ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar Chhath Puja: चुनाव के बीच बिहार में छठ महापर्व की तैयारियां तेज, प्रमंडलीय आयुक्त ने पटना के घाटों का किया निरीक्षण Rich Politicians Bihar: बिहार के चुनावी रण में कई करोड़पति, राजनीति में पैसा और हैसियत बना सबसे बड़ा हथियार Chhath Puja 2025: प्रकृति, भक्ति और कृतज्ञता का संगम, जानें क्यों खास है सूर्य देव को दिया जाने वाला अर्घ्य? Bihar News: भीषण सड़क हादसे में एक ही परिवार के 3 लोग घायल, वाहन चालक फरार Bihar News: मां का पिंडदान करने गयाजी पहुंचे साउथ फिल्मों के एक्टर सुदीप संजीव, विष्णुपद मंदिर में भगवान का लिया आशीर्वाद Bihar News: मां का पिंडदान करने गयाजी पहुंचे साउथ फिल्मों के एक्टर सुदीप संजीव, विष्णुपद मंदिर में भगवान का लिया आशीर्वाद Bihar News: बिहार के इस तटबंध पर होगा पक्की सड़क का निर्माण, खर्च किए जाएंगे कुल ₹139 करोड़ अजब प्रेम की गजब कहानी: चाचा ने भतीजी से किया लव मैरेज, चार साल से चल रहा था अफेयर; रिश्तों की मर्यादा हुई तार-तार Premanand Maharaj Health Update: संत प्रेमानंद महाराज ने केली कुंज आश्रम से दिए भक्तों को दर्शन, जानिए.. ताजा हेल्थ अपडेट Premanand Maharaj Health Update: संत प्रेमानंद महाराज ने केली कुंज आश्रम से दिए भक्तों को दर्शन, जानिए.. ताजा हेल्थ अपडेट

Bihar Election 2025: फिर भी सिल गया कुर्ता और पक गई सियासी मिठाई, ‘छोटे सरकार’ के नामांकन की तैयारी पूरी

Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो चुकी है। इसी बीच मोकामा से पूर्व विधायक अनंत सिंह एक बार फिर सुर्खियों में हैं। बताया जा रहा है कि उनके नामांकन की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं।

Bihar Election 2025

14-Oct-2025 08:37 AM

By First Bihar

Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो चुकी है। इसी बीच मोकामा से पूर्व विधायक अनंत सिंह एक बार फिर सुर्खियों में हैं। बताया जा रहा है कि उनके नामांकन की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। अनंत सिंह के समर्थकों ने नामांकन से पहले ही जश्न का माहौल बना दिया है। उनके पैतृक गांव और मोकामा इलाके में मिठाई बनकर तैयार हो गई है और लोगों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है।


जानकारी के मुताबिक, अनंत सिंह 14 अक्टूबर को औपचारिक रूप से नामांकन दाखिल करेंगे।  जेडीयू के नेता के रूप में मैदान में उतरने जा रहे है। छोटे सरकार को बीते दिन जेडीयू से सिंबल मिल चुका है।  इस बार उनके नामांकन की चर्चा सिर्फ मोकामा तक सीमित नहीं, बल्कि पूरे बिहार की राजनीति में हलचल पैदा कर रही है।


मोकामा विधानसभा क्षेत्र की राजनीति में अनंत सिंह का गहरा जनाधार है। 2005 से अब तक अनंत सिंह ने क्षेत्र में लगातार पांच बार चुनाव जीते हैं। पहले तीन बार वे जेडीयू से, फिर निर्दलीय और 2020 में आरजेडी से जीत दर्ज कर चुके हैं। जेल से रिहा होने के बाद 2022 में मोकामा उपचुनाव में उनकी पत्नी नीलम देवी भी जीत गई थीं। इसके अलावा 2019 में अनंत सिंह ने मुंगेर लोकसभा सीट से नीलम को कांग्रेस के टिकट पर मैदान में उतारा था, लेकिन जेडीयू के ललन सिंह से हार गई थीं।


इस बार मोकामा में सियासी जंग और भी दिलचस्प होने वाली है। जेल में रहकर मोकामा से निर्दलीय विधायक बने सूरजभान सिंह और अनंत सिंह के बीच पुराने विवाद और व्यक्तिगत बयान इस बार चुनावी मैदान में महामुकाबला बनाते दिख रहे हैं। सूरजभान का परिवार राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) का हिस्सा बनने जा रहा है। चर्चा है कि मुंगेर सांसद रह चुकी उनकी पत्नी वीणा देवी मोकामा में पति की राजनीतिक विरासत को वापस लेने के लिए मैदान में उतर सकती हैं।


अनंत सिंह के समर्थकों ने सोशल मीडिया पर नामांकन की तैयारियों की तस्वीरें और वीडियो साझा किए हैं। बताया जा रहा है कि उनके घर और समर्थकों के बीच सैकड़ों कंटेनर मिठाई तैयार कर दी गई हैं। यह न केवल उत्सव का प्रतीक है, बल्कि संकेत देता है कि अनंत सिंह के नामांकन को लेकर स्थानीय जनता और कार्यकर्ताओं का जोश कितनी ऊँचाई पर है।


अनंत सिंह की राजनीतिक शैली और प्रभाव की वजह से मोकामा क्षेत्र में हर कदम पर चर्चा होती रहती है। उनके नामांकन की घोषणा के बाद इलाके में समर्थकों और विरोधियों दोनों में हलचल बढ़ गई है। स्थानीय राजनेता और गठबंधन दल भी उनके नामांकन और आगामी चुनावी रणनीति पर निगाह बनाए हुए हैं।


माना जा रहा है कि अनंत सिंह की वापसी से मोकामा का चुनाव पूरे बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों को प्रभावित कर सकता है। उनके लंबे समय के अनुभव, मजबूत जनाधार और समर्थकों की सक्रियता उन्हें चुनावी मुकाबले में फॉरवर्ड प्लेयर बनाती है। वहीं, आरजेडी और जेडीयू के बीच सीट बंटवारे और गठबंधन रणनीति भी अब उनके कदमों के अनुसार प्रभावित हो सकती है।


मोकामा विधानसभा क्षेत्र में अनंत सिंह का नामांकन सिर्फ राजनीतिक उत्सव नहीं, बल्कि जबरदस्त मुकाबले और रणनीतिक बदलाव का संकेत भी माना जा रहा है। उनके नामांकन की घोषणा के साथ ही मिठाई बांटने, ढोल-नगाड़े बजाने और समर्थकों की सक्रियता ने चुनावी माहौल को रोमांचक बना दिया है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि अनंत सिंह किस रूप में चुनावी मैदान में उतरते हैं और उनका नामांकन मोकामा और बिहार की राजनीति को किस दिशा में मोड़ता है।