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20-Oct-2025 10:56 AM
By First Bihar
Bihar election 2025 : राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रमुख लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे और जनशक्ति जनता दल (जसजद) के अध्यक्ष तेज प्रताप यादव की मुश्किलें बढ़ गई हैं। तेज प्रताप पर वैशाली जिले की महुआ विधानसभा सीट से नामांकन दाखिल करने के दौरान आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) के उल्लंघन का मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने रविवार को इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार भी किया है।
जानकारी के अनुसार, यह मामला 16 अक्टूबर को तेज प्रताप यादव के नामांकन जुलूस से जुड़ा है। तेज प्रताप अपने समर्थकों और कार्यकर्ताओं के साथ महुआ विधानसभा क्षेत्र पहुंचे थे। इस दौरान उनके काफिले में एक गाड़ी शामिल थी, जिस पर नीली बत्ती और पुलिस का लोगो लगा हुआ था। इस गाड़ी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद महुआ क्षेत्र के अधिकारियों ने संबंधित थाने में शिकायत दर्ज कराई। शिकायत में कहा गया कि इस गाड़ी का उपयोग चुनावी रैली के दौरान किया गया, जो चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन है।
भोजपुर पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच शुरू की। जांच के दौरान यह सामने आया कि वायरल वीडियो में दिख रही गाड़ी पर लगा पुलिस का लोगो और नीली बत्ती निजी तौर पर लगाई गई थी और यह सरकारी वाहन नहीं था। इसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए इस मामले में गाड़ी के मालिक और ड्राइवर के खिलाफ मामला दर्ज किया।
भोजपुर जिला पुलिस द्वारा जारी बयान में डीएसपी 1 राज कुमार शाह ने बताया कि तेज प्रताप यादव की रैली में इस्तेमाल हुई गाड़ी सिद्धनाथ सिंह के बेटे प्रमोद कुमार यादव की निजी गाड़ी निकली। उन्होंने कहा कि निजी वाहन पर पुलिस का लोगो और नीली बत्ती लगाना एक गंभीर और संज्ञेय अपराध है। पुलिस ने बताया कि गाड़ी को जब्त कर लिया गया है और दोनों आरोपी—गाड़ी के मालिक और ड्राइवर—को गिरफ्तार किया गया है।
इस मामले को लेकर पुलिस ने कहा कि गहन जांच की जा रही है और जल्द ही पूरी रिपोर्ट दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी। वहीं, तेज प्रताप यादव ने इस मामले में अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। हालांकि उनके समर्थक इसे राजनीतिक रूप से निशाना बनाने वाला कदम बता रहे हैं।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियों के बीच यह मामला राज्य की राजनीति में नया मोड़ लेकर आया है। तेज प्रताप यादव ने महुआ सीट से नामांकन दाखिल किया है और उनके समर्थकों की बड़ी संख्या रैली में शामिल रही। हालांकि, वायरल वीडियो ने चुनाव आयोग और पुलिस की निगरानी को ध्यान में रखते हुए मामले को गंभीर बना दिया है।
चुनाव आयोग की आदर्श आचार संहिता के अनुसार किसी भी निजी वाहन पर पुलिस या सरकारी लोगो का उपयोग करना, नीली बत्ती लगाना और रैली में इसका प्रयोग करना निषिद्ध है। यह उल्लंघन सीधे तौर पर चुनावी नियमों का उल्लंघन माना जाता है और इसके लिए संबंधित धाराओं में मामला दर्ज किया जा सकता है। तेज प्रताप यादव की रैली में हुई इस घटना ने इसे राज्य भर में सुर्खियों में ला दिया है।
इस मामले में गिरफ्तार दोनों आरोपी फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं और पुलिस उनसे पूछताछ कर रही है। अधिकारी बता रहे हैं कि गहन जांच के बाद आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस यह भी सुनिश्चित कर रही है कि आगामी चुनाव में कोई भी व्यक्ति सरकारी प्रतीक या बत्ती का दुरुपयोग न करे।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह मामला तेज प्रताप यादव के लिए चुनावी चुनौती पैदा कर सकता है। हालांकि, तेज प्रताप यादव महुआ क्षेत्र में अपने प्रभाव और लोकप्रियता के लिए जाने जाते हैं। उनके समर्थक इसे राजनीतिक साजिश करार दे रहे हैं और मामले को चुनावी हलचल से जोड़कर देख रहे हैं।
इस घटना ने बिहार में चुनाव सुरक्षा, आचार संहिता पालन और राजनीतिक पार्टियों की गतिविधियों पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। पुलिस और चुनाव आयोग अब इस मामले की पूरी जांच कर यह सुनिश्चित करेंगे कि कोई भी चुनावी नियमों का उल्लंघन न हो और सभी प्रत्याशी निष्पक्ष रूप से अपने नामांकन और प्रचार में शामिल हों। आगे की जांच और कानूनी प्रक्रिया के तहत यह देखना होगा कि तेज प्रताप यादव और उनके काफिले के खिलाफ क्या कार्रवाई होती है। फिलहाल, मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस सतर्क है और सभी पक्षों से आवश्यक जानकारी जुटा रही है।