ब्रेकिंग न्यूज़

समाजसेवी अजय सिंह ने मदद के बढ़ाए हाथ, पुलिस और आर्मी भर्ती की तैयारी कर रहे युवाओं को सौंपा जंपिंग गद्दा Success Story: पुलिस ने मांगी रिश्वत तो लड़की ने शुरू कर दी UPSC की तैयारी, पहले IPS बनीं; फिर IAS बनकर पिता का सपना किया साकार JEE Main 2025: जेईई मेन में VVCP के छात्र-छात्राओं ने फिर लहराया परचम, जिले के टॉप थ्री पर कब्जा BIHAR NEWS: बिहार के गरीबों के लिए 2102 करोड़ रू की मंजूरी, जल्द ही खाते में जायेगी राशि, डिप्टी CM ने PM मोदी को कहा 'धन्यवाद' Chanakya Niti: दौलत, औरत और औलाद ...चाणक्य ने इन्हें क्यों बताया अनमोल? नीतीश कुमार को बड़ा झटका, जेडीयू के पूर्व विधायक मास्टर मुजाहिद आलम ने दिया इस्तीफा Namami Gange Yojana: बिहार के इस जिले को केंद्र सरकार की सौगात, नमामी गंगे और अटल मिशन के तहत मिलेगा साढ़े पांच सौ करोड़ का विकास पैकेज जनेऊ नहीं उतारा तो परीक्षा से किया बाहर, FIR के बाद बढ़ी सियासत Parenting Tips: पढ़ाई के दौरान क्यों आती है बच्चों को नींद? ये काम करें; दूर हो जाएगी परेशानी Bihar politics: बहुमत है, पर नैतिकता नहीं', बीजेपी पर बरसे मनोज झा, वक्फ कानून की वापसी की उठाई मांग!

सहरसा और सुपौल डाकघर में करोड़ों की हेराफेरी, कई कर्मी हुए सस्पेंड

1st Bihar Published by: RITESH HUNNY Updated Wed, 03 Aug 2022 01:48:00 PM IST

सहरसा और सुपौल डाकघर में करोड़ों की हेराफेरी, कई कर्मी हुए सस्पेंड

DESK: बिहार के सहरसा और सुपौल के अलग-अलग डाकघरों से डाक कर्मियों के काले कारनामे का खुलासा हुआ है। यहां 3 करोड़ 45 लाख की हेराफेरी की गई है। इस हेराफेरी को लेकर सहरसा और सुपौल मिलाकर कुल 14 कर्मियों को विभाग ने सस्पेंड कर दिया है। मामला फरवरी महीने का ही है। वहीं, जांच करने आये पोस्टमॉस्टर जेनरल पूर्वी क्षेत्र के अदनान अहमद ने 14 कर्मियों को निलंबित कर दिया। 



निलंबित कर्मियों में प्रधान डाकघर सहरसा के डाकपाल राजेश कुमार, मुकेश मिश्रा, वीरेंद्र साहा, मनोज हांसदा, एसबीओ सुपरवाईजर मुकेश निराला शामिल हैं। जानकारी हो कि इन सब कर्मियों ने मृत खाते को बिना केवाईसी लिए रिवाईज कर खाता को चालू करके करोड़ों की निकासी कर ली थी। इसका मास्टरमाइंड प्रधान डाकघर के तत्कालीन डाकपाल राजेश कुमार और ऐसबीओ सुपरवाईजर मुकेश कुमार निराला बताया जा रहा है। विभागीय सूत्रों की माने तो प्रधान डाकघर के डाकपाल को अनफ्रीज करने का पावर रहता है। जिसका उनके द्वारा दुरुपयोग किया गया। 



वहीं एसबीसीओ सुपरवाईजर मुकेश कुमार निराला ने ठीक से जांच नहीं की और न ही ग्राहक के हस्ताक्षर का मिलान किया। इन कर्मियों ने नियम को ताख पर रखकर डाकपाल की मिलीभगत से लंबे समय से ट्रांजेक्शन नहीं हुए मृत खाते को प्रधान डाकघर सहित अन्य डाकघरों में चालू कर दिया गया। जब 2016 में माइग्रेट होने पर खाते में पैसा बढ़ने लगा तो उक्त कर्मियों के द्वारा पैसा निकासी की जाने लगी। जब इसकी भनक प्रधान डाकघर के डाकपाल राजीव रंजन को को लगी तो उन्होंने अपने वरीय अधिकारियों को विधिवत सूचना दी। उसके बाद इस करोड़ो रूपये की हेराफेरी की पोल खुलने लगी।



सूत्रों के हवाले इस हेराफेरी मामले को लेकर सीबीआई जांच के लिए भी विभाग द्वारा अनुशंसा की गई है। हालांकि प्रधान डाकघर के डाकपाल राजीव रंजन ने सिरे से खारिज करते हुए कहा कि हमें जानकारी नहीं है। हमारे वरीय अधिकारी ही बता पाएंगे। वहीं इस हेराफेरी की मामले को लेकर प्रधान डाकघर के डाकपाल राजीव रंजन ने बताया कि सहरसा और सुपौल मिलाकर कुल 2 लाख 49 हजार की रिकवरी हो गयी है और जांच चल ही रही है। जांच अभी पूरा नहीं हुआ है, जांच पूरा होने के बाद ही कुछ बता पाएंगे।