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07-Nov-2025 03:14 PM
By First Bihar
Bihar Election 2025 : बिहार में लोकतंत्र का उत्सव अपने चरम पर है। पहले चरण में राज्य ने मतदान के नए इतिहास को रचते हुए 64.66 फीसदी की रिकॉर्ड वोटिंग दर्ज की। यह न सिर्फ बिहार की जनता के लोकतंत्र के प्रति गहरे विश्वास का प्रतीक है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि राज्य के मतदाता अपने भविष्य को लेकर पहले से कहीं अधिक जागरूक और सक्रिय हैं। शांतिपूर्ण और व्यापक मतदान के बाद अब दूसरे और आखिरी चरण की तैयारी तेज हो चुकी है। सियासी मैदान में नेताओं के दौरे, जनसभाओं और नारों की गूंज से माहौल पूरी तरह चुनावी हो गया है।
दूसरे चरण की ओर बढ़ते कदम
दूसरे चरण का मतदान 11 नवंबर को होना है, जिसके लिए सीमांचल, मगध, शाहाबाद और चंपारण के इलाकों में चुनावी जंग अपने पूरे जोश पर है। शुक्रवार को पूरे राज्य में राजनीतिक दलों की गतिविधियाँ चरम पर रहीं। मंचों से वादों और आरोपों की बरसात हुई, और जनता ने भी नेताओं की सभाओं में भारी उपस्थिति दर्ज कराई।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज औरंगाबाद और भभुआ में एनडीए उम्मीदवारों के समर्थन में दो बड़ी जनसभाएँ कीं। वहीं, महागठबंधन की ओर से आरजेडी नेता तेजस्वी यादव और कांग्रेस के राहुल गांधी राज्यभर में चुनावी प्रचार की कमान संभाले हुए हैं। पहले चरण की 121 सीटों पर हुए मतदान ने पूरे देश का ध्यान बिहार की राजनीति पर केंद्रित कर दिया है। अब दूसरे चरण के नतीजों पर सबकी निगाहें टिकी हैं, जिनका फैसला 14 नवंबर को सामने आएगा।
प्रधानमंत्री मोदी के हमले और वादे
औरंगाबाद की सभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस और आरजेडी पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने आरोप लगाया कि सत्ता की लालच में दोनों दल किसी को भी धोखा देने से पीछे नहीं हटते। उन्होंने कहा कि औरंगाबाद इसका जीता-जागता उदाहरण है, जहां आरजेडी ने कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष का अपमान किया और उन्हें ऐसी सीटें दीं जिन्हें कांग्रेस दशकों से नहीं जीत पाई। प्रधानमंत्री ने यह भी दावा किया कि आरजेडी ने कांग्रेस की उम्मीदवारी तक छीनने की साजिश की, जिससे उनके गठबंधन की आंतरिक खींचतान उजागर हो गई है।
मोदी ने अपने संबोधन में किसानों को लेकर अपनी सरकार की योजनाओं का भी ज़िक्र किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने छोटे किसानों की कभी परवाह नहीं की, जबकि एनडीए सरकार ने किसान सम्मान निधि के तहत उन्हें सालाना 6,000 रुपये की मदद दी है। उन्होंने घोषणा की कि अगर बिहार में पुनः एनडीए की सरकार बनती है, तो यह सहायता राशि बढ़ाकर 9,000 रुपये सालाना कर दी जाएगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि एनडीए का उद्देश्य किसानों की आमदनी बढ़ाना और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करना है।
‘कट्टा वाली सरकार’ पर निशाना
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में जंगलराज और माओवादी-नक्सलवादी खतरों का भी जिक्र किया। उन्होंने जनता को चेतावनी दी कि अगर बिहार ने “कट्टा वाली सरकार” को फिर से सत्ता में लाया, तो राज्य में निवेश और नौकरियों का माहौल खतरे में पड़ जाएगा। उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार ने कानून-व्यवस्था को स्थिर किया है और बिहार में भयमुक्त माहौल बनाया है, जिससे उद्योग और व्यापार को बढ़ावा मिला है।
मोदी ने यह भी कहा कि बिहार की जनता ने एक बार फिर विकास बनाम विनाश की लड़ाई को समझ लिया है। उन्होंने दावा किया कि पिछले वर्षों में बिहार में सड़कों, बिजली, स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति हुई है, और अब राज्य को आगे ले जाने के लिए स्थिर और मजबूत सरकार की जरूरत है।