ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar News: बिहार के इस शहर में AQI 500 से ऊपर, विशेषज्ञों ने बचाव के लिए जारी किए सुझाव Anna Hazare : अन्ना हजारे का बड़ा ऐलान, सरकार के खिलाफ 30 जनवरी से करेंगे आमरण अनशन, जानिए क्या है पूरी खबर Pilot Course: पायलट बनने के लिए 12वीं के बाद करें यह काम, नौकरी लगते ही लाखों में सैलरी Bihar News: बिहार से इस महानगर के बीच दौड़ेगी अमृत भारत, रेलवे की तैयारी शुरू Santosh Verma IAS : ब्राह्मण बेटियों पर असभ्य बयान, आईएएस संतोष वर्मा की बर्खास्तगी की तैयारी; सरकार ने भेजा प्रस्ताव Medical College Dispute : RBTS मेडिकल कॉलेज में हंगामा, जमकर चले लाठी -डंडे; छात्रों-बाहरी युवकों की मारपीट पर पुलिस सक्रिय Bihar News: बिहार के इस शहर में धूल भी बनी जानलेवा, विशेषज्ञों की चेतावनी जारी Bihar Teacher Transfer : नए साल से लागू होगी शिक्षकों के तबादले की नई नीति, शिक्षा विभाग ने नियमावली को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया तेज की Bihar News: बिहार में इन जिलों के बीच फोरलेन सड़क का निर्माण जल्द, लाखों लोगों को फायदा Bihar cold wave: बिहार में बढ़ती ठंड और कोहरे ने बढ़ाई परेशानी, विजिबिलिटी 300 मीटर तक गिरी; कैमूर रहा सबसे ठंडा जिला

माले ने तेजस्वी को CM उम्मीदवार घोषित किया, 45 सीटों पर लड़ने की तैयारी, कांग्रेस को कराया सच का सामना

दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि कांग्रेस भले ही राष्ट्रीय पार्टी हो, लेकिन बिहार में उसकी जमीनी उपस्थिति बेहद कमजोर है। माले की पहचान एक मजबूत जमीनी संगठन के रूप में रही है और यह बात सबको पता है।

bihar

18-Jun-2025 09:52 PM

By First Bihar

BIHAR: करीब 4 महीने बाद बिहार में विधानसभा चुनाव होने हैं। इसकी तैयारी में तमाम पार्टियां लगी हुई है। एनडीए के साथ-साथ महागठबंधन भी चुनाव की तैयारी में लगा है। पिछली बार माले को 19 सीटें मिली थी जिसमें 12 पर जीत हासिल की थी। जबकि कांग्रेस को 70 सीटें दी गयी थी जिसमें मात्र 19 पर ही जीत हासिल की। लेकिन इस बार माले 45 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहा है।


एक निजी चैनेल से बातचीत करते हुए सीपीआई माले के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने खुद इस बात की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जब महागठबंधन की सरकार बनेगी तब तेजस्वी यादव बिहार के मुख्यमंत्री बनेंगे। अपने सहयोगी दल कांग्रेस पर तंज कसते हुए सीपीआई माले के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि पिछले विधानसभा चुनाव में यदि माले को 19 की जगह ज्यादा सीटें मिलती, तो आज महागठबंधन सत्ता में होता। 


जबकि 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 70 सीटें दी गयी थी लेकिन जीत मात्र 19 सीटें पर ही कांग्रेस ने हासिल की। वही उस वक्त माले को 19 सीटें मिली थी जिसमें 12 सीट पर जीत दर्ज की गई थी। वही 2024 के लोकसभा चुनाव में माले को 3 सीट दी गयी थी जिसमें 2 सीट पर माले ने जीत दर्ज कराई थी। माले जमीनी स्तर की पार्टी है और जमीनी स्तर पर माले की ताकत का महागठबंधन के सहयोगी दलों को भी फायदा मिला है। 


जिस इलाके में माले की स्थिति मजबूत है वहां आरजेडी और कांग्रेस का अच्छा प्रदर्शन रहा था। दीपांकर ने उम्मीद जताई है कि इस बार सीपीआई माले को अधिक सीटें मिलेंगी। हम 45 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस राष्ट्रीय पार्टी है, उसकी जमीनी स्थिति मजबूत नहीं है जबकि माले की जमीनी स्थिति काफी मजबूत है। हमारी पार्टी का अलग पहचान है। बिहार में हमारी पार्टी अपने जमीनी संगठन के लिए जानी जाती है। यह बात सबको पता है। इसलिए हम चाहते हैं कि सभी दलों के ताकत का इस्तेमाल महागठबंधन में सही तरीके से हो।