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08-Dec-2025 09:27 AM
By FIRST BIHAR
Parliament Session: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को लोकसभा में ‘वंदे मातरम्’ की 150वीं वर्षगांठ पर आयोजित विशेष चर्चा की शुरुआत करेंगे। इस बहस के दौरान राष्ट्रीय गीत से जुड़े कई ऐतिहासिक और कम ज्ञात तथ्यों के सामने आने की उम्मीद है। हालांकि, चर्चा राजनीतिक रूप से गर्म भी हो सकती है, क्योंकि प्रधानमंत्री पहले ही कांग्रेस पर गीत के छंद हटाने का आरोप लगा चुके हैं।
लोकसभा की कार्यसूची में ‘राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम् की 150वीं वर्षगांठ पर चर्चा’ को सोमवार के लिए सूचीबद्ध किया गया है और इसके लिए कुल 10 घंटे का समय निर्धारित है। प्रधानमंत्री के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह दूसरे वक्ता होंगे। विपक्ष की ओर से कांग्रेस के लोकसभा उपनेता गौरव गोगोई, प्रियंका गांधी और अन्य सांसदों के शामिल होने की संभावना है।
लोकसभा के बाद मंगलवार को राज्यसभा में ‘वंदे मातरम्’ पर चर्चा होगी। उच्च सदन में गृह मंत्री अमित शाह बहस की शुरुआत करेंगे, वहीं स्वास्थ्य मंत्री और राज्यसभा में नेता जेपी नड्डा दूसरे वक्ता होंगे। दोनों सदनों में यह चर्चा राष्ट्रीय गीत के ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक महत्व पर केंद्रित रहेगी, जिसने भारतीय राष्ट्रवाद को मजबूत आधार दिया है।
बहस के दौरान राजनीतिक हंगामे की आशंका भी जताई जा रही है। हालांकि 2 दिसंबर को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की अध्यक्षता में सत्तापक्ष और विपक्ष की बैठक में इस चर्चा पर सहमति बन चुकी है। बैठक में यह भी सहमति बनी कि ‘वंदे मातरम्’ और चुनाव सुधारों पर आगामी सप्ताह में विस्तृत बहस की जाएगी, जिससे साफ संकेत मिलता है कि संसद में रचनात्मक और सकारात्मक चर्चा का अवसर मिलेगा।
‘वंदे मातरम्’ की रचना 1870 के दशक में बंकिम चंद्र चटर्जी ने संस्कृतनिष्ठ बंगाली में की थी। यह गीत उनके प्रसिद्ध उपन्यास ‘आनंदमठ’ का हिस्सा है, जिसका पहला प्रकाशन 1882 में हुआ। बाद में जदुनाथ भट्टाचार्य ने इसे संगीतबद्ध किया। भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान ‘वंदे मातरम्’ स्वतंत्रता सेनानियों के लिए प्रेरणा का प्रमुख स्रोत रहा और 1950 में भारत गणराज्य की स्थापना के साथ इसे राष्ट्रीय गीत का दर्जा दिया गया।