बिहार में संवैधानिक संकट : स्पीकर की जानकारी के बगैर बदली सदन की कार्यसूची, अविश्वास प्रस्ताव का एजेंडा रातों रात हुआ शामिल

बिहार में संवैधानिक संकट : स्पीकर की जानकारी के बगैर बदली सदन की कार्यसूची, अविश्वास प्रस्ताव का एजेंडा रातों रात हुआ शामिल

PATNA : बिहार की राजनीति के लिए आज का दिन बेहद खास है। राज्य की राजनीति संवैधानिक संकट की तरफ बढ़ती दिख रही है। बिहार की सत्ता में आई नीतीश–तेजस्वी की नई सरकार को आज सदन में विश्वासमत हासिल करना है। इसके लिए बिहार विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया है लेकिन विश्वासमत के अलावे स्पीकर विजय कुमार सिन्हा के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर भी आज सदन में चर्चा होगी। दरअसल विधानसभा में आज की कार्यसूची में स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का एजेंडा सबसे पहले शामिल किया गया है। विश्वस्त सूत्रों के हवाले से जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक विधानसभा की कार्यसूची को लेकर स्पीकर ने अपनी सहमति नहीं दी है, इसके बावजूद अविश्वास प्रस्ताव का एजेंडा किस स्तर से आज की कार्य सूची में बदलाव किया गया यह एक बड़ा सवाल है? बिहार विधानसभा के मौजूदा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा अपने खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को बुधवार के दिन ही खारिज कर चुके हैं। इसके बावजूद अविश्वास प्रस्ताव का एजेंडा आज सदन की कार्यसूची में सबसे पहले शामिल किया गया।


दरअसल बिहार विधानसभा के मौजूदा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा अपने खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को गलत बताते हुए इसे खारिज करने का ऐलान कर चुके हैं। देर रात तक की विजय कुमार सिन्हा और सरकार के बीच संवाद स्थापित करने का प्रयास होता रहा। सरकार की तरफ से एक जेडीयू एमएलसी को विजय सिन्हा के पास भी भेजा गया लेकिन रास्ता नहीं निकला। रात के वक्त विधानसभा में आज होने वाले एजेंडे को लेकर एक कार्य सूची सोशल मीडिया पर जारी कर दी गई। इसमें विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का एजेंडा भी शामिल किया गया। विधानसभा के लिए आज जो कार्य सूची वायरल की गई उसमें अध्यक्ष के प्रारंभिक संबोधन के बाद उन को हटाए जाने से संबंधित प्रस्ताव और उस पर वोटिंग की चर्चा है जबकि पहले की कार्यसूची में स्पीकर वाला एजेंडा सबसे आखिर में बताया जा रहा. अध्यक्ष को हटाए जाने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा सदन में विश्वासमत का प्रस्ताव पेश किए जाने का एजेंडा शामिल है। इसके बाद अन्य कार्य होंगे लेकिन सूत्रों की मानें तो स्पीकर ने इस कार्य सूची पर मुहर ही नहीं लगाई। इसके बावजूद यह एजेंडा कैसे वायरल हुआ इसको लेकर अब बड़े सवाल खड़े हो रहे हैं। 


स्पीकर की सहमति के बगैर अगर वाकई इस कार्य सूची को तय किया गया तो इसे किसने तय किया यह अपने आप में बड़ा सवाल है? क्या स्पीकर की सहमति के बगैर सदन के अंदर एजेंडा तय किया जा सकता है इसको लेकर भी अब सियासी गलियारे में सुबह से चर्चा है। लेकिन फर्स्ट बिहार तमाम मीडिया की खबरों के बीच यह बता रहा है कि स्पीकर विजय कुमार सिन्हा ने अपने खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को मंजूरी नहीं दी है। इसके बावजूद आज के एजेंडे में इसे शामिल किया जाना संवैधानिक संकट की तरफ इशारा करता है। विजय कुमार सिन्हा के खिलाफ डिप्टी स्पीकर महेश्वर हजारी ने कल ही मोर्चा खोल दिया था। सरकार और स्पीकर आमने-सामने हैं, ऐसे में सरकार के स्तर से कार्य सूची तय करने को लेकर अगर कोई बड़ा खेल खेला गया है तो आज विधानसभा में इसे लेकर हंगामा भी देखने को मिलेगा।