक बुलायी है. कल शाम साढ़े चार बजे नीतीश कैबिनेट की बैठक बुलायी गयी है. सत्ता के गलियारे में सरकार के भीतर खींच-तान की चर्चा आम है.


गौरतलब है कि 16 नवंबर को नये मंत्रिमंडल के शपथ ग्रहण के बाद अगले दिन यानि 17 नवंबर को राज्य कैबिनेट की बैठक बुलायी गयी थी. उस वक्त कैबिनेट की बैठक बुलाना संवैधानिक बाध्यता थी क्योंकि कैबिनेट की बैठक करके ही विधानमंडल का सत्र बुलाने का फैसला लिया जा सकता था. नयी सरकार बनने के बाद विधान मंडल का सत्र बुलाना संवैधानिक बाध्यता है. 17 नवंबर को हुई औपचारिक बैठक के बाद नीतीश कैबिनेट की कोई बैठक ही नहीं हुई.


बीजेपी-जेडीयू में खींचतान की चर्चा आम थी
दरअसल राज्य कैबिनेट की बैठक में ही अहम सरकारी फैसले लिये जाते हैं. पिछले 28 दिनों से कैबिनेट की बैठक नहीं होने से सरकार कोई बडा फैसला नहीं ले पायी थी. बिहार में हर सप्ताह कैबिनेट की बैठक करने की परंपरा रही है. कोरोना काल और चुनाव के दौरान आचार संहिता वाले समय को छोड़ दें तो नीतीश कुमार हर सप्ताह कैबिनेट की बैठक करते रहे हैं. कई दफे तो एक सप्ताह में दो दफे कैबिनेट की बैठक होती रही है.


कैबिनेट की बैठक नहीं होने से सरकार के भीतर खींचतान की चर्चा आम थी. सत्ता के गलियारे में चर्चा हो रही थी कि जेडीयू और बीजेपी के बीच घमासान शुरू हो गया है और सरकार पर इसका असर दिखने लगा है. नीतीश कुमार बीजेपी के नये मंत्रियों के साथ खुद को सहज महसूस नहीं कर रहे थे. लिहाजा कैबिनेट की बैठक टाली जी रही थी.


मंत्रिमंडल विस्तार का भी अता-पता नहीं
16 नवंबर को नयी सरकार के गठन के वक्त ही बीजेपी-जेडीयू में ये तय हुआ था कि जल्द ही कैबिनेट का विस्तार कर नये मंत्रियों को शामिल कर लिया जायेगा. लिहाजा नीतीश कुमार ने विधानमंडल सत्र के बाद 29 नवंबर को कैबिनेट के विस्तार की योजना बनायी थी. लेकिन सूत्रों की मानें तो बीजेपी ने अपने कोटे के मंत्रियों की सूची ही नहीं दी. लिहाजा कैबिनेट का विस्तार नहीं हो पाया.


जेडीयू के हिस्से का विभाग चाहती है बीजेपी
बीजेपी के एक  नेता ने बताया कि चुनाव में बीजेपी को जेडीयू की तुलना में काफी ज्यादा सीटें मिली हैं. बीजेपी ने मुख्यमंत्री का पद जेडीयू को दे दिया लेकिन उसे अपने विधायकों की संख्या के अनुपात में मंत्री पद और  विभाग चाहिये. नीतीश कुमार ने विभागों के बंटवारे के वक्त पिछली सरकार में अपने कोटे के लगभग सारे विभागों को अपने ही पास रख लिया है. जेडीयू कोटे के सिर्फ तीन महत्वहीन विभाग बीजेपी को दिये गये. बीजेपी इससे संतुष्ट नहीं है.


बीजेपी सूत्रों के मुताबिक पार्टी नेतृत्व चाहता है कि शिक्षा, जल संसाधन  विभाग और ग्रामीण कार्य विभाग में से दो विभाग बीजेपी के हिस्से में आये. जेडीयू गृह और सामान्य प्रशासन विभाग अपने पास रख चुका है. लेकिन अब दूसरे अहम विभागों पर बीजेपी समझौते के मूड में नहीं है.