ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar News: बिहार के इन जिलों में इंडस्ट्रियल हब का निर्माण, रोजगार की आने वाली है बाढ़.. Bihar News: बिहार के इन जिलों में एयरपोर्ट का निर्माण, गया हवाई अड्डे को बनाया जाएगा इस मामले में खास.. ISM पटना में व्याख्यान का आयोजन: इसके माध्यम से युवाओं को मिला लैंगिक संवेदनशीलता का संदेश Bihar Cabinet Meeting: नीतीश कैबिनेट का बड़ा फैसला...इस विभाग में 459 लिपिक की होगी बहाली..इन आंदोलनकारियों की पेंशन राशि में भारी वृद्धि अररिया में लूट की कोशिश नाकाम: एक्सीडेंट में घायल हुए दो बदमाश, ग्रामीणों ने हथियार के साथ पकड़ा Bihar Education News: 1st Bihar की खबर का बड़ा असर, भ्रष्टाचार में लिप्त A.E. की सेवा होगी समाप्त.. शिक्षा विभाग को भेजा गया प्रस्ताव, करप्शन की जांच के लिए 3 सदस्यीय कमेटी Patna News: पटना में स्वतंत्रता दिवस पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम, ड्रोन से होगी निगरानी Patna News: पटना में गंदगी फैलाने वालों पर होगी कड़ी कार्रवाई, इस दिन से अभियान शुरू Janmashtami 2025: जन्माष्टमी पर क्यों तोड़ी जाती है दही हांडी? जानिए... इस परंपरा का इतिहास और महत्व Bihar News: बिहार में मिला इतने हजार करोड़ का खनिज, खजाने की ई-नीलामी की तैयारी में जुटी केंद्र सरकार

महाराष्ट्र के सरकारी दफ्तरों में मराठी में बात करना अनिवार्य, नहीं मानने पर होगी कार्रवाई

Marathi language compulsory: महाराष्ट्र के सरकारी दफ्तरों में मराठी में बात करना अनिवार्य कर दिया गया है। नियम नहीं मानने वालों पर सरकार कार्रवाई करेगी।

Marathi language compulsory

04-Feb-2025 07:53 AM

By KHUSHBOO GUPTA

Marathi language compulsory: महाराष्ट्र सरकार ने सरकारी और अर्ध-सरकारी कार्यालयों में मराठी में बात करना अनिवार्य कर दिया है। सरकार ने इस संबंध में नोटिफिकेशन जारी किया है। नोटिफिकेशन में कहा गया है कि स्थानीय स्वशासन, सरकारी निगमों और सरकारी सहायता प्राप्त प्रतिष्ठानों में मराठी बोलना अनिवार्य है।


सरकार की ओर से जारी किये गये इस नोटिफिकेशन में चेतावनी दी गयी है कि इस नियम का उल्लंघन होने पर दोषी अधिकारियों को अनुशासनात्मक कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। इतना ही नहीं, सरकार की तरफ से जारी नोटिफिकेशन में कहा गया है कि सरकारी दफ्तरों में आने वाले विजिटर्स के लिए भी मराठी में बातचीत करना अनिवार्य होगा। हालांकि उन लोगों को इससे छूट मिलेगी जो यह भाषा नहीं बोलते हैं, जो विदेशी या महाराष्ट्र के बाहर के गैर-मराठी भाषी हैं।


आपको बता दें कि इस नियम का मकसद राज्य के प्रशासन और पब्लिक लाइफ में मराठी भाषा के इस्तेमाल को बढ़ावा देना है। दरअसल पिछले साल स्वीकृत मराठी भाषा नीति में भाषा के संरक्षण, संवर्धन, प्रसार और विकास के लिए उठाए गए कदमों को आगे बढ़ाने के लिए सभी सार्वजनिक मामलों में मराठी के उपयोग की सिफारिश की गई थी। इसमें कहा गया है कि सभी कार्यालयों में पीसी (पर्सनल कंप्यूटर) कीबोर्ड पर रोमन वर्णमाला के अलावा मराठी देवनागरी वर्णमाला भी होनी चाहिए।