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29-Oct-2025 10:58 AM
By First Bihar
Bihar election : पटना जिले के बख्तियारपुर विधानसभा क्षेत्र में विधानसभा चुनाव से पहले प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है। सालिमपुर थाना क्षेत्र के फोर लेन स्थित एक होटल में स्थानीय अंचलाधिकारी (सीओ) और सालिमपुर थाना पुलिस की संयुक्त टीम ने छापेमारी कर करीब 10 लाख 36 हजार रुपये नकद बरामद किए हैं। यह कार्रवाई मंगलवार देर रात की गई, जिसके बाद इलाके में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, बरामद की गई नकदी संदिग्ध प्रतीत हो रही है। जांच टीम ने होटल के एक कमरे से यह रकम बरामद की, जो बैग में रखी गई थी। होटल में मौजूद कुछ लोग पूछताछ के दौरान भागने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक लिया। बताया जा रहा है कि बरामद राशि किसी राजनीतिक दल से जुड़ी हो सकती है, हालांकि पुलिस ने इस संबंध में अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं की है।
छापेमारी के दौरान की तस्वीरें बुधवार को सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गईं। तस्वीरों में होटल के कमरे में रखी गड्डियों में पैक नकदी साफ दिखाई दे रही है। वायरल तस्वीरों के बाद राजनीतिक गलियारों में तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं। हालांकि, फर्स्ट बिहार इन तस्वीरों की पुष्टि नहीं करता है।
स्थानीय प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई करते हुए बरामद नकदी को सील कर दिया है। साथ ही इसकी सूचना आयकर विभाग और निर्वाचन आयोग को दे दी गई है ताकि आगे की जांच की जा सके। अधिकारियों ने बताया कि चुनावी माहौल को देखते हुए इस तरह की कार्रवाई नियमित रूप से की जा रही है ताकि मतदाताओं को प्रभावित करने के किसी भी प्रयास पर अंकुश लगाया जा सके।
बता दें कि इस समय बिहार में आदर्श आचार संहिता लागू है। इसके तहत बिना अनुमति बड़ी रकम की आवाजाही पर पूरी तरह प्रतिबंध है। चुनाव आयोग ने निर्देश दिया है कि किसी भी संदिग्ध नकदी, उपहार या वस्तु की जब्ती के बाद तत्काल जांच शुरू की जाए। हाल के दिनों में बिहार के कई जिलों में नकदी, शराब और उपहार की बरामदगी की घटनाएं सामने आ चुकी हैं।
बख्तियारपुर विधानसभा क्षेत्र इस समय राजनीतिक रूप से बेहद चर्चित सीट मानी जा रही है। यह क्षेत्र मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का गृह क्षेत्र है, जिससे यहां हर दल के उम्मीदवार और कार्यकर्ता विशेष सतर्कता के साथ प्रचार अभियान चला रहे हैं। इस सीट से इस बार राजद के अनिरुद्ध यादव चुनाव मैदान में हैं, जबकि एनडीए की ओर से यह सीट लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास (लोजपा) के खाते में गई है। दोनों गठबंधनों के लिए यह सीट प्रतिष्ठा की लड़ाई बन गई है।
विधानसभा चुनाव के पहले चरण में यहां 6 नवंबर को मतदान होना है। ऐसे में नकदी बरामदगी की यह घटना न केवल प्रशासनिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है बल्कि इसका सीधा असर स्थानीय राजनीति पर भी पड़ सकता है। विपक्षी दलों ने इसे लेकर सत्तारूढ़ गठबंधन पर निशाना साधना शुरू कर दिया है, वहीं प्रशासन का कहना है कि यह कार्रवाई निर्वाचन आयोग के सख्त निर्देशों के तहत की गई है और इसमें किसी तरह का राजनीतिक पक्षपात नहीं है।
बख्तियारपुर में इस घटना के बाद से स्थानीय पुलिस, आयकर विभाग और निर्वाचन निगरानी टीमें सतर्क मोड में हैं। इलाके में होटल, लॉज और पेट्रोल पंपों की निगरानी बढ़ा दी गई है। साथ ही चुनावी खर्च पर भी नजर रखी जा रही है ताकि मतदाताओं को प्रभावित करने की किसी भी कोशिश को समय रहते रोका जा सके।
इस बीच, प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध गतिविधि या अवैध लेन-देन की जानकारी तुरंत पुलिस या चुनाव आयोग की हेल्पलाइन पर दें। जांच पूरी होने के बाद ही यह स्पष्ट होगा कि बरामद रकम का संबंध किससे है और इसे कहां इस्तेमाल किया जाना था। लेकिन इतना तय है कि इस बरामदगी ने बख्तियारपुर के चुनावी माहौल में गरमी और सियासी सरगर्मी दोनों को बढ़ा दिया है।