ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar acid attack : पति पर था ब्यूटी पार्लर संचालिका के साथ 'इलु -इलु' करने का शक, वाइफ ने करवा दिया एसिड अटैक; इस तरह सच आया सामने बिहार का चेरापूंजी कहे जाने वाला जिला किशनगंज में शीतलहर का कहर जारी, जनजीवन अस्त-व्यस्त, अलाव की व्यवस्था नहीं Delhi Metro Project 2025 : दिल्ली-NCR को मोदी सरकार का न्यू ईयर गिफ्ट, मेट्रो Phase-VA का विस्तार, 13 नए स्टेशन बनेंगे Maysa: रश्मिका मंदाना की फिल्म 'मायसा' की पहली झलक आई सामने, नए साल में करेगी धमाका Bihar Railway Connectivity : बिहार में रेल कनेक्टिविटी को मिलेगी नई रफ्तार, इस रेलवे स्टेशन पर बनेंगे दो नए प्लेटफॉर्म RRB सेक्शन कंट्रोलर और ग्रुप डी भर्ती 2026: जानिए... परीक्षा तिथि और एडमिट कार्ड की पूरी डिटेल Bihar MDM scam : बिहार में एमडीएम घोटाला, हेडमास्टरों से 1.92 करोड़ की वसूली, शिक्षा विभाग में मचा हड़कंप Vaibhav Suryavanshi: वैभव सुर्यवंशी के बल्ले का जलवा..., बिहार के लाल ने 'विजय हजारे ट्रॉफी' में खेली ताबड़तोड़ पारी bihar land purchase rule : बिहार में जमीन खरीद से पहले जान लें नए नियम, सरकार ने जारी किया आदेश; आप भी जान लें क्या है ख़ास Bihar News: बिहार में आपराधियों पर पुलिस का शिकंजा, इन 5 जगहों पर बनेंगे रेल अपराध नियंत्रण केंद्र और नया थाना

Sharmistha panoli: शर्मिष्ठा पनोली को अंतरिम जमानत, कोर्ट ने देश छोड़ने पर लगाई रोक

Sharmistha panoli

05-Jun-2025 03:20 PM

By FIRST BIHAR

Sharmistha panoli: कोल्कता हाईकोर्ट ने 22 वर्षीय लॉ स्टूडेंट और सोशल मीडिया इन्फ्लुन्सर शर्मिष्ठा पनोली को अंतरिम जमानत दे दी है। कोर्ट ने यह फैसला उनके खिलाफ धार्मिक भावनाएं आहत करने के आरोप में दर्ज मामले के सिलसिले में सुनाया। शर्मिष्ठा पर आरोप था कि उन्होंने एक ऐसा वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट किया, जिससे एक विशेष समुदाय की भावनाएं आहत हुईं।


न्यायमूर्ति राजा बसु की एकल पीठ ने इस मामले में सुनवाई करते हुए उन्हें 10 हजार के निजी मुचलके पर सशर्त जमानत दी। कोर्ट ने साफ किया कि जब तक जांच चल रही है, तब तक शर्मिष्ठा देश नहीं छोड़ सकतीं और इसके लिए उन्हें संबंधित मजिस्ट्रेट की अनुमति लेनी होगी।


शर्मिष्ठा ने कोर्ट में बताया कि वीडियो पोस्ट करने के बाद उन्हें जान से मारने और बलात्कार की धमकियां मिलने लगीं। उन्होंने डर के चलते कोलकाता पुलिस में सुरक्षा की गुहार लगाई थी, लेकिन इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने यह भी कहा कि उनका इरादा किसी की धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने का नहीं था।


कोर्ट ने मामले पर टिप्पणी करते हुए कहा कि संविधान में सभी नागरिकों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता दी गई है, लेकिन इसका दुरुपयोग नहीं होना चाहिए। यह स्वतंत्रता अनुशासन के दायरे में होनी चाहिए और समाज के सामंजस्य को प्रभावित न करे।


इस फैसले के साथ कोर्ट ने कोलकाता पुलिस को यह भी निर्देश दिया कि वह शर्मिष्ठा की शिकायत पर कार्रवाई करे और जांच निष्पक्ष तरीके से पूरी की जाए। यह मामला अभिव्यक्ति की आज़ादी बनाम धार्मिक सहिष्णुता के संतुलन की एक नई मिसाल बनकर सामने आया है।