IPL2025: "हमें विनम्र बने रहने की जरुरत", अंकतालिका में टॉप पर जाने के बाद हार्दिक और सूर्या का बड़ा बयान, फैंस बोले "ये दोनों MI के पिलर हैं" Made in India: डोनाल्ड ट्रम्प के टैरिफ वॉर के बाद अमेरिका में 'मेड इन इंडिया' की गूंज! Gold theft jewellery shop: थानेदार बनकर आया, लाखों के गहने ले उड़ा, CCTV फुटेज देख दंग रह गया दुकानदार! Bihar Politics: "नीतीश को साइडलाइन करने की हिम्मत किसी में नहीं": मनोज तिवारी.. चिराग के भविष्य और पवन सिंह के BJP में आने पर भी बोले Road Accident Death : कुछ महीने पहले हुई थी शादी, अब सड़क हादसे में सुप्रीम कोर्ट के वकील की मौत,पत्नी घायल Caste Census: बिहार चुनाव और पहलगाम हमले से है जातीय जनगणना का कनेक्शन? विपक्ष के तीखे सवालों के बाद जनता सोचने पर मजबूर Pakistan Airspace: पाकिस्तान द्वारा एयरस्पेस बंद किए जाने के बाद एयर इंडिया को भारी नुकसान, बढ़ीं मुश्किलें Bihar News: पटना में हाईटेक हाइड्रोलिक पार्किंग सिस्टम, अब कार्ड स्कैन करो और कार खुद हो जाएगी पार्क Double Money Scheme fraud: बिहार में 24 घंटे में पैसा डबल करने का झांसा, एक करोड़ से अधिक की ठगी, दो आरोपी गिरफ्तार CBSE 10th Result 2025: सीबीएसई 10वीं का रिजल्ट जल्द होगा जारी, जानिए.. कब और कहां आएगा परिणाम, कैसे करें चेक?
02-Mar-2025 07:00 AM
By First Bihar
Choti Holi 2025: छोटी होली, जिसे होलिका दहन के रूप में भी जाना जाता है, हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण पर्व है। इस दिन शाम को लकड़ियों और उपलों से होलिका का दहन किया जाता है, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। यह पर्व भगवान विष्णु और भक्त प्रह्लाद की कथा से जुड़ा हुआ है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन विधिपूर्वक होलिका दहन करने और भगवान विष्णु की आराधना करने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है।
छोटी होली का धार्मिक महत्व
भक्त प्रह्लाद की विजय: पौराणिक मान्यता के अनुसार, असुरराज हिरण्यकश्यप अपने पुत्र प्रह्लाद की भगवान विष्णु के प्रति भक्ति से क्रोधित था। उसने अपनी बहन होलिका को आदेश दिया कि वह प्रह्लाद को गोद में लेकर अग्नि में बैठ जाए, क्योंकि उसे अग्नि से अक्षत रहने का वरदान था। लेकिन भगवान विष्णु की कृपा से होलिका जलकर भस्म हो गई और प्रह्लाद सुरक्षित बच गए। इसी घटना की स्मृति में होलिका दहन का आयोजन किया जाता है।
नकारात्मक ऊर्जा का नाश: इस दिन असुरी शक्तियों और बुरी आदतों का दहन कर आत्मशुद्धि की प्रार्थना की जाती है।
सकारात्मक ऊर्जा का संचार: धार्मिक मान्यता है कि होलिका दहन की अग्नि से वातावरण की नकारात्मक शक्तियां नष्ट होती हैं और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
होलिका दहन की पूजन विधि
होलिका दहन के दौरान कुछ विशेष पूजन विधियों का पालन किया जाता है:
होलिका दहन स्थल की शुद्धि: सबसे पहले गंगाजल छिड़ककर होलिका दहन स्थल को शुद्ध करें।
लकड़ियों और उपलों का ढेर बनाएं: इस ढेर को होलिका और प्रह्लाद का प्रतीक मानकर पूजा करें।
कच्चे सूत का धागा लपेटें: होलिका के चारों ओर तीन या सात बार कच्चे सूत का धागा लपेटकर परिक्रमा करें।
गंध, फूल, रोली और अक्षत अर्पित करें: भगवान विष्णु का स्मरण करें और पूजा करें।
नारियल और गेंहू-चना अर्पित करें: फिर अग्नि प्रज्ज्वलित कर उसमें गेंहू, चना और नारियल अर्पित करें।
प्रसाद वितरण: अंत में होलिका की राख को माथे पर लगाकर शुभता और समृद्धि की कामना करें।
होलिका दहन के नियम और सावधानियां
ध्यान रखें कि होलिका में प्लास्टिक, रबर, टायर आदि न जलाएं, इससे पर्यावरण को नुकसान होता है।
होलिका दहन के दिन धन उधार न दें, यह आर्थिक हानि का संकेत माना जाता है।
किसी अनजान वस्तु को न छूएं और अनावश्यक विवाद से बचें।
इस दिन ब्रह्मचर्य का पालन करें और तामसिक भोजन से बचें।
शराब व अन्य नशीले पदार्थों का सेवन न करें।
दान-पुण्य करें और जरूरतमंदों की मदद करें।
छोटी होली का पर्व धार्मिक और सामाजिक दोनों दृष्टि से महत्वपूर्ण है। यह दिन अंधकार पर प्रकाश की जीत, बुराई पर अच्छाई की विजय और नकारात्मकता के विनाश का प्रतीक है। यदि शास्त्रों में बताए गए नियमों का पालन करते हुए विधिपूर्वक पूजा की जाए, तो यह जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और समृद्धि लाने में सहायक होता है।