Bihar Assembly Elections 2025 : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 21 अक्टूबर से करेंगे चुनावी रैलियों की शुरुआत, मीनापुर और कांटी में सभाएं Bihar Election 2025: नामांकन के बाद भरी सभा में फूट-फूटकर रोए गोपाल मंडल, सीएम नीतीश कुमार के बारे में क्या बोले? Bihar Election 2025: नामांकन के बाद भरी सभा में फूट-फूटकर रोए गोपाल मंडल, सीएम नीतीश कुमार के बारे में क्या बोले? Success Story: पिता के निधन के बाद भी नहीं टूटा हौसला, दिव्या तंवर पहले बनीं IPS, फिर बन गईं IAS अधिकारी; जानिए सफलता की कहानी Bihar Politics: विधानसभा चुनाव से पहले VIP के बड़े नेता ने दिया इस्तीफा, मुकेश सहनी पर पैसे लेकर टिकट बेंचने का आरोप Bihar Politics: विधानसभा चुनाव से पहले VIP के बड़े नेता ने दिया इस्तीफा, मुकेश सहनी पर पैसे लेकर टिकट बेंचने का आरोप BIHAR ELECTION : हार से खुला NDA का खाता ! चिराग पासवान की नेता और भोजपुरी एक्ट्रेस सीमा सिंह का नामांकन रद्द, जानिए क्या रही वजह बिहार चुनाव 2025: सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट किया तो खैर नहीं, EOU की है पैनी नजर; ताबड़तोड़ एक्शन से हड़कंप बिहार चुनाव 2025: सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट किया तो खैर नहीं, EOU की है पैनी नजर; ताबड़तोड़ एक्शन से हड़कंप NDA Seat Distribution : NDA में सीट बंटवारे के बाद ही क्यों तय नहीं हो पा रहे थे कैंडिडेट, हो गया बड़ा खुलासा; CM फेस को लेकर भी बन गई है सहमती
17-Oct-2025 11:05 AM
By First Bihar
PATNA: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के सियासी माहौल में मुख्यमंत्री पद को लेकर चर्चा तेज हो गई है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के वरिष्ठ नेता नितिन गडकरी के हालिया बयानों ने इस सवाल को हवा दे दी है कि अगर एनडीए को बहुमत मिलता है, तो क्या नीतीश कुमार फिर से मुख्यमंत्री बनेंगे।
हाल ही में अमित शाह ने एक न्यूज चैनल से बातचीत के दौरान साफ कर दिया कि बिहार के अगले मुख्यमंत्री का फैसला विधानसभा चुनाव के बाद विधायक दल के नेता करेंगे। शाह ने कहा, “मैं कौन होता हूं किसी को मुख्यमंत्री बनाने वाला? गठबंधन में बहुत सारे दल हैं। चुनाव के बाद जब हम सभी एक साथ बैठेंगे तो पार्टियों के नेता अपना नेता तय करेंगे।’’ उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि चुनाव नीतीश कुमार के नेतृत्व में लड़ा जा रहा है और वह एनडीए गठबंधन का नेतृत्व कर रहे हैं।
अमित शाह ने नीतीश कुमार की साख और नेतृत्व पर भी भरोसा जताया। उन्होंने कहा, “न केवल बीजेपी को नीतीश कुमार पर पूरा भरोसा है, बल्कि बिहार की जनता ने भी उनके नेतृत्व पर भरोसा किया है।” शाह ने याद दिलाया कि इससे पहले बिहार विधानसभा में भाजपा के अधिक विधायक होने के बावजूद नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। शाह ने कहा, “और अभी भी नीतीश कुमार जी मुख्यमंत्री हैं।”
अमित शाह ने नीतीश कुमार को देश की राजनीति की अहम धुरी बताते हुए कहा कि उन्होंने कभी कांग्रेस के साथ लंबे समय तक नहीं रहे। शाह ने कहा, “वह कभी भी ढाई साल से ज्यादा कांग्रेस में नहीं रहे। एक नेता के रूप में उनका मूल्यांकन करने से पहले किसी को उनके पूरे राजनीतिक करियर पर नजर डालनी चाहिए।”
इसके बाद भाजपा के दूसरे वरिष्ठ नेता और सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से भी यही सवाल किया गया। उन्हें पूछा गया, “बिहार में आपको क्या लगता है कि वापस नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बन जाएंगे?” इस सवाल का जवाब देते हुए गडकरी ने कहा, “एनडीए की सरकार निश्चित रूप से बिहार की सत्ता में फिर से आएगी। चुनाव जीतकर आए हुए विधायक, एनडीए में शामिल जेडीयू और बीजेपी के आलाकमान नेतृत्व को लेकर फैसला करेंगे।” उन्होंने यह भी साफ किया, “मैं आलाकमान नहीं हूं। इस तरह के फैसलों में पार्लियामेंट्री बोर्ड होता है।’’
नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री बनने को लेकर यह बयान जेडीयू में हलचल पैदा कर रहा है। पार्टी नेताओं के बीच यह चर्चा तेज है कि एनडीए की जीत के बाद मुख्यमंत्री पद पर किसका कब्जा होगा। यह साफ है कि पार्टी नेतृत्व ने इस विषय पर कोई पूर्व निर्धारित निर्णय नहीं लिया है और इसे गठबंधन के सामूहिक निर्णय पर छोड़ दिया गया है।
विशेषज्ञों का कहना है कि अमित शाह और नितिन गडकरी के बयान यह संकेत देते हैं कि भाजपा और जेडीयू गठबंधन के भीतर मुख्यमंत्री के चुनाव को लेकर किसी भी तरह का पूर्वनिर्धारित निर्णय नहीं है। चुनाव जीतने के बाद ही विधायक दल और गठबंधन के वरिष्ठ नेता इस पर निर्णय लेंगे। इससे जेडीयू के नेताओं में हल्की बेचैनी देखी जा रही है।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि नीतीश कुमार के नेतृत्व और उनकी साख को देखते हुए उनकी संभावना मजबूत है, लेकिन गठबंधन की राजनीति और गठबंधन के अन्य दलों की भूमिका निर्णायक हो सकती है। अमित शाह और नितिन गडकरी ने इस बात पर जोर दिया कि किसी भी नेता को मुख्यमंत्री बनाने का निर्णय अकेले भाजपा या जेडीयू नेतृत्व नहीं लेगा।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए यह सियासी परिदृश्य काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि मुख्यमंत्री पद को लेकर अनिश्चितता चुनाव परिणामों के बाद गठबंधन के भीतर तनाव पैदा कर सकती है। एनडीए को बहुमत मिलने की स्थिति में भी इस सवाल का हल विधानसभा में विधायक दल और गठबंधन के वरिष्ठ नेताओं के सामूहिक निर्णय पर निर्भर होगा।
इससे पहले भी कई बार देखा गया है कि नीतीश कुमार ने कठिन परिस्थितियों में गठबंधन की रणनीति को मजबूती से संभाला है। हालांकि, इस बार अमित शाह और गडकरी के स्पष्ट बयान यह संकेत देते हैं कि मुख्यमंत्री का पद चुनावी जीत का स्वतः परिणाम नहीं होगा, बल्कि यह गठबंधन और विधायक दल के निर्णय से तय होगा।
राजनीतिक पर्यवेक्षक यह मान रहे हैं कि जेडीयू और भाजपा के बीच बातचीत और सामूहिक निर्णय का महत्व बढ़ गया है। अमित शाह ने कहा, “चुनाव नीतीश कुमार के नेतृत्व में लड़ा जा रहा है, लेकिन अंतिम फैसला विधायक दल और गठबंधन के नेताओं का होगा।”
इस पूरे परिदृश्य को देखते हुए यह साफ है कि बिहार में 2025 के विधानसभा चुनाव के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर राजनीतिक नाटक अभी से शुरू हो गया है। चाहे चुनाव का नतीजा कोई भी हो, एनडीए में बैठकों और रणनीति पर काफी ध्यान दिया जाएगा।