Bihar News: घरेलू विवाद के बाद महिला ने उठाया खौफनाक कदम, बेवजह तानों ने बर्बाद कर दी कई जिंदगियां Rapid Metro Time Table: बिहार की पहली रैपिड मैट्रो का आ गया टाइम टेबल, 24 अप्रैल को पीएम मोदी करेंगे उद्घाटन Pope Francis Passes Away: 88 साल की उम्र में ईसाई धर्मगुरु पोप फ्रांसिस का निधन, फेफड़ों और किडनी में था गंभीर संक्रमण Bihar News: रेलवे ट्रैक पर जा फंसा बेलगाम ट्रक, तीन घंटे तक कई महत्वपूर्ण ट्रेनें बाधित IAS Ananya Singh: कौन हैं महिला IAS अफसर 'अनन्या सिंह' जो बंगाल से बिहार आई हैं ? पहले प्रयास में ही UPSC में मिली थी सफलता Bihar minor girl trafficking: बिहार की गरीब लड़कियाँ बन रही हैं मानव तस्करी का शिकार... हरियाणा और राजस्थान में बेच रहे हैं दलाल! Bihar Transfer-Posting: बिहार प्रशासनिक सेवा के 10 अफसरों का ट्रांसफर, पूरी लिस्ट देखें.... Bihar News: जमीन कब्जे को लेकर हथियारों से लैस दबंगों का उत्पात, कई महिलाएं गंभीर रूप से घायल Bihar Transfer-Posting : बिहार के एक SDO ने नौकरी क्यों छोड़ दी..? नीतीश सरकार ने दी स्वैच्छिक सेवानिवृति Bihar Ias Transfer: नीतीश सरकार ने दो आईएएस अफसरों का किया ट्रांसफर, पश्चिम बंगाल कैडर की इस महिला IAS को दी यह जिम्मेदारी...
15-Feb-2025 08:44 AM
Bihar Land Survey : बिहार में जमीन सर्वे के दूसरे चरण में रैयतों को स्वघोषणा की समयसीमा मार्च 2025 तक दी गई है। रैयत ऑफलाइन और ऑनलाइन माध्यम से स्वघोषणा कर सकते हैं। लेकिन ऑनलाइन स्वघोषणा फिलहाल 21 फरवरी तक बंद है। इसके बाद अब सभी लोगों का सवाल यह है कि ऑनलाइन और ऑफलाइन जानकारी कैसे दें, इसकी पूरी प्रक्रिया क्या है और अंतिम तिथि क्या है।
दरअसल, सूबे में ज़मीन सर्वे का दूसरा चरण चल रहा है। मार्च 2025 तक रैयत अपनी ज़मीन की जानकारी दे सकते हैं। यह जानकारी ऑनलाइन और ऑफलाइन, दोनों तरीकों से दी जा सकती है। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग सर्वे के काम को तेज़ करने में लगा है। इसके लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों विकल्प मौजूद हैं। लेकिन, पिछले कुछ दिनों से इसमें कई तरह की समस्या देखने को मिली है।
मालूम हो कि, वर्तमान में रैयतों को अपनी ज़मीन की जानकारी मार्च 2025 तक देनी होगी। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग इस काम को तेज़ी से पूरा करना चाहता है। गाँवों में सर्वे के काम को गति देने के साथ-साथ शहरों में भी सर्वे शुरू करने की योजना है। विभाग जल्द ही शहरी क्षेत्रों में ज़मीन सर्वे की प्रक्रिया की पूरी जानकारी देगा।
जानकारी हो कि, अभी तक लगभग 78 लाख रैयतों ने अपनी ज़मीन की जानकारी दी है। ऑनलाइन सुविधा बंद होने से इसमें थोड़ी कमी आई है। दूर-दराज़ के लोगों को अंचल कार्यालय तक आने में दिक्कत हो रही है। पुराने ज़मीन के रिकॉर्ड लिखने का काम शुरू हो चुका है। यह पुराने खतियान का सार होता है। दूसरे चरण में 18 ज़िलों के 26,786 मौज़ों में सर्वे का काम शुरू हो गया है।
लेकिन ऑनलाइन स्वघोषणा फिलहाल 21 फ़रवरी तक बंद है। विभाग अपने सर्वर में कुछ बदलाव कर रहा है। हर प्रमंडल के लिए अलग सर्वर बनाया जा रहा है। इस दौरान, रैयत अंचल कार्यालयों में जाकर अपनी ज़मीन की जानकारी दे सकते हैं। ज़रूरी कागज़ात और वंशावली भी जमा कर सकते हैं। ज़मीन सर्वे का मकसद ज़मीन के रिकॉर्ड को दुरुस्त करना है। इससे ज़मीन से जुड़े विवाद कम होंगे।