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19-Jun-2025 01:47 PM
By HARERAM DAS
Bihar News: साइबर अपराधों के लगातार बढ़ते मामलों के बीच, बेगूसराय के विजय कारगिल भवन में दो दिवसीय साइबर सिक्योरिटी और CEIR (Central Equipment Identity Register) विषय पर एक महत्वपूर्ण प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस प्रशिक्षण में बेगूसराय और खगड़िया रेंज के 100 से अधिक पुलिस अधिकारियों और कर्मियों ने हिस्सा लिया। कार्यशाला का उद्देश्य पुलिस को साइबर अपराधों की पहचान, रोकथाम और जांच के आधुनिक तरीकों से लैस करना था।
कार्यशाला का नेतृत्व डाआईजी आशीष भारती और एसपी मनीष कुमार ने किया। अधिकारियों ने बताया कि CEIR प्रणाली के माध्यम से खोए या चोरी हुए मोबाइल फोन को ट्रेस और ब्लॉक किया जा सकता है। इसके अलावा, यह तकनीक मोबाइल की यूनिक IMEI नंबर के आधार पर साइबर अपराधियों को पकड़ने में मददगार साबित हो रही है।
DIG आशीष भारती ने कहा, "साइबर अपराध समाज के लिए एक बड़ी चुनौती बन चुका है। इसका स्वरूप तेजी से बदल रहा है। ऐसे में पुलिस कर्मियों को भी निरंतर अपडेट और प्रशिक्षित करना अनिवार्य है।" उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण सत्र को वर्चुअल प्लेटफार्म के माध्यम से अन्य थानों में भी लाइव प्रसारित किया गया, ताकि ज्यादा से ज्यादा पुलिसकर्मी इसका लाभ उठा सकें।
इस अवसर पर साइबर लॉ विशेषज्ञ अनिकेत कुमार ने भी पुलिस अधिकारियों को साइबर कानून, डेटा प्राइवेसी, डिजिटल फ्रॉड, फिशिंग, स्पूफिंग जैसे विषयों पर जानकारी दी। उन्होंने बताया कि किस तरह कानूनी पहलुओं को समझकर अपराधियों के खिलाफ प्रभावी केस तैयार किया जा सकता है।
DIG ने आम नागरिकों से भी साइबर अपराध के प्रति सतर्क रहने की अपील की। उन्होंने कहा, "सतर्कता ही बचाव है।" इसके लिए बिहार पुलिस द्वारा "साइबर दोस्त" जैसे जागरूकता प्लेटफॉर्म चलाए जा रहे हैं, जिनके जरिए आम जनता को सुरक्षित रहने के उपाय बताए जाते हैं। इनमें संदिग्ध लिंक पर क्लिक न करें, पासवर्ड मजबूत रखें, सोशल मीडिया पर निजी जानकारी साझा करने से बचें, तुरंत 1930 हेल्पलाइन पर साइबर अपराध की शिकायत के अलावा भी कई अन्य सुविधाएं शामिल हैं।
एसपी मनीष कुमार ने बताया कि इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रम आगे भी नियमित रूप से आयोजित किए जाएंगे, ताकि पुलिस कर्मी तकनीकी रूप से दक्ष हों और साइबर अपराध की बदलती रणनीतियों से निपट सकें। उन्होंने यह भी कहा कि अब थानों को साइबर सेल से जोड़ा जा रहा है ताकि घटनाओं की त्वरित जांच की जा सके।
बेगूसराय और खगड़िया पुलिस की यह पहल दिखाती है कि साइबर अपराध से लड़ने के लिए तकनीकी दक्षता, कानूनी जानकारी और जन-सहभागिता तीनों आवश्यक हैं। यदि पुलिस बल इस तरह से निरंतर अपडेट और प्रशिक्षित होता रहे, तो बिहार में साइबर सुरक्षा को एक नई मजबूती मिलेगी।