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25-Oct-2025 08:52 AM
By First Bihar
Bihar Politics: आज से बिहार में चार दिवसीय महापर्व छठ की शुरुआत हो गई है। नहाय-खाय के साथ ही भक्तजन व्रत के लिए तैयार हो गए हैं और पूरे राज्य में पर्व की तैयारियों को लेकर उत्साह का माहौल है। लेकिन इस धार्मिक और सांस्कृतिक माहौल के बीच आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव ने एनडीए सरकार पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने सरकार को ‘झूठ के बेताज बादशाह और जुमलों के सरदार’ करार देते हुए कई मुद्दों पर तंज कसा।
लालू यादव ने अपने एक्स अकाउंट (पूर्व में ट्विटर) के माध्यम से एक पोस्ट शेयर किया। इसमें उन्होंने छठ पर्व के मौके पर रेलवे सेवाओं को लेकर सरकार पर सवाल उठाए। लालू यादव ने लिखा कि एनडीए सरकार ने दावा किया था कि बिहार के लिए छठ पर्व के दौरान 13,198 ट्रेनों में से लगभग 12,000 रेलगाड़ियां चलाई जाएंगी, लेकिन यह दावा केवल ‘सफेद झूठ’ निकला। उनके अनुसार, बिहार में वर्षों से पलायन की समस्या झेल रहे लोगों के लिए लोक आस्था के महापर्व छठ पर भी सरकार ट्रेनें सुचारू रूप से नहीं चला पाई।
उन्होंने कहा कि बिहारवासियों को अमानवीय परिस्थितियों में सफर करना पड़ रहा है। लालू यादव ने लिखा कि डबल इंजन सरकार की गलत नीतियों के कारण हर साल बिहार के 4 करोड़ से अधिक लोग रोजगार के लिए दूसरे राज्यों का रुख करते हैं। यूपीए सरकार के बाद से एनडीए सरकार ने बिहार में कोई बड़ा उद्योग नहीं लगाया, जो स्पष्ट रूप से बिहार विरोधी रवैया दर्शाता है।
इस पोस्ट में लालू यादव ने स्पष्ट रूप से एनडीए सरकार की रेल नीतियों की आलोचना करते हुए तंज कसा कि त्योहारों पर भी बिहारवासियों को सुविधा नहीं दी जा रही है। उन्होंने लिखा कि रेलगाड़ियों की संख्या और उनकी संचालन प्रणाली से यात्रियों को गंभीर कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
वहीं, रेलवे विभाग ने त्योहारों को देखते हुए यात्रियों की सुविधा के लिए छठ और दिवाली के अवसर पर 12,000 स्पेशल ट्रेनें चलाने का निर्णय लिया था। इन स्पेशल ट्रेनों का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि लोग पर्व पर अपने घरों तक आसानी से पहुँच सकें। रेलवे ने कई पूजा विशेष ट्रेनें भी चलाने की घोषणा की है।
हालांकि, लालू यादव ने इस योजना पर भी सवाल उठाते हुए आरोप लगाया कि ट्रेनें पर्याप्त रूप से नहीं चल रही हैं और राज्यवासियों को यात्रा के दौरान कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उनका तर्क है कि यह बिहार के प्रति सरकार की उदासीनता और योजनाओं की विफलता का उदाहरण है।
इस बीच छठ पर्व की तैयारियों में बिहार के कई जिलों में श्रद्धालु घाटों की सफाई, सजावट और पूजा सामग्री की व्यवस्था कर रहे हैं। नहाय-खाय के बाद खरना, अस्ताचलगामी और उगते सूर्य को अर्घ्य देने की परंपरा के अनुसार श्रद्धालु व्रत करेंगे। बिहार में छठ महापर्व का धार्मिक महत्व अत्यधिक है और यह पर्व राज्य की सांस्कृतिक पहचान का हिस्सा माना जाता है।
राजनीतिक बयान और धार्मिक पर्व के बीच इस तरह की प्रतिक्रिया यह दर्शाती है कि चुनावी और सामाजिक मुद्दे हमेशा अलग-अलग दृष्टिकोण से जनता तक पहुँचते हैं। लालू यादव का तंज और रेलवे प्रशासन की तैयारियां दोनों ही छठ महापर्व के दौरान चर्चा का केंद्र बनी हुई हैं।