तमिलनाडु के CM स्टालिन के बेटे उदयनिधि पर बिहार में मुकदमा, सनातन धर्म को खत्म करने की कही थी बात

1st Bihar Published by: MANOJ KUMAR Updated Mon, 04 Sep 2023 01:25:53 PM IST

तमिलनाडु के CM स्टालिन के बेटे उदयनिधि पर बिहार में मुकदमा, सनातन धर्म को खत्म करने की कही थी बात

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MUZAFFARPUR: बड़ी खबर मुजफ्फरपुर से आ रही है, जहां तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिए के खिलाफ कोर्ट में परिवाद दायर हुआ है। मुजफ्फरपुर के वकील सुनील कुमार ओझा ने मुजफ्फरपुर सिविल कोर्ट में उदयनिधि के खिलाफ परिवाद दायर कराया है। परिवादी ने आरोप लगाया है कि तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि के सनातन धर्म को लेकर दिए गए विवाद बयान के कारण पूरे देश के हिंदुओं की भावना को ठेस पहुंची है।


दरअसल, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे और राज्य में मंत्री उदयनिधि ने पिछले दिनों सनातन धर्म को खत्म करने की बात कहते हुए इसकी तुलना मलेरिया, डेंगू, कोरोना जैसी बीमारी से की थी और कहा था कि ऐसी चीजों का विरोध नहीं करना चाहिए, बल्कि नष्ट कर देना चाहिए। तमिलनाडु प्रगतिशील लेखक एवं कलाकार संघ द्वारा आयोजित की गई बैठक को तमिल में संबोधित करते हुए उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म का उल्लेख 'सनातनम' के तौर पर किया था। उन्होंने कहा, सनातनम क्या है? यह संस्कृत भाषा से आया शब्द है। सनातन समानता और सामजिक न्याय के खिलाफ होने के अलावा कुछ नहीं हैं।


उदयनिधि के इस विवादित बयान के बाद पूरे देश में सियासी घमासान छिड़ गया है। इसी बीच मुजफ्फरपुर के अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा ने सिविल कोर्ट में उदयनिधि के खिलाफ परिवार दायर किया है। आरोप है कि उदयनिधि ने सोची समझी साजिश के तहत बीते दो सितंबर को चेन्नई में एक बयान दिया जो टीवी चैनलों और अन्य समाचार पत्रों में प्रमुखता से छपी। अपने बयान में उदयनिधि ने सनातन धर्म की तुलना डेंगू और मलेरिया से करते हुए कहा है कि इसका विरोध नहीं बल्कि, इसे पूरी तरह से खत्म कर देना चाहिए।


आरोप है कि उदयनिधि के इस बयान से हिंदू धर्म के करोड़ों लोगों का अपमान हुआ है और उनकी भावना को ठेस पहुंची है। उदयनिधि के इस बयान से पूरे देश में हिंदू और सनातन धर्म को मानने वाले करोड़ों लोगों की धार्मिक भावना आहत हुई है। राजनीतिक लाभ लेने के उद्देश्य से अभियुक्त ने इस तरह का बयान दिया है ऐसे में अभियुक्तों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए। कोर्ट ने अधिवक्ता के परिवाद को स्वीकार कर लिया है। इस मामले पर कोर्ट 14 सितंबर को सुनवाई करेगा।