ब्रेकिंग न्यूज़

समाजसेवी अजय सिंह ने मदद के बढ़ाए हाथ, पुलिस और आर्मी भर्ती की तैयारी कर रहे युवाओं को सौंपा जंपिंग गद्दा Success Story: पुलिस ने मांगी रिश्वत तो लड़की ने शुरू कर दी UPSC की तैयारी, पहले IPS बनीं; फिर IAS बनकर पिता का सपना किया साकार JEE Main 2025: जेईई मेन में VVCP के छात्र-छात्राओं ने फिर लहराया परचम, जिले के टॉप थ्री पर कब्जा BIHAR NEWS: बिहार के गरीबों के लिए 2102 करोड़ रू की मंजूरी, जल्द ही खाते में जायेगी राशि, डिप्टी CM ने PM मोदी को कहा 'धन्यवाद' Chanakya Niti: दौलत, औरत और औलाद ...चाणक्य ने इन्हें क्यों बताया अनमोल? नीतीश कुमार को बड़ा झटका, जेडीयू के पूर्व विधायक मास्टर मुजाहिद आलम ने दिया इस्तीफा Namami Gange Yojana: बिहार के इस जिले को केंद्र सरकार की सौगात, नमामी गंगे और अटल मिशन के तहत मिलेगा साढ़े पांच सौ करोड़ का विकास पैकेज जनेऊ नहीं उतारा तो परीक्षा से किया बाहर, FIR के बाद बढ़ी सियासत Parenting Tips: पढ़ाई के दौरान क्यों आती है बच्चों को नींद? ये काम करें; दूर हो जाएगी परेशानी Bihar politics: बहुमत है, पर नैतिकता नहीं', बीजेपी पर बरसे मनोज झा, वक्फ कानून की वापसी की उठाई मांग!

BIHAR: पटना हाईकोर्ट का बड़ा आदेश: स्थानीय निकाय शिक्षकों की नियुक्ति पर सरकार से 3 हफ्ते में मांगा जवाब

पटना हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से 3 हफ्ते के भीतर हलफनामा मांगा है। जिला स्तर पर शिक्षकों की नियुक्ति उनके योगदान के अनुपात में की जाए, कोर्ट ने राज्य सरकार को यह भी सुनिश्चित करने को कहा है।

BIHAR

16-Apr-2025 07:23 PM

PATNA: बिहार में स्थानीय निकायों के तहत नियुक्त शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया को लेकर एक बार फिर विवाद खड़ा हो गया है। पटना हाई कोर्ट में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायालय ने नीतीश सरकार से तीन हफ्तों के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा है। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि उन्होंने राज्य सरकार द्वारा निर्धारित सभी नियमों का पालन करते हुए नियुक्ति प्रक्रिया पूरी की थी, लेकिन बाद में नियमों में संशोधन कर उनकी नियुक्तियों को रद्द कर दिया गया। 


यह मामला राज्य में शिक्षक नियुक्ति से जुड़ी पारदर्शिता और प्रक्रिया की वैधता पर गंभीर सवाल खड़ा करता है। दरअसल स्थानीय निकायों के तहत नियुक्त शिक्षकों से जुड़ी याचिका पर पटना हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। मामले में पटना हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से 3 हफ्ते के भीतर हलफनामा मांगा है। वही जिला स्तर पर शिक्षकों की नियुक्ति उनके योगदान के अनुपात में की जाए, कोर्ट ने राज्य सरकार को यह भी सुनिश्चित करने को कहा है। कुमार गौरव व अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए पटना उच्च न्यायालय के न्यायाधीश जस्टिस नानी तागिया की एकलपीठ ने यह आदेश दिया।


वरीय अधिवक्ता आशीष गिरी और अधिवक्ता सुमित कुमार झा ने याचिकाकर्ताओं की ओर से कोर्ट को बताया कि याचिकाकर्ता शिक्षक हैं, जिन्हें बिहार पंचायती प्रारंभिक शिक्षक (नियुक्ति एवं सेवा शर्तें) नियमावली, 2012 के अंतर्गत नियुक्त किया गया था। 2023 में बिहार स्कूल एक्सक्लूसिव शिक्षक नियमावली राज्य सरकार ने लागू किया था। जिसका मुख्य उद्धेश्य स्थानीय निकायों के शिक्षकों को राज्य स्तरीय सेवा शर्तों के अनुरूप लाना था। शिक्षकों को “एक्सक्लूसिव शिक्षक” का दर्जा देने से पहले एक दक्षता परीक्षा पास करना अनिवार्य किया गया था। 25 जनवरी 2024 को बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (BSEB),पटना ने दक्षता परीक्षा के लिए विज्ञापन जारी किया था। 


फरवरी 2024 में दक्षता परीक्षा आयोजित की गयी थी। जिसमें वो शिक्षक जिन्होंने कोर्ट में याचिका दायर की थी, वो दक्षता परीक्षा पास कर गये। रिजल्ट घोषित होने के बाद इनके कागजातों की जांच की गयी और काउंसलिंग की प्रक्रिया पूरी की गयी। 20 नवंबर 2024 को अधिकांश याचिकाकर्ता को उनके वरीयता व योग्यता के आधार पर अस्थायी नियुक्ति पत्र जारी किया गया। नियुक्ति पत्र में इस बात का जिक्र किया गया था कि उनकी नियुक्ति बिहार स्कूल एक्सक्लूसिव शिक्षक नियमावली, 2023 के तहत की गई है।


जिसके बाद राज्य सरकार ने उक्त नियमावली में संशोधन किया। संशोधित नियमों के तहत पूर्व में जारी नियुक्ति पत्र को सरकार ने रद्द कर दिया। याचिकाकर्ताओं उस स्कूल में योगदान करने को कहा गया जहां वो पहले तैनात थे। जिसके बाद याचिकाकर्ताओं ने कहा कि नियुक्ति प्रक्रिया नियमों के उस प्रारूप के अंतर्गत पूरी की गई थी, जो नियुक्ति के समय प्रभावी था। ऐसे में संशोधित नियमों को पूर्वव्यापी प्रभाव देना उनके वैधानिक और अर्जित अधिकारों का उल्लंघन होगा। इस मामले पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने राज्य सरकार से तीन हफ्त में जवाब मांगा है।