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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 13 Apr 2023 07:34:19 PM IST
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PATNA: बिहार में जातीय जनगणना का काम युद्धस्तर पर जारी है। जातीय जनगणना का दूसरा चरण 15 अप्रैल से शुरू होगा जो कुल एक महीना 15 मई तक चलेगा। दूसरे चरण में परिवार के मुखिया से 17 प्रकार के प्रश्न पूछे जाएंगे। ऐप के माध्यम से प्रश्नों का जवाब भरा जाएगा। इसे लेकर कोड तक जारी कर दिया गया है। लोगों से घर-घर जाकर यह 17 तरह के प्रश्न पूछने की जिम्मेदारी बिहार के शिक्षकों को दी गयी है। लेकिन बिहार के नियोजित शिक्षकों ने 15 अप्रैल से शुरू होने वाले दूसरे चरण की जनगणना खुद को अलग रखने का फैसला लिया है।
नियोजित शिक्षकों ने जातीय जनगणना का बहिष्कार करने का ऐलान किया है। शिक्षक संघ ने 24 घंटे की मोहलत नीतीश सरकार को दी है। कहा है कि यदि शिक्षक नियुक्ति नियमावली को सरकार वापस नहीं लेती है तो वे जातीय जनगणना का बहिष्कार करेंगे। इस काम से खुद को अलग रखेंगे। शिक्षक संघ का कहना है कि बिहार सरकार उनके साथ नाइंसाफी कर रही है। लोगों को ठगने का काम कर रही है।
बता दें कि मंगलवार को हुई नीतीश कैबिनेट की बैठक में सरकार ने नई शिक्षक भर्ती नियमावली 2023 को मंजूरी दे दी। शिक्षा विभाग ने इसे लेकर अधिसूचना भी जारी कर दी। इसके साथ ही अब बिहार में पहली कक्षा से लेकर 12वीं कक्षा तक के शिक्षकों की बहाली बीपीएससी के माध्यम से होगी। अब बिहार लोक सेवा आयोग ही परीक्षा लेगा। इस परीक्षा में अभ्यर्थी अधिकतम तीन बार शामिल हो सकते हैं। लेकिन इस नियमावली का विरोध टीईटी और एसटीईटी उत्तीर्ण नियोजित शिक्षक लगातार कर रहे है। पटना से लेकर विभिन्न जिलों में भी वे सरकार की इस नियमावली का विरोध कर रहे हैं।
शिक्षकों का कहना था कि जब भी शिक्षकों के अधिकार और वेतन वृद्धि की बातें सामने आती है सरकार नई शिक्षक भर्ती नियमावली थोप दे देती है। इस बार भी नीतीश सरकार ने कुछ ऐसा ही किया। नियोजित शिक्षकों को राज्य कर्मी का दर्जा दिये जाने की बात पहले भी कही गयी थी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अब सरकार फिर शिक्षक नियमावली थोपकर मामले को ठंडे बस्ते में डालना चाहती है।
शिक्षकों का कहा था कि वेतनमान की जगह स्पेशल वेतनमान की बातें कही जा रही है और सामान्य पद पर परीक्षा लेकर पुनः बहाली शिक्षकों का शोषण है। शिक्षक संघ ने कहा कि नीतीश सरकार उनके साथ नाइंसाफी कर रही है। बिहार के शिक्षकों को ठगने का काम कर रही है। पेंच लगाकर मामले को उलझाने का काम सरकार ने किया है। लेकिन अब वे चुप नहीं बैठेंगे। आगामी 15 अप्रैल से शुरू होने वाले जनगणना के दूसरे चरण का बहिष्कार करेंगे।