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24-Jun-2025 08:11 AM
By First Bihar
Patna News: पटना में आज एक महत्वपूर्ण ऊर्जा क्षेत्रीय सम्मेलन आयोजित होने जा रहा है, जिसमें पूर्वी भारत के राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के ऊर्जा मंत्री हिस्सा लेंगे। यह सम्मेलन 24 जून, मंगलवार को पटना स्थित होटल ताज में आयोजित होगा। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर स्वयं करेंगे, जो सम्मेलन की सुबह पटना पहुंचेंगे।
सम्मेलन में बिहार, झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और केंद्र शासित प्रदेश अंडमान-निकोबार के ऊर्जा मंत्री शामिल होंगे। बिहार की ओर से इस बैठक में ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव प्रतिनिधित्व करेंगे। केंद्रीय मंत्री खट्टर की ओर से सभी राज्यों को औपचारिक निमंत्रण भेजा जा चुका है। यह सम्मेलन मूल रूप से 17 जून को आयोजित होना था, लेकिन प्रशासनिक कारणों से इसे 24 जून के लिए पुनर्निर्धारित किया गया।
सम्मेलन की तैयारियों के लिए ऊर्जा सचिव मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में हाल ही में पटना में एक समीक्षा बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में NTPC, IEC, और बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी लिमिटेड के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। बैठक में आयोजन स्थल, सुरक्षा व्यवस्था, तकनीकी सुविधाएं और अतिथियों के स्वागत-सत्कार से जुड़ी सभी तैयारियों का बारीकी से जायजा लिया गया।
इस क्षेत्रीय सम्मेलन में ऊर्जा क्षेत्र से जुड़े कई अहम और रणनीतिक विषयों पर विचार-विमर्श होगा, जिनमें वर्ष 2030 तक बिजली की उपलब्धता और खपत के लक्ष्य, ट्रांसमिशन क्षमता का विस्तार और मजबूती, साइबर सुरक्षा के लिहाज से ऊर्जा नेटवर्क की सुरक्षा, आपातकालीन परिस्थितियों में ट्रांसमिशन सिस्टम की त्वरित बहाली, द्वीप क्षेत्रों की बिजली प्रणाली (Island Schemes) की बेहतर योजना और क्रियान्वयन, डिस्कॉम (वितरण कंपनियों) की वित्तीय स्थिति में सुधार के उपाय, ऊर्जा क्षेत्र में आधुनिक तकनीक और डिजिटलीकरण के उपाय, अक्षय ऊर्जा (Renewable Energy) के विकास और स्थिरता को बढ़ावा, ऊर्जा संरक्षण एवं दक्षता बढ़ाने के लिए नई नीतियां, विद्युत क्षेत्र में सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) के अवसर, क्षेत्रीय सहयोग और विकास की उम्मीद को शामिल किया गया है।
यह सम्मेलन पूर्वी भारत के ऊर्जा क्षेत्र को एकीकृत करने और राज्यों के बीच सहयोग बढ़ाने का अवसर माना जा रहा है। इससे बिजली की आपूर्ति, वितरण, और प्रबंधन में सुधार के साथ-साथ नवाचार को भी बढ़ावा मिलेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के क्षेत्रीय मंचों से ऊर्जा क्षेत्र में तेजी से विकास हो सकता है और स्थायी ऊर्जा समाधान खोजने में मदद मिलेगी।