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17-Oct-2025 07:19 AM
By First Bihar
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, वैसे-वैसे राजनीतिक दलों की तैयारियां तेज होती जा रही हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) ने अपने उम्मीदवारों की अंतिम सूची जारी कर दी है। पार्टी ने इस बार बड़े पैमाने पर फेरबदल करते हुए कई पुराने चेहरों का टिकट काट दिया है, जबकि कुछ नए चेहरों को मौका दिया गया है। नीतीश कुमार ने गठबंधन की रणनीति और सामाजिक समीकरणों को ध्यान में रखते हुए अपने कोटे के 101 उम्मीदवारों के नाम घोषित कर दिए हैं।
जेडीयू ने गुरुवार को अपनी दूसरी सूची जारी की, जिसमें 44 उम्मीदवारों के नाम शामिल हैं। इससे पहले बुधवार को पहली सूची में 57 उम्मीदवारों के नाम जारी किए गए थे। इस तरह दोनों सूचियों को मिलाकर जेडीयू ने अपने सभी 101 प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया है। पार्टी ने इस बार 37 वर्तमान विधायकों को दोबारा टिकट दिया है, जबकि 7 विधायकों को बाहर का रास्ता दिखाया गया है। इनमें गोपालपुर से विधायक नरेंद्र कुमार नीरज उर्फ गोपाल मंडल, सुरसंड से दिलीप राय, त्रिवेणीगंज से वीणा भारती, अशोक कुमार, अमन भूषण हजारी, डॉ. संजीव सिंह, राजीव सिंह और सुदर्शन कुमार जैसे नाम शामिल हैं।
गोपाल मंडल का टिकट काटकर पार्टी ने बुलो मंडल को उम्मीदवार बनाया है। वहीं सुरसंड से दिलीप राय की जगह नागेंद्र राऊत को मौका दिया गया है। त्रिवेणीगंज सीट पर वीणा भारती की जगह सोनम रानी सरदार को मैदान में उतारा गया है। सिकटा से पूर्व विधायक दिलीप वर्मा के बेटे समृद्ध वर्मा को टिकट मिला है, जबकि नवादा से विभा देवी और नवीनगर से चेतन आनंद को उम्मीदवार बनाया गया है।
जेडीयू ने इस बार महिलाओं और अल्पसंख्यकों को भी पर्याप्त प्रतिनिधित्व दिया है। पार्टी ने 13 महिला उम्मीदवारों और 4 अल्पसंख्यक प्रत्याशियों को टिकट दिया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि “जेडीयू समाज के सभी वर्गों को साथ लेकर चलने में विश्वास रखती है और टिकट वितरण में यही नीति अपनाई गई है।”
पार्टी ने बसपा छोड़कर आए मंत्री जमा खान को चैनपुर से टिकट दिया है। वहीं, राजद छोड़कर आए चेतन आनंद को नवीनगर से और निर्दलीय विधायक सुमित सिंह को इस बार जेडीयू ने अपने टिकट पर मैदान में उतारा है। जेडीयू ने मनोरमा देवी और कलाधर मंडल को भी फिर से मौका दिया है, जिन्होंने उपचुनाव में पार्टी के लिए अच्छा प्रदर्शन किया था।
जेडीयू के वरिष्ठ नेता और मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव, लेशी सिंह, धीरेंद्र प्रताप सिंह (रिंकु सिंह), शालिनी मिश्रा, पंकज मिश्रा, सुधांशु शेखर, मीना कामत, शीला मंडल, अनिरुद्ध प्रसाद यादव, रामविलास कामत, अचमित ऋषिदेव, विजय सिंह निषाद, जयंत राज, मनोज यादव और दामोदर रावत जैसे कई मौजूदा विधायकों को दोबारा टिकट दिया गया है।
जेडीयू का यह कदम चुनावी समीकरणों को काफी प्रभावित कर सकता है, क्योंकि पार्टी ने युवाओं, महिलाओं और पिछड़े वर्गों को प्राथमिकता दी है। नीतीश कुमार की रणनीति साफ है—अनुभव और नए जोश का मिश्रण बनाकर मैदान में उतरना। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि जेडीयू ने सीट बंटवारे में सामाजिक संतुलन साधने की कोशिश की है ताकि एनडीए गठबंधन के भीतर कोई असंतोष न पनपे।
बिहार चुनाव 2025 में अब मुकाबला दिलचस्प होता जा रहा है। एक ओर एनडीए अपनी सरकार दोबारा बनाने की कोशिश में है, वहीं दूसरी ओर महागठबंधन (राजद, कांग्रेस और वाम दलों) ने भी कमर कस ली है। टिकट वितरण के बाद अब सभी दलों का फोकस प्रचार रणनीति और जनसंपर्क अभियान पर है। आने वाले दिनों में नीतीश कुमार खुद मैदान में उतरकर जनता से संवाद शुरू करने वाले हैं, जिससे चुनावी तापमान और बढ़ने की पूरी संभावना है।