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Bihar Land Survey: बिहार में जमीन सर्वेक्षण का काम जारी, जानिये कौन करता है दस्तावेजों की जांच और विवादों का निपटारा

Bihar Land Survey: बिहार में भूमि सर्वेक्षण का काम जारी है। भूमि दस्तावेजों की जांच, विवादों का समाधान और सीमांकन सत्यापन का काम चल रहा है। जानिए इस काम की जिम्मेदारी किस अधिकारी के पास होती है।

Bihar Land Survey

14-Feb-2025 12:04 PM

By KHUSHBOO GUPTA

Bihar Land Survey: बिहार में जमीनों के सर्वेक्षण का काम जारी है। जमीन से जुड़े डॉक्यूमेंट्स अपडेट किए जा रहे हैं, ताकि भूमि की सही जानकारी मिल सके। सर्वे के काम में जमीन के स्वामित्व का सत्यापन, सीमांकन, कर निर्धारण और विवादों का समाधान शामिल होता है। आईए डिटेल में जानते हैं इस काम की जिम्मेदारी किस अधिकारी के पास होती है और कौन करता है जमीन सर्वे दस्तावेजों की जांच और विवादों का निपटारा।


बिहार में भूमि सर्वेक्षण की प्रक्रिया में कई अधिकारी और कर्मचारी शामिल होते हैं, जिनकी जिम्मेदारियां अलग-अलग होती हैं। मुख्य तौर पर सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी ही वो मुख्य अधिकारी होता है, जिसकी भूमि दस्तावेजों की जांच, विवादों का निपटारा और सीमांकन सत्यापन की जिम्मेदारी होती है। कानूनगो और अमीन भी इस काम में अपनी जिम्मेदारी निभाते हैं। सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी भूमि सर्वेक्षण के प्रॉसेस में अहम भूमिका निभाते हैं। वे जमीन से जुड़े दस्तावेजों की जांच, विवादों के समाधान और विभिन्न प्रशासनिक कार्यों की देखरेख करते हैं।


1. रैयतों (भूमि मालिकों) द्वारा पेश स्व-घोषित दस्तावेजों की जांच करना। अभिलेखों को डिजिटल रूप से अपडेट कराना।

2. विवादित भूमि की पहचान और सत्यापन करना।

3. ग्रामीण स्तर पर वंशावली की पुष्टि कराना। ग्राम सभा और स्थानीय अधिकारियों की मदद से दस्तावेजों की जांच करना।

4. अनावश्यक सरकारी भूमि का विवरण तैयार करना। अतिक्रमण हटाने और सरकारी जमीन की रक्षा के लिए कार्रवाई करना।

5. त्रि-सीमाना और अन्य सीमांकन प्रॉसेस की निगरानी करना। भूमि सीमा निर्धारण में आने वाली दिक्कतों को हल करना।

6. भूमि माप से जुड़े दस्तावेजों की समीक्षा करना। खेसरा पंजी और अमीन डायरी में दर्ज जानकारी को सत्यापित करना।

7. रैयतों द्वारा प्रस्तुत आपत्तियों पर विचार करना। सरकारी भूमि पर दावों और आपत्तियों की सुनवाई करना।

8. सर्वेक्षण के दौरान मिली आपत्तियों के आधार पर भूमि रिकॉर्ड को अपडेट करना।

9. अंतिम अधिकार अभिलेख के पूर्ण होने से पहले कर निर्धारण की समीक्षा करना। कानूनगो और अमीन द्वारा लगान दर तालिका की जांच कराना।