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05-Nov-2025 10:22 AM
By First Bihar
Bihar Election : बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के लिए जोरदार राजनीतिक जंग मंगलवार शाम छह बजे प्रचार समाप्त होने के साथ ही थम गई। अब 6 नवंबर को होने वाली वोटिंग से पहले सभी राजनीतिक दल इंतज़ार की मुद्रा में हैं। मंगलवार को प्रचार का आखिरी दिन था, और उस दिन सभी दलों ने पूरी ताकत झोंकते हुए मतदाताओं को अपने पक्ष में करने की कोशिश की। सत्ता में काबिज़ NDA और विपक्षी INDIA गठबंधन के बीच यह संघर्ष न सिर्फ विकास के मुद्दों पर रहा बल्कि चुनावी मैदान हिंसा, FIR और धार्मिक-सांस्कृतिक विवादों से भी गर्माया।
बड़े नेताओं का ताबड़तोड़ प्रचार
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने तीन और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पांच जनसभाएं कर NDA के पक्ष में माहौल बनाने की कोशिश की। इसी क्रम में भाजपा पीएम ने रोड शो और रैली की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सीधे राज्य की महिला कार्यकर्ताओं से वर्चुअल संवाद कर महिला मतदाताओं के बीच पार्टी की योजनाओं पर जोर दिया।
वहीं, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार अपनी सभाओं के साथ NDA उम्मीदवारों को जिताने की अपील करते रहे। नीतीश ने मतदाताओं के नाम एक वीडियो संदेश जारी कर 2005 से मिल रहे समर्थन के लिए धन्यवाद कहा और पिछली सरकारों की नाकामियों को उजागर करते हुए NDA को फिर से मौका देने की अपील की। उन्होंने वंशवाद की राजनीति पर सीधे लालू यादव और उनके परिवार को घेरा।
उधर, विपक्षी INDIA गठबंधन की तरफ से RJD नेता तेजस्वी यादव और कांग्रेस नेता राहुल गांधी पूरे राज्य में रैलियों के जरिए मतदाताओं को साधते रहे। युद्धस्तर पर प्रचार करने वालों में असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी भी शामिल रहे।
मोकामा में हत्या से तनाव
पहले चरण में मोकामा सीट सबसे विवादित सीट बनकर उभरी। जन सुराज कार्यकर्ता 76 वर्षीय दुलारचंद यादव की हत्या से सियासत गरमा गई। आरोपों-प्रत्यारोपों के बीच चुनाव आयोग ने राज्य DGP से रिपोर्ट तलब कर ली है। इस हत्या के सिलसिले में JD(U) उम्मीदवार व बाहुबली नेता अनंत सिंह की गिरफ्तारी से राजनीतिक भूचाल आ गया। विपक्ष ने इसे ‘अपराध और सत्ता के गठजोड़’ का नमूना बताया, जबकि NDA इसे कानून व्यवस्था की मजबूती बताने में जुटा रहा।
ललन सिंह पर FIR
इस बीच, केंद्रीय मंत्री और JD(U) नेता ललन सिंह पर एक चुनावी बयान को लेकर FIR हुई, जिससे NDA नए विवाद में फंस गया। विपक्ष ने इस कार्रवाई को “चुनावी आचार संहिता के दुरुपयोग” की मिसाल बताते हुए सिंह पर अहंकार में रहने का आरोप लगा दिया।
छठ पूजा भी बनी सियासत का मुद्दा
छठ जैसे धार्मिक और सांस्कृतिक उत्सव के बीच भी राजनीति ने अपना रंग दिखाया। राहुल गांधी के उस बयान को लेकर विवाद बढ़ गया जिसमें उन्होंने यमुना के प्रदूषित पानी का जिक्र करते हुए दिल्ली में छठ पूजा की व्यवस्थाओं पर सवाल उठाया। प्रधानमंत्री मोदी ने इसे “छठी मैया का अपमान” बताया और पूछा कि “क्या बिहार ऐसे लोगों को माफ करेगा?”
‘जंगल राज’ बनाम रोजगार का वादा
NDA ने इस बार भी RJD को घेरते हुए 1990 के दशक की अराजकता याद दिलाई और ‘जंगल राज’ का नारा बुलंद किया। जवाब में तेजस्वी यादव ने इसे बीजेपी का पुराना “डराओ-धमकाओ” फ़ॉर्मूला बताकर खारिज किया और चुनावी मुद्दा रोजगार पर फोकस कर दिया।
तेजस्वी ने चुनावी वादा किया कि सत्ता में आते ही 20 महीनों में “हर घर नौकरी” देने का कानून लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि NDA सरकार 20 साल में रोजगार नहीं दे पाई, लेकिन वे सत्ता में आने के 20 दिनों के अंदर कानून बनाकर दिखा देंगे।
महिला वोटरों पर फोकस
बिहार चुनाव के समीकरण में महिला मतदाताओं की अहम भूमिका को देखते हुए हर दल उन्हें साधने में जुटा है। NDA ने ‘मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना’ के तहत 10,000 रुपये की आर्थिक मदद का वादा किया, तो INDIA गठबंधन ने ‘माई बहिन मान योजना’ में मकर संक्रांति पर 30,000 रुपये देने का ऐलान किया। दोनों ओर से महिला वोटों को निर्णायक मानकर चुनावी एलान किए गए।
यादव परिवार की अंदरूनी जंग
जैसे-जैसे मतदान की तारीख नजदीक आई, तेजस्वी और तेज प्रताप के बीच बढ़ती तनातनी भी मुख्य बहस बनती गई। महुआ सीट पर तेजस्वी के प्रचार करने को तेज प्रताप ने अपने खिलाफ बताया। उनकी नई पार्टी — जनशक्ति जनता दल — ने इस सीट को प्रतिष्ठा की लड़ाई बना दिया है। NDA इस विवाद को परिवारवाद के भीतर की फूट के तौर पर पेश कर रहा है।
अन्य चर्चित घटनाएँ
लालू यादव के हैलोवीन वीडियो ने भी राजनीतिक गर्मी बढ़ाई। BJP ने उन्हें भारतीय परंपरा का मजाक उड़ाने का आरोपी बताया, जबकि RJD ने इसे “छोटी राजनीति” करार दिया। दूसरी ओर, जन सुराज नेता प्रशांत किशोर ने चुनाव मैदान में न उतरने का फैसला कर सभी सीटों पर अपने उम्मीदवारों के लिए प्रचार करने की घोषणा की।
पहले चरण की अहम सीटें
पहले चरण की सबसे हॉट सीटों में राघोपुर (तेजस्वी यादव), महुआ (तेज प्रताप यादव), और तारापुर (उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी) शामिल हैं। इन सीटों पर दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर है और चुनाव परिणाम दोनों गठबंधनों की सत्ता समीकरण तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।